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शिमला ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज जिला कांगड़ा के अंतर्गत इंदौरा स्थित बैरियर चौक से एक विशाल नशा विरोधी जन जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली नशा मुक्त हिमाचल अभियान के अंतर्गत आयोजित की गई। मिनर्वा कॉलेज ऑफ फार्मेसी और अन्य स्थानीय संस्थानों के सैंकड़ों विद्यार्थियों ने इस रैली में भाग लिया। इस दौरान विद्यार्थियों ने नशा मुक्ति से प्रेरित पोस्टरों और बैनरों के माध्यम से हिमाचल को नशा मुक्त बनाने का संदेश दिया और नशामुक्ति की शपथ ली।कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी रैली में भाग लिया और राज्यपाल के इस सराहनीय प्रयास को समर्थन दिया। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि राजनैतिक दलों को स्वयं के प्रचार से पूर्व हिमाचल को नशामुक्त बनाने के अभियान को प्राथमिकता देनी चाहिए। जब तक हम नशे को खत्म नहीं करेंगे, तब तक प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा नहीं कर पाएंगे। इसके उपरांत मिनर्वा ग्रुप ऑफ कॉलेज के परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने नशामुक्त रैली में भाग लेने के लिए विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नशामुक्त भारत की सोच से ही संभव हुआ है और अब यह जन आंदोलन बन चुका है। अब अभिभावक भी इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं और समाज को नशे के दुष्प्रभावों से लड़ने में सहयोग दे रहे हैं। राज्यपाल ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने द्वारा तैयार किए गए नशा विरोधी पोस्टर अपने घरों और आसपास के स्थलों पर लगाएं ताकि इस सामाजिक बुराई के खिलाफ समाज में भी जागरूकता उत्पन्न हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के समय छात्रों को शपथ पत्र देना होगा जिसमें वे नशा न करने का शपथ-पत्र प्रस्तुत करेंगे। यदि कोई छात्र इस संकल्प का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जएगी। उन्होंने पड़ोसी राज्य में नशे की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वहां के कई युवा अब नशे के कारण सेना में भर्ती के योग्य नहीं रह गए हैं। राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में नशा विरोधी कानून पारित करने की सराहना करते हुए कहा कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में उन्होंने स्वयं इस अभियान की अगुवाई की है और राजभवन से बाहर निकलकर प्रदेशभर में इस सामाजिक बुराई के खिलाफ जागरूकता फैलाने का जिम्मा उठाया है। श्री शुक्ल ने कहा कि देश को पांच ट्रीलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए युवाओं को नशे से दूर रखकर अपनी ऊर्जा को सकारात्मक व रचनात्मक दिशा प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने कांगड़ा जिला प्रशासन और पुलिस की सक्रिय भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों से इंदौरा की इस नशामुक्ति की पहल को एक मॉडल बनाकर आगे बढ़ाने का आह्वान किया। इससे पूर्व, राज्यपाल ने मिनर्वा नर्सिंग कॉलेज के नवनिर्मित का लोकार्पण किया और काठगढ़ स्थित प्राचीन शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की। सांसद राजीव भारद्वाज ने राज्यपाल का स्वागत किया और राज्यव्यापी नशामुक्ति अभियान के लिए उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सामाजिक सरोकारों के प्रति गहरी संवेदनशीलता दिखाई है और प्रदेशभर में नशामुक्ति के प्रति अभियान चलाकर जागरूकता की अलख चलाई है। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता से ही इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म किया जा सकता है। विधायक इंदौरा मलेन्द्र राजन ने राज्यपाल के नशामुक्ति अभियान को एक पुनीत कार्य बताया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के इस अभियान से प्रदेश के युवाओं के भविष्य को एक नई दिशा मिलेगी। उन्होंने नशे के खिलाफ सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दते हुए कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री की ज़ीरो टॉलरेंस नीति के अंतर्गत इंदौरा को नशा मुक्त बनाने के लिेए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शशि धीमान ने कहा कि राज्यपाल का इस क्षेत्र का दौरा नशे के विरूद्ध उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में नशे की रोकथाम के लिए समुदाय आधारित मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।इस अवसर पर मिनर्वा कॉलेज के विद्यार्थियों ने नशे के दुष्परिणामों पर आधारित एक नुक्कड़-नाटक प्रस्तुत किया। मिनर्वा कॉलेज ऑफ फार्मेसी के अध्यक्ष जेएस पटियाल ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा, उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक अशोक रतना, पूर्व विधायक रीता धीमान, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज जिला कांगड़ा के अंतर्गत इंदौरा स्थित बैरियर चौक से एक विशाल नशा विरोधी जन जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह रैली नशा मुक्त हिमाचल अभियान के अंतर्गत आयोजित की गई। मिनर्वा कॉलेज ऑफ फार्मेसी और अन्य स्थानीय संस्थानों के सैंकड़ों विद्यार्थियों ने इस रैली में भाग लिया। इस दौरान विद्यार्थियों ने नशा मुक्ति से प्रेरित पोस्टरों और बैनरों के माध्यम से हिमाचल को नशा मुक्त बनाने का संदेश दिया और नशामुक्ति की शपथ ली।कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी रैली में भाग लिया और राज्यपाल के इस सराहनीय प्रयास को समर्थन दिया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि राजनैतिक दलों को स्वयं के प्रचार से पूर्व हिमाचल को नशामुक्त बनाने के अभियान को प्राथमिकता देनी चाहिए। जब तक हम नशे को खत्म नहीं करेंगे, तब तक प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा नहीं कर पाएंगे।
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इसके उपरांत मिनर्वा ग्रुप ऑफ कॉलेज के परिसर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने नशामुक्त रैली में भाग लेने के लिए विद्यार्थियों की सक्रिय भागीदारी की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह अभियान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नशामुक्त भारत की सोच से ही संभव हुआ है और अब यह जन आंदोलन बन चुका है। अब अभिभावक भी इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं और समाज को नशे के दुष्प्रभावों से लड़ने में सहयोग दे रहे हैं।
राज्यपाल ने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपने द्वारा तैयार किए गए नशा विरोधी पोस्टर अपने घरों और आसपास के स्थलों पर लगाएं ताकि इस सामाजिक बुराई के खिलाफ समाज में भी जागरूकता उत्पन्न हो सके। उन्होंने कहा कि राज्य में उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के समय छात्रों को शपथ पत्र देना होगा जिसमें वे नशा न करने का शपथ-पत्र प्रस्तुत करेंगे। यदि कोई छात्र इस संकल्प का उल्लंघन करेगा तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जएगी। उन्होंने पड़ोसी राज्य में नशे की गंभीर स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वहां के कई युवा अब नशे के कारण सेना में भर्ती के योग्य नहीं रह गए हैं।
राज्यपाल ने हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में नशा विरोधी कानून पारित करने की सराहना करते हुए कहा कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख के रूप में उन्होंने स्वयं इस अभियान की अगुवाई की है और राजभवन से बाहर निकलकर प्रदेशभर में इस सामाजिक बुराई के खिलाफ जागरूकता फैलाने का जिम्मा उठाया है।
श्री शुक्ल ने कहा कि देश को पांच ट्रीलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए युवाओं को नशे से दूर रखकर अपनी ऊर्जा को सकारात्मक व रचनात्मक दिशा प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने कांगड़ा जिला प्रशासन और पुलिस की सक्रिय भूमिका की भी सराहना की। उन्होंने विद्यार्थियों से इंदौरा की इस नशामुक्ति की पहल को एक मॉडल बनाकर आगे बढ़ाने का आह्वान किया। इससे पूर्व, राज्यपाल ने मिनर्वा नर्सिंग कॉलेज के नवनिर्मित का लोकार्पण किया और काठगढ़ स्थित प्राचीन शिव मंदिर में पूजा-अर्चना की।
सांसद राजीव भारद्वाज ने राज्यपाल का स्वागत किया और राज्यव्यापी नशामुक्ति अभियान के लिए उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने सामाजिक सरोकारों के प्रति गहरी संवेदनशीलता दिखाई है और प्रदेशभर में नशामुक्ति के प्रति अभियान चलाकर जागरूकता की अलख चलाई है। उन्होंने कहा कि जन जागरूकता से ही इस सामाजिक बुराई को जड़ से खत्म किया जा सकता है।
विधायक इंदौरा मलेन्द्र राजन ने राज्यपाल के नशामुक्ति अभियान को एक पुनीत कार्य बताया। उन्होंने कहा कि राज्यपाल के इस अभियान से प्रदेश के युवाओं के भविष्य को एक नई दिशा मिलेगी। उन्होंने नशे के खिलाफ सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दते हुए कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री की ज़ीरो टॉलरेंस नीति के अंतर्गत इंदौरा को नशा मुक्त बनाने के लिेए प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है।
हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शशि धीमान ने कहा कि राज्यपाल का इस क्षेत्र का दौरा नशे के विरूद्ध उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने विशेषकर सीमावर्ती क्षेत्रों में नशे की रोकथाम के लिए समुदाय आधारित मॉडल विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया।इस अवसर पर मिनर्वा कॉलेज के विद्यार्थियों ने नशे के दुष्परिणामों पर आधारित एक नुक्कड़-नाटक प्रस्तुत किया।
मिनर्वा कॉलेज ऑफ फार्मेसी के अध्यक्ष जेएस पटियाल ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा, उपायुक्त कांगड़ा हेमराज बैरवा, पुलिस अधीक्षक अशोक रतना, पूर्व विधायक रीता धीमान, पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधि और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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