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शिमला , 18 अक्टूबर [ शिवानी ] ! आज एसएफआई संजौली इकाई द्वारा संजौली महाविद्यालय में 6 छात्रों के अवैध निष्कासन को रद्द करने हेतु आज महाविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया गया । धरना प्रदर्शन के माध्यम से छात्रों ने माँग उठाई कि 6 छात्रों के निष्कासन को तत्काल वापस लिया जाए और जिन प्रोफेसर द्वारा महाविद्यालय में छात्रों से दुर्व्यवहार किया गया उन पर सख्त कार्यवाही की जाए । एसएफआई अध्यक्ष प्रवेश ने कहा कि संजौली महाविद्यालय में छात्रों के जनवादी अधिकारों को बड़ी बेशर्मी से खत्म किया जा रहा है। बीते दिनों संजौली महाविद्यालय में 6 छात्रों को इसलिए निष्कासित किया गया क्योंकि वे छात्र मांगो को लेकर कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे। संजौली महाविद्यालय में हॉस्टल, फीस बढ़ौतरी , पीटीए फीस, व लिंग संवेदनशील कमेटी गठन को लेकर जब छात्र सवाल पूछता है, तो प्रशासन उन सवालों का जवाब देने की बजाय छात्रों को धमकाते है। जब संजौली महाविद्यालय में छात्रों ने प्रदर्शन और तेज किए तब 6 छात्रों को 21 सितंबर को निष्कासित किया गया यह निष्कासन अवैध है। कैंपस सचिव अंशुल ने कहा कि कॉलेज प्रशासन यूनिवर्सिटी ऑर्डिनेंस में दिया गए नियम के विपरीत कार्य कर रहा है। छात्रों को बिना किसी शो कॉस नोटिस के कॉलेज से निष्कासित किया गया और साथ में प्रशासन छात्रों से कोई बात चीत करने को तैयार नहीं है। आज निष्कासित छात्रों को 1 महिने से अधिक का समय होने जा रहा है, लेकिन प्रशासन किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही कर रहा है । जो छात्र अवैध निष्कासन के खिलाफ आवाज उठा रहे है उन्हें कैंपस में मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। पिछले 28 दिनों से छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। जब छात्र प्रशासन से मिलने जा रहे है तो उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा है और दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है और छात्रों को मिड टर्म एग्जाम देने से रोका जा रहा है । एसएफआई संजौली इकाई महाविद्यालय में प्रशासन की इस तानाशाही की कड़ी निंदा करती है अगर निष्कासन वापस नहीं लिया गया तो एसएफआई प्रशासन को आंदोलन के रूप में एक कड़ा जवाब देगी जिसका जिमेवार खुद प्रशासन होगा।
शिमला , 18 अक्टूबर [ शिवानी ] ! आज एसएफआई संजौली इकाई द्वारा संजौली महाविद्यालय में 6 छात्रों के अवैध निष्कासन को रद्द करने हेतु आज महाविद्यालय में धरना प्रदर्शन किया गया ।
धरना प्रदर्शन के माध्यम से छात्रों ने माँग उठाई कि 6 छात्रों के निष्कासन को तत्काल वापस लिया जाए और जिन प्रोफेसर द्वारा महाविद्यालय में छात्रों से दुर्व्यवहार किया गया उन पर सख्त कार्यवाही की जाए ।
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एसएफआई अध्यक्ष प्रवेश ने कहा कि संजौली महाविद्यालय में छात्रों के जनवादी अधिकारों को बड़ी बेशर्मी से खत्म किया जा रहा है। बीते दिनों संजौली महाविद्यालय में 6 छात्रों को इसलिए निष्कासित किया गया क्योंकि वे छात्र मांगो को लेकर कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे।
संजौली महाविद्यालय में हॉस्टल, फीस बढ़ौतरी , पीटीए फीस, व लिंग संवेदनशील कमेटी गठन को लेकर जब छात्र सवाल पूछता है, तो प्रशासन उन सवालों का जवाब देने की बजाय छात्रों को धमकाते है। जब संजौली महाविद्यालय में छात्रों ने प्रदर्शन और तेज किए तब 6 छात्रों को 21 सितंबर को निष्कासित किया गया यह निष्कासन अवैध है।
कैंपस सचिव अंशुल ने कहा कि कॉलेज प्रशासन यूनिवर्सिटी ऑर्डिनेंस में दिया गए नियम के विपरीत कार्य कर रहा है। छात्रों को बिना किसी शो कॉस नोटिस के कॉलेज से निष्कासित किया गया और साथ में प्रशासन छात्रों से कोई बात चीत करने को तैयार नहीं है।
आज निष्कासित छात्रों को 1 महिने से अधिक का समय होने जा रहा है, लेकिन प्रशासन किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही कर रहा है । जो छात्र अवैध निष्कासन के खिलाफ आवाज उठा रहे है उन्हें कैंपस में मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।
पिछले 28 दिनों से छात्रों की पढ़ाई बाधित हो रही है। जब छात्र प्रशासन से मिलने जा रहे है तो उन्हें मिलने नहीं दिया जा रहा है और दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है और छात्रों को मिड टर्म एग्जाम देने से रोका जा रहा है ।
एसएफआई संजौली इकाई महाविद्यालय में प्रशासन की इस तानाशाही की कड़ी निंदा करती है अगर निष्कासन वापस नहीं लिया गया तो एसएफआई प्रशासन को आंदोलन के रूप में एक कड़ा जवाब देगी जिसका जिमेवार खुद प्रशासन होगा।
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