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धर्मशाला , 26 अक्टूबर ! धर्मशाला में आयोजित हुए हिम सिने फ़िल्म महोत्सव में लगभग फिल्मों को प्रदर्शित किया गया। इस महोत्सव में लघु डाक्यूमेंट्री श्रेणी में 'रणसिंघा' को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। यह डाक्यूमेंट्री फ़िल्म ज़िला बिलासपुर के घुमारवीं स्थित नसवाल़ गांव के संजीव सोनी द्वारा निर्मित है। यह फ़िल्म लोक वाद्यों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में एक सराहनीय कदम है। घुमारवीं में आयोजित प्रैस वार्ता में इस फ़िल्म के निर्माता संजीव सोनी ने बताया कि रणसिंघा जैसा वाद्य समाजिक, प्रशासनिक तथा सरकारी स्तर पर प्रोत्साहन ना मिलने के कारण लुप्त होने के कगार पर है तथा इस वाद्य के जाति विशेष के परम्परागत वादक अपनी रोज़ी रोटी के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनके इस कार्य को फ़िल्म उद्योग जगत की जानी मानी हस्तियों द्वारा सराहा गया। इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं के वरिष्ठ संगीत प्राध्यापक डॉ.सुरेश शर्मा ने कहा कि संजीव सोनी द्वारा इस सृजनात्मक प्रयास सराहनीय है जो फ़िल्म निर्माण तथा निर्देशन के क्षेत्र में जाने वाले इच्छुक युवाओं को प्रोत्साहित तथा प्रेरित करेगा। उन्होंने कहा कि परम्परागत हिमाचली लोकसंगीत, लोकवाद्यों, लोकगीतों तथा लोक-संस्कृति को संरक्षण देने की आवश्यकता है। संजीव सोनी ने इस फ़िल्म के फिल्मांकन के लिए गतवाड़ गांव के विवेक गर्ग, त्यून खास के रणसिंघा वादक जगदीश चन्द तथा राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं के संगीत प्राध्यापक डॉ.सुरेश शर्मा का उनके सहयोग तथा विशेष योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
धर्मशाला , 26 अक्टूबर ! धर्मशाला में आयोजित हुए हिम सिने फ़िल्म महोत्सव में लगभग फिल्मों को प्रदर्शित किया गया। इस महोत्सव में लघु डाक्यूमेंट्री श्रेणी में 'रणसिंघा' को द्वितीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। यह डाक्यूमेंट्री फ़िल्म ज़िला बिलासपुर के घुमारवीं स्थित नसवाल़ गांव के संजीव सोनी द्वारा निर्मित है। यह फ़िल्म लोक वाद्यों के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में एक सराहनीय कदम है। घुमारवीं में आयोजित प्रैस वार्ता में इस फ़िल्म के निर्माता संजीव सोनी ने बताया कि रणसिंघा जैसा वाद्य समाजिक, प्रशासनिक तथा सरकारी स्तर पर प्रोत्साहन ना मिलने के कारण लुप्त होने के कगार पर है तथा इस वाद्य के जाति विशेष के परम्परागत वादक अपनी रोज़ी रोटी के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनके इस कार्य को फ़िल्म उद्योग जगत की जानी मानी हस्तियों द्वारा सराहा गया। इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं के वरिष्ठ संगीत प्राध्यापक डॉ.सुरेश शर्मा ने कहा कि संजीव सोनी द्वारा इस सृजनात्मक प्रयास सराहनीय है जो फ़िल्म निर्माण तथा निर्देशन के क्षेत्र में जाने वाले इच्छुक युवाओं को प्रोत्साहित तथा प्रेरित करेगा।
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उन्होंने कहा कि परम्परागत हिमाचली लोकसंगीत, लोकवाद्यों, लोकगीतों तथा लोक-संस्कृति को संरक्षण देने की आवश्यकता है। संजीव सोनी ने इस फ़िल्म के फिल्मांकन के लिए गतवाड़ गांव के विवेक गर्ग, त्यून खास के रणसिंघा वादक जगदीश चन्द तथा राजकीय महाविद्यालय घुमारवीं के संगीत प्राध्यापक डॉ.सुरेश शर्मा का उनके सहयोग तथा विशेष योगदान के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
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