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शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार देर सांय जिला शिमला के रामपुर में लवी मेले में 8,900 रुपये की खरीदारी की। अंतरराष्ट्रीय लवी मेले के समापन समारोह में शिरकत करने के बाद मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लगाए गए विभिन्न प्रदर्शनी स्टालों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री हस्तशिल्प उत्पादों व सूखे मेवों के एक स्टाल पर रुके। उन्होंने महिला विक्रेता से उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त की और एक किलोग्राम अखरोट और एक दोहड़ू (ऊनी कंबल) खरीदा। मुख्यमंत्री ने कंबल के लिए 8,000 रुपये और अखरोट के लिए 900 रुपये का भुगतान गूगल पे के माध्यम से किया। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा दे रही है, जो न केवल व्यापारिक वस्तुएं हैं बल्कि प्रदेश की समृद्ध संस्कृति का प्रतीक भी हैं। उन्होंने कहा कि लवी जैसे मेले न केवल उत्सव हैं, बल्कि भाईचारे और सद्भावना के भी प्रतीक हैं, जिनका सदियों पुराना इतिहास है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और बीते दो वर्षों में इस संबंध में अनेक पहल की गई हैं तथा भविष्य में इन प्रयासों को और गति देने की योजना है।
शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने वीरवार देर सांय जिला शिमला के रामपुर में लवी मेले में 8,900 रुपये की खरीदारी की। अंतरराष्ट्रीय लवी मेले के समापन समारोह में शिरकत करने के बाद मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर लगाए गए विभिन्न प्रदर्शनी स्टालों का निरीक्षण किया।
मुख्यमंत्री हस्तशिल्प उत्पादों व सूखे मेवों के एक स्टाल पर रुके। उन्होंने महिला विक्रेता से उत्पादों के बारे में जानकारी प्राप्त की और एक किलोग्राम अखरोट और एक दोहड़ू (ऊनी कंबल) खरीदा। मुख्यमंत्री ने कंबल के लिए 8,000 रुपये और अखरोट के लिए 900 रुपये का भुगतान गूगल पे के माध्यम से किया।
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ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार हथकरघा उत्पादों को बढ़ावा दे रही है, जो न केवल व्यापारिक वस्तुएं हैं बल्कि प्रदेश की समृद्ध संस्कृति का प्रतीक भी हैं। उन्होंने कहा कि लवी जैसे मेले न केवल उत्सव हैं, बल्कि भाईचारे और सद्भावना के भी प्रतीक हैं, जिनका सदियों पुराना इतिहास है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है और बीते दो वर्षों में इस संबंध में अनेक पहल की गई हैं तथा भविष्य में इन प्रयासों को और गति देने की योजना है।
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