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शिमला , 11 जनवरी [ विशाल सूद ] ! जलशक्ति विभाग में तैनात पैरावर्कस ने मांगो को लेकर बजट सत्र के दौरान सरकार को घेरने की चेतावनी दी है। पैरावर्कर्स का कहना है कि वेतनऔर पॉलिसी की मांग को लेकर सरकार से कई बार मिले लेकिन सरकार ने उन्हें अनसुना किया। यह बात शिमला पारा वर्कर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष महेश शर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा। महेश शर्मा ने कहा कि जल शक्ति विभाग में लगे पैरा वर्कर्ज को न के बराबर वेतन दिया जा रहा है जिससे इस महंगाई में परिवार के एक सदस्य का गुजारा तक नहीं हो पा रहा है। पैरा वर्कर्ज को किसी भी प्रकार से कोई भी छुट्टी नही दी जाती है। छुट्टी का प्रावधान किया जाए और विभाग द्वारा उन्हें 6 घंटे के लिए रखा था लेकिन उनसे 8 से 10 घंटे ड्यूटी ली जा रही है, जिसे 8 घंटे किया जाए। उन्होंने बताया कि 2017 से पैरावर्क्स की नियुक्ति शुरू की गई थी। तीन श्रेणियों में 7 से 8 हजार पेरावर्कर्स रखे गए है जिन्हें महज पांच हजार सैलरी दी जा रही है बावजूद इसके हमे दूरदराज क्षेत्रों में दराज क्षेत्रों में भेजा जा रहा है जहां इतनी कम सैलरी में गुजारा कर पाना मुश्किल हैं। उन्होंने कहा कि सोलन और सिरमौर सहित कुछ अन्य जिलों में पैरावर्कर्स को पिछले तीन से चार महीनो की सैलरी नहीं मिली है। उन्होंने मांग की है कि सरकार वेतन को कम से कम 9 से 10 हजार तक बढ़ाए और एक स्थाई पॉलिसी बनाई जाए ताकि भविष्य सुरक्षित हो सके।
शिमला , 11 जनवरी [ विशाल सूद ] ! जलशक्ति विभाग में तैनात पैरावर्कस ने मांगो को लेकर बजट सत्र के दौरान सरकार को घेरने की चेतावनी दी है। पैरावर्कर्स का कहना है कि वेतनऔर पॉलिसी की मांग को लेकर सरकार से कई बार मिले लेकिन सरकार ने उन्हें अनसुना किया। यह बात शिमला पारा वर्कर्स यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष महेश शर्मा ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहीं। उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव किया जाएगा।
महेश शर्मा ने कहा कि जल शक्ति विभाग में लगे पैरा वर्कर्ज को न के बराबर वेतन दिया जा रहा है जिससे इस महंगाई में परिवार के एक सदस्य का गुजारा तक नहीं हो पा रहा है। पैरा वर्कर्ज को किसी भी प्रकार से कोई भी छुट्टी नही दी जाती है। छुट्टी का प्रावधान किया जाए और विभाग द्वारा उन्हें 6 घंटे के लिए रखा था लेकिन उनसे 8 से 10 घंटे ड्यूटी ली जा रही है, जिसे 8 घंटे किया जाए।
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उन्होंने बताया कि 2017 से पैरावर्क्स की नियुक्ति शुरू की गई थी। तीन श्रेणियों में 7 से 8 हजार पेरावर्कर्स रखे गए है जिन्हें महज पांच हजार सैलरी दी जा रही है बावजूद इसके हमे दूरदराज क्षेत्रों में दराज क्षेत्रों में भेजा जा रहा है जहां इतनी कम सैलरी में गुजारा कर पाना मुश्किल हैं।
उन्होंने कहा कि सोलन और सिरमौर सहित कुछ अन्य जिलों में पैरावर्कर्स को पिछले तीन से चार महीनो की सैलरी नहीं मिली है। उन्होंने मांग की है कि सरकार वेतन को कम से कम 9 से 10 हजार तक बढ़ाए और एक स्थाई पॉलिसी बनाई जाए ताकि भविष्य सुरक्षित हो सके।
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