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शिमला , 20 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दौरान आज सदन में एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत सदन में खूब हंगामा हुआ। विपक्ष ने मामले को लेकर काम रोको प्रस्ताव लाया लेकिन स्पीकर ने प्रस्ताव मंजूर नहीं किया जिस पर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया। विपक्ष ने मुख्यमंत्री के सदन में दिए बयान पर हैरानी जताई और कहा कि आखिर सरकार सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाना चाहती है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विमल नेगी की मौत पर कई सारे सवाल है इसलिए विपक्ष ने सदन में काम रोको प्रस्ताव लाया लेकिन मुख्यमंत्री ने इस विषय पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। सरकार के चार मंत्री धरना स्थल पर पहुंचे और परिजनों पर धरना खत्म करने का दबाव बनाया गया। एफआईआर में एक ही अधिकारी का नाम है जबकि दूसरे अधिकारी को बचाने के लिए केवल पोस्ट का नाम ही एफआईआर में मेंशन किया गया है। सीबीआई की जाँच को लेकर सरकार स्पष्ट नहीं कर रही है और क्यों सरकार ने चार लोगों को दरकिनार कर देशराज को डायरेक्टर बनाया यह प्रश्न परिवार और एचपीपीसीएल के कर्मचारी उठा रहे हैं जिसके लिए निष्पक्ष जांच की मांग हो रही है। एचपीपीसीएल की कार्यप्रणाली पिछले लंबे समय से विवादों में रही है इसलिए इस सारे मामले पर सीबीआई जांच होनी चाहिए। एक ईमानदार अधिकारी को क्यों प्रताड़ित किया जा रहा था यह सवाल हैं जिनका जवाब सरकार को देना होगा।
शिमला , 20 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के दौरान आज सदन में एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत सदन में खूब हंगामा हुआ। विपक्ष ने मामले को लेकर काम रोको प्रस्ताव लाया लेकिन स्पीकर ने प्रस्ताव मंजूर नहीं किया जिस पर विपक्ष ने सदन से वॉक आउट कर दिया। विपक्ष ने मुख्यमंत्री के सदन में दिए बयान पर हैरानी जताई और कहा कि आखिर सरकार सीबीआई जांच क्यों नहीं करवाना चाहती है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विमल नेगी की मौत पर कई सारे सवाल है इसलिए विपक्ष ने सदन में काम रोको प्रस्ताव लाया लेकिन मुख्यमंत्री ने इस विषय पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। सरकार के चार मंत्री धरना स्थल पर पहुंचे और परिजनों पर धरना खत्म करने का दबाव बनाया गया।
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एफआईआर में एक ही अधिकारी का नाम है जबकि दूसरे अधिकारी को बचाने के लिए केवल पोस्ट का नाम ही एफआईआर में मेंशन किया गया है। सीबीआई की जाँच को लेकर सरकार स्पष्ट नहीं कर रही है और क्यों सरकार ने चार लोगों को दरकिनार कर देशराज को डायरेक्टर बनाया यह प्रश्न परिवार और एचपीपीसीएल के कर्मचारी उठा रहे हैं जिसके लिए निष्पक्ष जांच की मांग हो रही है।
एचपीपीसीएल की कार्यप्रणाली पिछले लंबे समय से विवादों में रही है इसलिए इस सारे मामले पर सीबीआई जांच होनी चाहिए। एक ईमानदार अधिकारी को क्यों प्रताड़ित किया जा रहा था यह सवाल हैं जिनका जवाब सरकार को देना होगा।
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