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मंडी, 26 जुलाई, [ विशाल सूद ] ! पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने "कारगिल विजय दिवस" के मौके पर मण्डी में भाजयुमो की ओर से आयोजित शहीद सम्मान समारोह में भाग लिया। समारोह में उन्होंने पूर्व सैनिकों एवं शहीद जवानों के परिवारजनों को सम्मानित भी किया। इससे पूर्व उन्होंने इंदिरा मार्किट के शहीद स्मारक पहुंचकर कारगिल युद्ध के महानायक वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की कर्तव्यनिष्ठा व त्याग की भावना पर हमें गर्व है। अतुलनीय शौर्य एवं साहसपूर्ण प्रदर्शन से भारत के स्वाभिमान की विजय गाथा लिखने वाले इन वीर सपूतों को आज स्मरण करते हुए हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। वो युद्ध के दिन जब भी याद आते हैं तो आंखे भर आती हैं। मैं तब पहली बार का विधायक बना था औऱ हमें पार्टी की ओर से आदेश हुआ था कि जहां भी शहीद की पार्थिव देह आये तो वहां पहुंचो। मुझे याद है जहां भी शहीद की पार्थिव देह पहुंची तो हजारों लोग उमड़े थे। देशभक्ति का ऐसा माहौल और जुनून कभी नहीं देखा था। हिमाचल के 52 जवान हमारे इस युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए और मंडी जिला से भी हमारे 12 सैनिक अपना सर्वोच्च बलिदान देते हुए देश की खातिर शहीद हुए थे। हम तब सभी के घर पहुंचे थे और परिजनों से भी मिले थे। आज ये दिवस मनाने का फैसला पार्टी ने लिया ताकि उन वीर जवानों की शहादत को याद किया जाए।
मंडी, 26 जुलाई, [ विशाल सूद ] ! पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने "कारगिल विजय दिवस" के मौके पर मण्डी में भाजयुमो की ओर से आयोजित शहीद सम्मान समारोह में भाग लिया। समारोह में उन्होंने पूर्व सैनिकों एवं शहीद जवानों के परिवारजनों को सम्मानित भी किया। इससे पूर्व उन्होंने इंदिरा मार्किट के शहीद स्मारक पहुंचकर कारगिल युद्ध के महानायक वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके उन्होंने कहा कि भारतीय सेना की कर्तव्यनिष्ठा व त्याग की भावना पर हमें गर्व है।
अतुलनीय शौर्य एवं साहसपूर्ण प्रदर्शन से भारत के स्वाभिमान की विजय गाथा लिखने वाले इन वीर सपूतों को आज स्मरण करते हुए हम गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। वो युद्ध के दिन जब भी याद आते हैं तो आंखे भर आती हैं। मैं तब पहली बार का विधायक बना था औऱ हमें पार्टी की ओर से आदेश हुआ था कि जहां भी शहीद की पार्थिव देह आये तो वहां पहुंचो। मुझे याद है जहां भी शहीद की पार्थिव देह पहुंची तो हजारों लोग उमड़े थे। देशभक्ति का ऐसा माहौल और जुनून कभी नहीं देखा था।
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हिमाचल के 52 जवान हमारे इस युद्ध में वीरगति को प्राप्त हुए और मंडी जिला से भी हमारे 12 सैनिक अपना सर्वोच्च बलिदान देते हुए देश की खातिर शहीद हुए थे। हम तब सभी के घर पहुंचे थे और परिजनों से भी मिले थे। आज ये दिवस मनाने का फैसला पार्टी ने लिया ताकि उन वीर जवानों की शहादत को याद किया जाए।
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