नेता विपक्ष बोले दो साल में विपक्ष के विधायकों की प्राथमिकताओं की नहीं बनी डीपीआर तक, विधायकों को अपमानित कर रही सुक्खू सरकार, लोकतांत्रिक मूल्यों का हो रहा हनन, केंद्र की मदद से ही चल रही सुक्खू सरकार, पैसे का कर रही दुरूपयोग।
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शिमला , 03 फरवरी [ विशाल सूद ] ! बजट सत्र से पहले होने वाली विधायक प्राथमिकताओं की बैठक का विपक्ष ने बहिष्कार कर दिया है। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में कहा कि आगामी वित वर्ष को लेकर विधायक अपने क्षेत्र की प्राथमिकताओं को बताता है ताकि उसके लिए बजट का प्रावधान हो सके। हिमाचल में बीते दो वर्ष से कांग्रेस की सरकार है लेकिन दो साल में जो विपक्ष के विधायकों ने प्राथमिकताएं दी थी उसकी अभी तक डीपीआर ही नहीं बनाई गई है। कांग्रेस के विधायकों में भी केवल उन्हीं विधायकों की डीपीआर मंजूर हो रही है जो मुख्यमंत्री के करीबी हैं। ऐसे में विपक्ष के विधायकों ने बैठकों का बहिष्कार करने का फैसला लिया है और आगामी बजट सत्र में क्षेत्र के मुद्दों को सदन में उठाया जाएगा।जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष में रहते मुख्यमंत्री विधायकों के हक में बड़ी बड़ी बाते करते थे लेकिन अब सत्ता में आने के बाद विधायकों को सबसे ज्यादा नुकसान सुक्खू सरकार ने पहुंचाया है। विधायकों को अपमानित करने का काम सरकार कर रही है। विपक्ष के विधायकों को विधानसभा क्षेत्र में किसी भी सरकारी कार्यक्रम में बुलाया तक नहीं रहा है। लोकतांत्रिक मूल्यों का सुक्खू सरकार हनन कर रही है। ऐसी स्थिति को देखते हुए विपक्ष के सभी विधायकों ने विधायक प्राथमिकताओं की बैठक में जाने का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। पूर्व की वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल की सरकार में हमेशा सम्बन्धित क्षेत्र के विधायक को सरकारी कार्यक्रम में बोलने दिया जा था चाहे वह विधायक पक्ष हो विपक्ष उसके साथ भेदभाव नहीं होता था लेकिन वर्तमान सरकार ने सभी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का हनन कर दिया है। आगामी बजट सत्र में विधान सभा क्षेत्र के मुद्दों को उठाया जाएगा। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार खुद कुछ कर नहीं रही है ऐसे में दूसरे पर दोष मढ़ने का काम हो रहा है। केंद्र सरकार से पूरा सहयोग हिमाचल को मिल रहा है।विशेष सहायता के तौर पर प्रदेश को एक हजार करोड़ से केंद्र सरकार से मिल चुका है। 278 करोड़ स्पेशल असिस्टेंट केंद्र सरकार से मिली उसे सरकार ने एचआरटीसी, कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनरों के लिए दिया है जो कि उचित नहीं है। केंद्र सरकार की मदद से सरकार चल रही है। सुक्खू सरकार केंद्र सरकार के पैसे का दुरूपयोग कर रही हैं। मनरेगा, रेलवे में जैसे विभिन्न योजनाओं का हिस्सा हिमाचल सरकार दे नहीं रही है। कांग्रेस सरकार आर्थिक बदहाली का रोना ही रो रही है जबकि करोड़ों रुपयों का खर्च सीपीएस को बचाने के लिए कोर्ट में सरकार कर रही है। हिमाचल कोटे के आईएएस को नहीं लेने के फैंसले से सरकार को कोई ज्यादा पैसे की बचत नहीं होगी। जयराम ठाकुर ने रमेश धवाला को संयम बरतने नसीहत देते हुए कहा कि जब रमेश धवाला विधायक भी नहीं थे तब भी भाजपा सरकार ने उन्हें उचित पदों पर बैठाया ऐसे में उन्हें इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। पार्टी प्लेटफार्म के बाहर इस तरह की बातें करना उचित नहीं है।
शिमला , 03 फरवरी [ विशाल सूद ] ! बजट सत्र से पहले होने वाली विधायक प्राथमिकताओं की बैठक का विपक्ष ने बहिष्कार कर दिया है। नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने शिमला में कहा कि आगामी वित वर्ष को लेकर विधायक अपने क्षेत्र की प्राथमिकताओं को बताता है ताकि उसके लिए बजट का प्रावधान हो सके। हिमाचल में बीते दो वर्ष से कांग्रेस की सरकार है लेकिन दो साल में जो विपक्ष के विधायकों ने प्राथमिकताएं दी थी उसकी अभी तक डीपीआर ही नहीं बनाई गई है।
कांग्रेस के विधायकों में भी केवल उन्हीं विधायकों की डीपीआर मंजूर हो रही है जो मुख्यमंत्री के करीबी हैं। ऐसे में विपक्ष के विधायकों ने बैठकों का बहिष्कार करने का फैसला लिया है और आगामी बजट सत्र में क्षेत्र के मुद्दों को सदन में उठाया जाएगा।जयराम ठाकुर ने कहा कि विपक्ष में रहते मुख्यमंत्री विधायकों के हक में बड़ी बड़ी बाते करते थे लेकिन अब सत्ता में आने के बाद विधायकों को सबसे ज्यादा नुकसान सुक्खू सरकार ने पहुंचाया है।
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विधायकों को अपमानित करने का काम सरकार कर रही है। विपक्ष के विधायकों को विधानसभा क्षेत्र में किसी भी सरकारी कार्यक्रम में बुलाया तक नहीं रहा है। लोकतांत्रिक मूल्यों का सुक्खू सरकार हनन कर रही है। ऐसी स्थिति को देखते हुए विपक्ष के सभी विधायकों ने विधायक प्राथमिकताओं की बैठक में जाने का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है।
पूर्व की वीरभद्र सिंह और प्रेम कुमार धूमल की सरकार में हमेशा सम्बन्धित क्षेत्र के विधायक को सरकारी कार्यक्रम में बोलने दिया जा था चाहे वह विधायक पक्ष हो विपक्ष उसके साथ भेदभाव नहीं होता था लेकिन वर्तमान सरकार ने सभी लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं का हनन कर दिया है। आगामी बजट सत्र में विधान सभा क्षेत्र के मुद्दों को उठाया जाएगा।
जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार खुद कुछ कर नहीं रही है ऐसे में दूसरे पर दोष मढ़ने का काम हो रहा है। केंद्र सरकार से पूरा सहयोग हिमाचल को मिल रहा है।विशेष सहायता के तौर पर प्रदेश को एक हजार करोड़ से केंद्र सरकार से मिल चुका है। 278 करोड़ स्पेशल असिस्टेंट केंद्र सरकार से मिली उसे सरकार ने एचआरटीसी, कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनरों के लिए दिया है जो कि उचित नहीं है।
केंद्र सरकार की मदद से सरकार चल रही है। सुक्खू सरकार केंद्र सरकार के पैसे का दुरूपयोग कर रही हैं। मनरेगा, रेलवे में जैसे विभिन्न योजनाओं का हिस्सा हिमाचल सरकार दे नहीं रही है। कांग्रेस सरकार आर्थिक बदहाली का रोना ही रो रही है जबकि करोड़ों रुपयों का खर्च सीपीएस को बचाने के लिए कोर्ट में सरकार कर रही है। हिमाचल कोटे के आईएएस को नहीं लेने के फैंसले से सरकार को कोई ज्यादा पैसे की बचत नहीं होगी।
जयराम ठाकुर ने रमेश धवाला को संयम बरतने नसीहत देते हुए कहा कि जब रमेश धवाला विधायक भी नहीं थे तब भी भाजपा सरकार ने उन्हें उचित पदों पर बैठाया ऐसे में उन्हें इस तरह की बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। पार्टी प्लेटफार्म के बाहर इस तरह की बातें करना उचित नहीं है।
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