पर्यटकों सहित स्थानीय लोगों ने पसंद किए बुनकरों के उत्पाद।
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शिमला , 27 जनवरी [ विशाल सूद ] ! शिमला के गेयटी थियेटर में सात दिवसीय बुनकर सेवा केंद्र कुल्लू द्वारा हथकरघा, हस्तशिल्प एवं खादी व्यवसाय से जुड़े कामकारों की जिला स्तरीय प्रदर्शनी का आज समापन हो गया। सात दिन तक चली प्रर्दशनी और बिक्री को पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने खूब पसंद किया। बुनकरों के उत्पाद हाथों हाथ बिके। हस्तशिल्प व खादी व्यवसाय से जुड़े कामकारों को बाजार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से इस प्रदर्शनी का बुनकर सेवा केंद्र कुल्लू वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजन किया गया। प्रदर्शनी में हिमाचल प्रदेश के बुनकरों के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। शॉल और टोपी के साथ शहद, धूप, अगरबत्ती, हर्बल मेहंदी, शैंपू, तेल और साबुन आदि कई तरह के उत्पाद प्रदर्शित किए गए। बुनकर सेवा केंद्र कुल्लू के कार्यालय प्रमुख विनय कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के बुनकरों, हस्तशिल्पकारों के उत्पादों के अलावा दूसरे राज्यों बनारस की साड़ी, सूट, पानीपत से घर की सजावटी की चीजें प्रदर्शनी में लगाई गई थी जिन्हें लोगों काफी पसंद किया। अगले वर्ष दिसंबर के महीने में प्रदर्शनी लगाई जाएगी ताकि बुनकरों को ज्यादा फायदा मिल सके। प्रदर्शनी में शिमला के धामी की महिलाओं द्वारा ऊन व से निर्मित बेबी डॉल को लोगों ने खूब पसंद किया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा ऊन से बनाई गई डॉल में ऊन का इस्तेमाल किया गया जो बच्चों के स्वास्थ्य को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है।
शिमला , 27 जनवरी [ विशाल सूद ] ! शिमला के गेयटी थियेटर में सात दिवसीय बुनकर सेवा केंद्र कुल्लू द्वारा हथकरघा, हस्तशिल्प एवं खादी व्यवसाय से जुड़े कामकारों की जिला स्तरीय प्रदर्शनी का आज समापन हो गया। सात दिन तक चली प्रर्दशनी और बिक्री को पर्यटकों और स्थानीय लोगों ने खूब पसंद किया। बुनकरों के उत्पाद हाथों हाथ बिके। हस्तशिल्प व खादी व्यवसाय से जुड़े कामकारों को बाजार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से इस प्रदर्शनी का बुनकर सेवा केंद्र कुल्लू वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आयोजन किया गया।
प्रदर्शनी में हिमाचल प्रदेश के बुनकरों के उत्पादों को प्रदर्शित किया गया। शॉल और टोपी के साथ शहद, धूप, अगरबत्ती, हर्बल मेहंदी, शैंपू, तेल और साबुन आदि कई तरह के उत्पाद प्रदर्शित किए गए। बुनकर सेवा केंद्र कुल्लू के कार्यालय प्रमुख विनय कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के बुनकरों, हस्तशिल्पकारों के उत्पादों के अलावा दूसरे राज्यों बनारस की साड़ी, सूट, पानीपत से घर की सजावटी की चीजें प्रदर्शनी में लगाई गई थी जिन्हें लोगों काफी पसंद किया। अगले वर्ष दिसंबर के महीने में प्रदर्शनी लगाई जाएगी ताकि बुनकरों को ज्यादा फायदा मिल सके।
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प्रदर्शनी में शिमला के धामी की महिलाओं द्वारा ऊन व से निर्मित बेबी डॉल को लोगों ने खूब पसंद किया। स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा ऊन से बनाई गई डॉल में ऊन का इस्तेमाल किया गया जो बच्चों के स्वास्थ्य को भी किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है।
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