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शिमला , 18 जुलाई [ विशाल सूद ] ! जंगी थोपन पॉवर प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है। प्रदेश हाई कोर्ट की डिवीजन बैंच ने सिंगल बैंच के फैंसले को पलटते हुए सरकार के हक में फैंसला सुनाया है। जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और बिपिन चन्द्र नेगी की डिवीजन बैंच ने अदाणी समूह को 280 करोड़ रुपए की प्रीमियम राशि लौटाने के सिंगल बैंच के फैसले को रद्द कर दिया है और कहा है कि अदाणी समूह इसका हकदार नहीं है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अदाणी समूह ने कोर्ट में विचाराधीन मामले में बैक डोर से प्रोजेक्ट में इनवेस्ट किया जो कि प्रोजेक्ट के करार के ख़िलाफ़ है ऐसे में अदाणी समूह को प्रीमियम राशि नहीं लौटाई जाएगी।सरकार ने प्रोजेक्ट का करार ब्रेकल कंपनी के साथ किया था लेकिन कंपनी ने फ्रॉड करके फर्जी दस्तावेज पर प्रोजेक्ट हासिल किया था जो करार के खिलाफ पाया गया और बाद बिना सरकार की सहमति से अदाणी समूह को प्रोजेक्ट का मेंबर बना लिया।ऐसे में ब्रेकल कंपनी भी प्रीमियम राशि की हकदार नहीं है।
शिमला , 18 जुलाई [ विशाल सूद ] ! जंगी थोपन पॉवर प्रोजेक्ट को लेकर हिमाचल प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है। प्रदेश हाई कोर्ट की डिवीजन बैंच ने सिंगल बैंच के फैंसले को पलटते हुए सरकार के हक में फैंसला सुनाया है। जस्टिस विवेक सिंह ठाकुर और बिपिन चन्द्र नेगी की डिवीजन बैंच ने अदाणी समूह को 280 करोड़ रुपए की प्रीमियम राशि लौटाने के सिंगल बैंच के फैसले को रद्द कर दिया है और कहा है कि अदाणी समूह इसका हकदार नहीं है।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अदाणी समूह ने कोर्ट में विचाराधीन मामले में बैक डोर से प्रोजेक्ट में इनवेस्ट किया जो कि प्रोजेक्ट के करार के ख़िलाफ़ है ऐसे में अदाणी समूह को प्रीमियम राशि नहीं लौटाई जाएगी।सरकार ने प्रोजेक्ट का करार ब्रेकल कंपनी के साथ किया था लेकिन कंपनी ने फ्रॉड करके फर्जी दस्तावेज पर प्रोजेक्ट हासिल किया था जो करार के खिलाफ पाया गया और बाद बिना सरकार की सहमति से अदाणी समूह को प्रोजेक्ट का मेंबर बना लिया।ऐसे में ब्रेकल कंपनी भी प्रीमियम राशि की हकदार नहीं है।
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