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शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां शिशु गृह टूटीकंडी शिमला में ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ आर्यन (काल्पनिक नाम) का उसके भावी माता को दत्तक ग्रहण करवाया। उन्होंने आर्यन की भावी माता को बधाई दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समाज के समृद्ध लोगों से अपील की कि वे शिशु गृह व आश्रमों में पल रहे किशोर बच्चों को अपनाने के लिए आगे आएं ताकि इन बच्चों का सुखद व उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के कमजोर व गरीब वर्गों के कल्याण के लिए निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि 4000 असहाय बच्चों की अब प्रदेश सरकार ही माता, सरकार ही पिता है और इन्हें ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार इन बच्चों के कल्याण के लिए ‘मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना’ आरम्भ की है तथा इस समय प्रदेश में 49 बाल-बालिका संस्थान चलाए जा रहे हैं। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इन वर्गों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है तथा मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष प्रदेश सरकार के इन प्रयासों की दिशा में एक और सार्थक पहल है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों के रहन-सहन, शिक्षा से लेकर उनके भविष्य को सुरक्षित करने में यह कोष सहायक बन रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा व दिव्यांग अभिभावकों के 0-27 वर्ष के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण के लिए इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना भी आरम्भ की गई है। इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश बाल कल्याण परिषद के महासचिव मोहन दत्त शर्मा तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला ममता पॉल भी उपस्थित थे।.
शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां शिशु गृह टूटीकंडी शिमला में ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ आर्यन (काल्पनिक नाम) का उसके भावी माता को दत्तक ग्रहण करवाया। उन्होंने आर्यन की भावी माता को बधाई दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समाज के समृद्ध लोगों से अपील की कि वे शिशु गृह व आश्रमों में पल रहे किशोर बच्चों को अपनाने के लिए आगे आएं ताकि इन बच्चों का सुखद व उज्ज्वल भविष्य सुनिश्चित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार समाज के कमजोर व गरीब वर्गों के कल्याण के लिए निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि 4000 असहाय बच्चों की अब प्रदेश सरकार ही माता, सरकार ही पिता है और इन्हें ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया गया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार इन बच्चों के कल्याण के लिए ‘मुख्यमंत्री सुख-आश्रय योजना’ आरम्भ की है तथा इस समय प्रदेश में 49 बाल-बालिका संस्थान चलाए जा रहे हैं।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इन वर्गों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाने वाला हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है तथा मुख्यमंत्री सुख आश्रय कोष प्रदेश सरकार के इन प्रयासों की दिशा में एक और सार्थक पहल है। उन्होंने कहा कि इन बच्चों के रहन-सहन, शिक्षा से लेकर उनके भविष्य को सुरक्षित करने में यह कोष सहायक बन रहा है। इसके अतिरिक्त प्रदेश सरकार द्वारा विधवा, परित्यक्ता, तलाकशुदा व दिव्यांग अभिभावकों के 0-27 वर्ष के बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण के लिए इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना भी आरम्भ की गई है।
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इस अवसर पर हिमाचल प्रदेश बाल कल्याण परिषद के महासचिव मोहन दत्त शर्मा तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला ममता पॉल भी उपस्थित थे।
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