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शिमला , 20 सितंबर [ विशाल सूद ] ! शिमला के संजौली हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में स्थित सरस्वती पैराडाइज स्कूल पर बंद होने का खतरा मंडरा गया है। प्रबन्धन की आपसी लड़ाई के चलते स्कूल में पढ़ रहे लगभग 987 बच्चों का भविष्य मिड सेशन में खतरे में पड़ गया है । जिसको लेकर आज स्कूल के छात्र अपने अभिभावक को समय राज्यपाल से मिलने राज भवन शिमला पहुंचे हैं । छात्रों की भविष्य को लेकर आज संकेत अभिभावक स्कूल मैं प्रशासन द्वारा एडमिनिस्ट्रेटर बैठने की मांग कर रहे हैं ताकि स्कूल का सत्र सुचारू रूप से चल सके और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो प्रबन्धन द्वारा स्कूल प्रिंसिपल सहित कुछ अध्यापकों को नौकरी से निकाला गया है जिसके चलते स्कूल के सभी अध्यापक सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं। इनका आरोप है कि स्कूल के स्वामित्व के दावेदार स्कूल को बन्द कर होटल बनाने का प्रयास कर रहे हैं और स्कूल सोसाइटी में आर्थिक बदलाव किए जा रहे हैं जिसका विरोध कर रहे प्रिंसिपल और अध्यापकों को नौकरी से बाहर किया गया है बहरहाल बच्चों का भविष्य बीच सेशन में दाव पर लग रहा है। सरस्वती पैराडाइज स्कूल के अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में सब कुछ ठीक नहीं है। स्कूल के ओनर की 2020 मे मृत्यु के बाद से उनके दो बच्चे हेमांक मितल और उनकी बहन ख़ुद को मालिक बता कर एक दूसरे से कोर्ट के माध्यम से लड़ाई लड़ रहे हैं और स्कूल में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं। जिससे स्कूल का माहौल खराब हुआ है। अभिभावकों को चिंता है कि स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है। बिना कारण बताए स्कूल प्रधानाचार्य और कुछ अन्य अध्यापकों को भी टर्मिनेट कर दिया है जिस पर मजबूरन स्कूल के पूरे स्टाफ ने सामूहिक इस्तीफ़े देने का निर्णय लिया है। अभिभावकों की मांग है कि सरकार मामले का संज्ञान लेकर बच्चों का भविष्य बचाने के लिए स्कूल में एडमिंस्ट्रेटर लगाए ताकि स्टाफ को भी इस तरह का कदम न उठाना पड़े। स्कूल में चल रही गतिविधियों के चलते छात्र भी परेशान है और उनकी पढ़ाई भी सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। इसलिए आज अभिभावकों के साथ राजभवन पहुंचे छात्रों ने बताया कि जिस प्रकार उनके अध्यापकों को स्कूल से निकाला गया है इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है और हर समय स्कूल में ऐसा माहौल बना हुआ है जिससे वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गए हैं । छात्रों का कहना है कि बोर्ड एग्जाम्स के चलते सत्र के बीच में उन पर पढ़ाई का खासा दबाव रहता है। ऐसे में इस प्रकार के उथल-पुथल से हुए परेशान है।
शिमला , 20 सितंबर [ विशाल सूद ] ! शिमला के संजौली हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में स्थित सरस्वती पैराडाइज स्कूल पर बंद होने का खतरा मंडरा गया है। प्रबन्धन की आपसी लड़ाई के चलते स्कूल में पढ़ रहे लगभग 987 बच्चों का भविष्य मिड सेशन में खतरे में पड़ गया है । जिसको लेकर आज स्कूल के छात्र अपने अभिभावक को समय राज्यपाल से मिलने राज भवन शिमला पहुंचे हैं ।
छात्रों की भविष्य को लेकर आज संकेत अभिभावक स्कूल मैं प्रशासन द्वारा एडमिनिस्ट्रेटर बैठने की मांग कर रहे हैं ताकि स्कूल का सत्र सुचारू रूप से चल सके और छात्रों की पढ़ाई प्रभावित न हो प्रबन्धन द्वारा स्कूल प्रिंसिपल सहित कुछ अध्यापकों को नौकरी से निकाला गया है जिसके चलते स्कूल के सभी अध्यापक सामूहिक रूप से इस्तीफा देने की मांग कर रहे हैं।
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इनका आरोप है कि स्कूल के स्वामित्व के दावेदार स्कूल को बन्द कर होटल बनाने का प्रयास कर रहे हैं और स्कूल सोसाइटी में आर्थिक बदलाव किए जा रहे हैं जिसका विरोध कर रहे प्रिंसिपल और अध्यापकों को नौकरी से बाहर किया गया है बहरहाल बच्चों का भविष्य बीच सेशन में दाव पर लग रहा है।
सरस्वती पैराडाइज स्कूल के अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में सब कुछ ठीक नहीं है। स्कूल के ओनर की 2020 मे मृत्यु के बाद से उनके दो बच्चे हेमांक मितल और उनकी बहन ख़ुद को मालिक बता कर एक दूसरे से कोर्ट के माध्यम से लड़ाई लड़ रहे हैं और स्कूल में भी हस्तक्षेप कर रहे हैं। जिससे स्कूल का माहौल खराब हुआ है। अभिभावकों को चिंता है कि स्कूल में पढ़ रहे बच्चों का भविष्य खतरे में पड़ गया है।
बिना कारण बताए स्कूल प्रधानाचार्य और कुछ अन्य अध्यापकों को भी टर्मिनेट कर दिया है जिस पर मजबूरन स्कूल के पूरे स्टाफ ने सामूहिक इस्तीफ़े देने का निर्णय लिया है। अभिभावकों की मांग है कि सरकार मामले का संज्ञान लेकर बच्चों का भविष्य बचाने के लिए स्कूल में एडमिंस्ट्रेटर लगाए ताकि स्टाफ को भी इस तरह का कदम न उठाना पड़े।
स्कूल में चल रही गतिविधियों के चलते छात्र भी परेशान है और उनकी पढ़ाई भी सुचारू रूप से नहीं चल पा रही है। इसलिए आज अभिभावकों के साथ राजभवन पहुंचे छात्रों ने बताया कि जिस प्रकार उनके अध्यापकों को स्कूल से निकाला गया है इससे उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है और हर समय स्कूल में ऐसा माहौल बना हुआ है जिससे वह अपने भविष्य को लेकर चिंतित हो गए हैं । छात्रों का कहना है कि बोर्ड एग्जाम्स के चलते सत्र के बीच में उन पर पढ़ाई का खासा दबाव रहता है। ऐसे में इस प्रकार के उथल-पुथल से हुए परेशान है।
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