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शिमला , 06 फरवरी [ विशाल सूद ] ! हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जेओए–आईटी, माली, स्टेनोग्राफर, रिपोर्टर और ड्राइवर समेत विभिन्न श्रेणियां के पद भरे गए हैं. इनमें कई युवाओं को रोजगार मिला है. राज्य के अन्य युवा और परीक्षा अभ्यर्थी इस भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं. युवाओं का आरोप है कि बड़े नेताओं के करीबियों को नौकरी दी गई है. इस पूरे मामले में सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया देखने के लिए मिल रही है. इस बीच शिक्षित बेरोजगार संघ ने मामले में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय जाने की बात कही है. संघ का कहना है कि वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा आएंगे और न्याय की मांग करेंगे. हिमाचल प्रदेश शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाल कृष्ण ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हुई भर्तियों में गड़बड़ी की आशंका है. वे इस मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय जाएंगे. उनका कहना है कि वह पूरे मामले पर उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के करीबी लोगों को ही इसमें नौकरियां दी गई हैं. बालकृष्ण का कहना है कि विधानसभा में हुई इन भर्तियों में विधानसभा अध्यक्ष उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को ज़्यादा संख्या में भर्ती किया गया है. बाल कृष्ण ठाकुर ने भर्ती प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां अन्य पदों पर भर्तियों में सरकार को ज्वाइनिंग देने में एक साल लग जाता है, वहीं विधानसभा में हुई इन भर्तीयों में अगले दिन जॉइनिंग दे दी गई. उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में 'आंसर की' में भी गड़बड़ी की आशंका है. उन्होंने कहा कि विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध आंसर की में सभी परीक्षाओं में पूछे गए सवालों के ऑप्शन यानी विकल्पों में एक जैसा पैटर्न है. उन्होंने कहा कि वह इस मामले को भी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष रखेंगे. ब्लॉक बालकृष्ण ठाकुर ने कहा कि वह आने वाले हफ्ते में इसको लेकर याचिका दाखिल करने वाले हैं और उन्हें उच्च न्यायालय से न्याय की उम्मीद है।
शिमला , 06 फरवरी [ विशाल सूद ] ! हाल ही में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में जेओए–आईटी, माली, स्टेनोग्राफर, रिपोर्टर और ड्राइवर समेत विभिन्न श्रेणियां के पद भरे गए हैं. इनमें कई युवाओं को रोजगार मिला है. राज्य के अन्य युवा और परीक्षा अभ्यर्थी इस भर्ती में गड़बड़ी का आरोप लगा रहे हैं.
युवाओं का आरोप है कि बड़े नेताओं के करीबियों को नौकरी दी गई है. इस पूरे मामले में सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रिया देखने के लिए मिल रही है. इस बीच शिक्षित बेरोजगार संघ ने मामले में हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय जाने की बात कही है. संघ का कहना है कि वह उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा आएंगे और न्याय की मांग करेंगे.
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हिमाचल प्रदेश शिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बाल कृष्ण ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा में हुई भर्तियों में गड़बड़ी की आशंका है. वे इस मामले को लेकर हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय जाएंगे. उनका कहना है कि वह पूरे मामले पर उच्च न्यायालय के समक्ष जनहित याचिका दायर करेंगे. उन्होंने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के करीबी लोगों को ही इसमें नौकरियां दी गई हैं.
बालकृष्ण का कहना है कि विधानसभा में हुई इन भर्तियों में विधानसभा अध्यक्ष उपाध्यक्ष और मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्रों के लोगों को ज़्यादा संख्या में भर्ती किया गया है. बाल कृष्ण ठाकुर ने भर्ती प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि जहां अन्य पदों पर भर्तियों में सरकार को ज्वाइनिंग देने में एक साल लग जाता है, वहीं विधानसभा में हुई इन भर्तीयों में अगले दिन जॉइनिंग दे दी गई.
उन्होंने कहा कि परीक्षाओं में 'आंसर की' में भी गड़बड़ी की आशंका है. उन्होंने कहा कि विधानसभा की वेबसाइट पर उपलब्ध आंसर की में सभी परीक्षाओं में पूछे गए सवालों के ऑप्शन यानी विकल्पों में एक जैसा पैटर्न है. उन्होंने कहा कि वह इस मामले को भी हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के समक्ष रखेंगे. ब्लॉक बालकृष्ण ठाकुर ने कहा कि वह आने वाले हफ्ते में इसको लेकर याचिका दाखिल करने वाले हैं और उन्हें उच्च न्यायालय से न्याय की उम्मीद है।
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