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शिमला , 06 जून [ विशाल सूद ] ! हिमाचल में पिछले पांच से 12 साल से जल शक्ति विभाग में 1571 पार्ट टाइम वर्कर काम (आउट सोर्स )आधार पर लगाए थे जिन को मौजूदा सुखविंदर सिंह सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिसको लेकर पार्ट टाइम वर्कर लगातार सरकार से नौकरी बहाली की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने आज शिमला में धरना दिया इनकी मांग है कि जल शक्ति विभाग में इनकी सेवाओं को सरकार बहाल करें साथ ही इनके लिए कोई नीति बनाए। जल शक्ति विभाग में लगे पार्ट टाइम वर्कर के अध्यक्ष राजेश शर्मा का कहना है कि पिछले पांच से 12 साल से प्रदेश में पार्ट टाइम वर्कर आउट सोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। जिनको तीन हज़ार से लेकर 3500 रुपये प्रति माह मिलते हैं। लेकिन 30 दिसंबर 2022 को कंपनी का टेंडर खत्म हो गया। बावजूद इसके इनसे विभाग में 3 महीने तक है सेवाएं ली गई। उसके बाद काम पर आने से मना कर दिया। समस्त कर्मचारियों ने करोना जैसी महामारी में भी अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। अब सरकार से मांग है की उनको किसी नीति के तहत काम पर रखे और उनको सात से आठ हज़ार तक मानदेय दिया जाए। ऐसा न हो की बेरोजगार युवाओं को एक साथी की तरह आत्म हत्त्या को मजबूर होना पड़े। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 06 जून [ विशाल सूद ] ! हिमाचल में पिछले पांच से 12 साल से जल शक्ति विभाग में 1571 पार्ट टाइम वर्कर काम (आउट सोर्स )आधार पर लगाए थे जिन को मौजूदा सुखविंदर सिंह सरकार ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जिसको लेकर पार्ट टाइम वर्कर लगातार सरकार से नौकरी बहाली की मांग कर रहे हैं। अपनी मांगों को लेकर कर्मचारियों ने आज शिमला में धरना दिया इनकी मांग है कि जल शक्ति विभाग में इनकी सेवाओं को सरकार बहाल करें साथ ही इनके लिए कोई नीति बनाए।
जल शक्ति विभाग में लगे पार्ट टाइम वर्कर के अध्यक्ष राजेश शर्मा का कहना है कि पिछले पांच से 12 साल से प्रदेश में पार्ट टाइम वर्कर आउट सोर्स पर सेवाएं दे रहे हैं। जिनको तीन हज़ार से लेकर 3500 रुपये प्रति माह मिलते हैं। लेकिन 30 दिसंबर 2022 को कंपनी का टेंडर खत्म हो गया। बावजूद इसके इनसे विभाग में 3 महीने तक है सेवाएं ली गई। उसके बाद काम पर आने से मना कर दिया। समस्त कर्मचारियों ने करोना जैसी महामारी में भी अपनी जान जोखिम में डालकर काम किया। अब सरकार से मांग है की उनको किसी नीति के तहत काम पर रखे और उनको सात से आठ हज़ार तक मानदेय दिया जाए। ऐसा न हो की बेरोजगार युवाओं को एक साथी की तरह आत्म हत्त्या को मजबूर होना पड़े।
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