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चम्बा 12 नवम्बर [ शिवानी ] ! चम्बा जिला की विधानसभा क्षेत्र डलहौजी के शेरपुर पंचायत के ककियाना व भरुडी गांव के लोग आजकल खौफ के साए में अपने दिन बिता रहे हैं। दरअसल यह सारा गांव धीरे-धीरे भूस्खलन की चपेट में आ रहा है। यहां गांव के एक तरफ पहाड़ी से भूस्खलन शुरू हुआ है जिसकी वजह से ग्रामीणों के खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है। पहाड़ी के साथ लगती गौशाला और मकान जहां पर दरारें आ चुकी हैं उन्हें लोगों ने खाली कर दिया है। भूस्खलन की जगह से जब भी पत्थर गिरते हैं तो डर के साये में लोग रात को उठकर दूसरी तरफ चले जाते हैं। हालांकि प्रशासन के अधिकारियों ने यहां का मौका तो किया था लेकिन महज दो ही परिवारों को वहां से हटाकर उन्हें स्कूल में रहने के लिए जगह दी है। लेकिन जैसे-जैसे दरारे बढ़ती जा रही हैं वहां भूस्खलन भी लगातार जारी है। पूरा गांव इसकी जद में आता दिख रहा है। हो रहे भूस्खलन की वजह से ग्रामीण पूरी तरह से सहमे हुए हैं। अब वह इस बात को लेकर काफी परेशान है कि आखिर वह अपने बाल बच्चों व माल मवेशियों को लेकर कहां जाएं। जिन जमीनों के सहारे वह अपना पूरा साल गुजर बसर करते थे वह खेत अब धीरे-धीरे जमींदोज़ होते जा रहे है इसी बात को लेकर ग्रामीण दहशत में दिख रहे हैं। यहां के स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के साथ लगती पहाड़ी पर भूस्खलन शुरू हो चुका है। साथ ही उनके खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है और वह धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी के साथ लगते मकान व गौशाला मैं दरारें आ गई है इसलिए उन्होंने मकान तो खाली कर दिए हैं साथ ही गौशाला को भी तोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को तो प्रशासन द्वारा यहां से जाने के लिए कह दिया गया है लेकिन आश्वासन के बाद अभी तक प्रशासन द्वारा उनके गांव के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि समय रहते उन्हें कहीं सुरक्षित जगह पर भेजा जाए साथ ही उनके रहने और खाने-पीने की भी व्यवस्था की जाए ताकि आने वाले समय में अगर इस तरह की कोई आपदा आती है तो वह अपने बाल बच्चों के साथ वहां सुरक्षित रह पाए। वही जब एडीसी चम्बा अमित मेहरा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एसडीएम डलहौजी से उनकी बात हुई थी तो उन्होंने कहा कि दो परिवारों को जिनके घर खतरे की जद्द में दिख रहे हैं उन्हें शिफ्ट करने का इंतजाम कर दिया गया। उन्होंने कहा कि एक स्कूल जहां पर अभी क्लासेस नहीं लग रही हैं वहां पर उन्हें शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा की अगर वास्तविक स्थिति देखी जाए तो अभी दूसरे मकान को कोई ऐसा खतरा दिख नहीं रहा है लेकिन उसके बावजूद एक जूलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम को बुलाया जा रहा है ताकि यहां हो रहे भूस्खलन की वजह को जाना जाए और इसकी आने वाले खतरे की भी जानकारी हासिल की जाए और अगर वहां पर इस तरह से कोई भूस्खलन का खतरा बनता है तो आगे की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
चम्बा 12 नवम्बर [ शिवानी ] ! चम्बा जिला की विधानसभा क्षेत्र डलहौजी के शेरपुर पंचायत के ककियाना व भरुडी गांव के लोग आजकल खौफ के साए में अपने दिन बिता रहे हैं। दरअसल यह सारा गांव धीरे-धीरे भूस्खलन की चपेट में आ रहा है। यहां गांव के एक तरफ पहाड़ी से भूस्खलन शुरू हुआ है जिसकी वजह से ग्रामीणों के खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है। पहाड़ी के साथ लगती गौशाला और मकान जहां पर दरारें आ चुकी हैं उन्हें लोगों ने खाली कर दिया है। भूस्खलन की जगह से जब भी पत्थर गिरते हैं तो डर के साये में लोग रात को उठकर दूसरी तरफ चले जाते हैं।
हालांकि प्रशासन के अधिकारियों ने यहां का मौका तो किया था लेकिन महज दो ही परिवारों को वहां से हटाकर उन्हें स्कूल में रहने के लिए जगह दी है। लेकिन जैसे-जैसे दरारे बढ़ती जा रही हैं वहां भूस्खलन भी लगातार जारी है। पूरा गांव इसकी जद में आता दिख रहा है।
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हो रहे भूस्खलन की वजह से ग्रामीण पूरी तरह से सहमे हुए हैं। अब वह इस बात को लेकर काफी परेशान है कि आखिर वह अपने बाल बच्चों व माल मवेशियों को लेकर कहां जाएं। जिन जमीनों के सहारे वह अपना पूरा साल गुजर बसर करते थे वह खेत अब धीरे-धीरे जमींदोज़ होते जा रहे है इसी बात को लेकर ग्रामीण दहशत में दिख रहे हैं।
यहां के स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि उनके गांव के साथ लगती पहाड़ी पर भूस्खलन शुरू हो चुका है। साथ ही उनके खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है और वह धीरे-धीरे बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने कहा कि पहाड़ी के साथ लगते मकान व गौशाला मैं दरारें आ गई है इसलिए उन्होंने मकान तो खाली कर दिए हैं साथ ही गौशाला को भी तोड़ दिया है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को तो प्रशासन द्वारा यहां से जाने के लिए कह दिया गया है लेकिन आश्वासन के बाद अभी तक प्रशासन द्वारा उनके गांव के लिए कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि समय रहते उन्हें कहीं सुरक्षित जगह पर भेजा जाए साथ ही उनके रहने और खाने-पीने की भी व्यवस्था की जाए ताकि आने वाले समय में अगर इस तरह की कोई आपदा आती है तो वह अपने बाल बच्चों के साथ वहां सुरक्षित रह पाए।
वही जब एडीसी चम्बा अमित मेहरा से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि एसडीएम डलहौजी से उनकी बात हुई थी तो उन्होंने कहा कि दो परिवारों को जिनके घर खतरे की जद्द में दिख रहे हैं उन्हें शिफ्ट करने का इंतजाम कर दिया गया। उन्होंने कहा कि एक स्कूल जहां पर अभी क्लासेस नहीं लग रही हैं वहां पर उन्हें शिफ्ट किया जा रहा है। उन्होंने कहा की अगर वास्तविक स्थिति देखी जाए तो अभी दूसरे मकान को कोई ऐसा खतरा दिख नहीं रहा है लेकिन उसके बावजूद एक जूलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की टीम को बुलाया जा रहा है ताकि यहां हो रहे भूस्खलन की वजह को जाना जाए और इसकी आने वाले खतरे की भी जानकारी हासिल की जाए और अगर वहां पर इस तरह से कोई भूस्खलन का खतरा बनता है तो आगे की कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
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