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सलूणी , 16 अगस्त [ शिवानी ] ! मंजीर पंचायत के गांव पणताह के रहने वाले प्यार सिंह का परिवार मौत के साए में जिंदगी जीने को मजबूर है। उन्हें न घर मिला,न गौशाला मिली न घर का डंगा, मिला तो सिर्फ गरीब परिवार को आश्वासन। प्यार सिंह का घर बैसाखी के सहारे टिका हुआ है अगर लकड़ी की वैशाखियां हटी तो 5 सदस्यों का परिवार इसी घर में दफन होकर मर जाएगा। आपको बता दें कि कई बार इन्होंने सरकार व प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन आश्वासन के अलावा परिवार को अभी तक कुछ भी नहीं मिल पाता है। उनके अनुसार हिमाचल सरकार की अनेकों योजनाएं जो गरीबों के लिए चलाई जा रही हैं लेकिन गरीबों तक वो योजनाएं पहुंच ही नहीं पा रही। गरीब परिवार आज भी सरकार और प्रशासन के दरवाजे खटखटाता रहता है लेकिन राजनीतिक पहुंच न होने के कारण ऐसे परिवारों को सब दरकिनार कर देते हैं।
सलूणी , 16 अगस्त [ शिवानी ] ! मंजीर पंचायत के गांव पणताह के रहने वाले प्यार सिंह का परिवार मौत के साए में जिंदगी जीने को मजबूर है। उन्हें न घर मिला,न गौशाला मिली न घर का डंगा, मिला तो सिर्फ गरीब परिवार को आश्वासन।
प्यार सिंह का घर बैसाखी के सहारे टिका हुआ है अगर लकड़ी की वैशाखियां हटी तो 5 सदस्यों का परिवार इसी घर में दफन होकर मर जाएगा।
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आपको बता दें कि कई बार इन्होंने सरकार व प्रशासन से गुहार लगाई है, लेकिन आश्वासन के अलावा परिवार को अभी तक कुछ भी नहीं मिल पाता है। उनके अनुसार हिमाचल सरकार की अनेकों योजनाएं जो गरीबों के लिए चलाई जा रही हैं लेकिन गरीबों तक वो योजनाएं पहुंच ही नहीं पा रही।
गरीब परिवार आज भी सरकार और प्रशासन के दरवाजे खटखटाता रहता है लेकिन राजनीतिक पहुंच न होने के कारण ऐसे परिवारों को सब दरकिनार कर देते हैं।
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