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कांगड़ा , [ नूरपुर ] , 28 मार्च [ शिवानी ] ! कहते है कि अगर मन मे जजबा और कुछ कर दिखाने की चाह हो तो पहाड़ को भी हिलाया जा सकता है। जी हां हम बात कर रहे है जिला कांगडा की विधानसभा नूरपुर की पन्द्रेहड़ पंचायत के ठाना गांव की।आपको बता दें कि सरकार की बेरुखी के आगे घुटने न टेक कर यहां के गांव वालों ने एक मिसाल पेश कर के रख दी है। बता दें कि ठाना गांव के कई परिवार नाले के ऊपर पुलिया का निर्माण न होने के कारण सड़क सुविधा से महरूम थे। हर बार बरसात के समय इस नाले में बाढ़ आने से यह गांव कट जाता था। हालात ऐसे थे कि इस बरसती नाले ने एक 10 वर्षीय बच्चे की जान तक ले ली। जिसके बाद सरकार और प्रशासन से खफा इन गांव वालों ने अपने ही पैसे इक्कठे करके इस नाले पर एक पुलिया का निर्माण करवा दिया है।
कांगड़ा , [ नूरपुर ] , 28 मार्च [ शिवानी ] ! कहते है कि अगर मन मे जजबा और कुछ कर दिखाने की चाह हो तो पहाड़ को भी हिलाया जा सकता है।
जी हां हम बात कर रहे है जिला कांगडा की विधानसभा नूरपुर की पन्द्रेहड़ पंचायत के ठाना गांव की।आपको बता दें कि सरकार की बेरुखी के आगे घुटने न टेक कर यहां के गांव वालों ने एक मिसाल पेश कर के रख दी है।
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बता दें कि ठाना गांव के कई परिवार नाले के ऊपर पुलिया का निर्माण न होने के कारण सड़क सुविधा से महरूम थे। हर बार बरसात के समय इस नाले में बाढ़ आने से यह गांव कट जाता था। हालात ऐसे थे कि इस बरसती नाले ने एक 10 वर्षीय बच्चे की जान तक ले ली। जिसके बाद सरकार और प्रशासन से खफा इन गांव वालों ने अपने ही पैसे इक्कठे करके इस नाले पर एक पुलिया का निर्माण करवा दिया है।
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