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चम्बा , 28 नवंबर [ शिवानी ] ! आज दिनांक 28 नवंबर 2024 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चंबा द्वारा रोड सेफ्टी को लेकर मेडिकल ऑफिसर ओर पैरामेडिकल स्टाफ के एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विपन ठाकुर ने की। इस कार्यशाला की जानकारी देते हुए मुख्य अधिकारी ने बताया कि समाज का जो भी व्यक्ति सदभावना पूर्वक स्वेच्छा से और किसी इनाम या मुआवजा की आशा किए बगैर दुर्घटना स्थल पर किसी पीड़ित व्यक्ति को आपातकालीन चिकित्सा सहायता या गैर चिकित्सा देख रेख की सहायता प्राप्त करता है ऐसे पीड़ित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल तक पहुंचाता है वह एक नेक व्यक्ति कहलाता है। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तड़पते हुए देखने की बजाय आप उसे अस्पताल पहुंचा कर अपने मानवीय कर्तव्यों का पालन कर सकते हैं इसके लिए आपको पुलिस या अस्पताल प्रशासन द्वारा आगे की किसी भी आवश्यक कार्यवाही में या रुकने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. इसके साथ सहायता प्रदान करने वाले का नाम, परिचय पता, किसी भी प्रकार का अन्य व्यक्तिगत ब्योरा बताने के लिए भी पुलिस या अस्पताल प्रशासन उसे मजबूर नहीं कर सकता यदि कोई अपनी मर्जी से अपना नाम व्यक्तिगत विवरण पुलिस को बताता है तो उसे गवाह बनने के लिए भी मजबूर नहीं कर सकती. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस एकदिवसीय कार्यशाला में विशेष रूप से पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चम्बा के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ आशीष, जनरल सर्जन डॉ रोहित कुमार और एनेस्थीसिया के विशेषज्ञ डॉ सुनील दत्त द्वारा किस तरह से सड़क दुर्घटनाओं में चोटिल व्यक्तियों की देखरेख और रखरखाव के बारे में विस्तार पूर्वक महत्वपूर्ण जानकारी और लाइफ सेविंग से जुड़ी जानकारी दी। इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी चम्बा डॉ जे एस भारद्वाज,जिला कार्यक्रम अधिकारी ड़ा रोहित नड्डा डॉ सुरेश भी उपस्थित रहे।
चम्बा , 28 नवंबर [ शिवानी ] ! आज दिनांक 28 नवंबर 2024 को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चंबा द्वारा रोड सेफ्टी को लेकर मेडिकल ऑफिसर ओर पैरामेडिकल स्टाफ के एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर विपन ठाकुर ने की।
इस कार्यशाला की जानकारी देते हुए मुख्य अधिकारी ने बताया कि समाज का जो भी व्यक्ति सदभावना पूर्वक स्वेच्छा से और किसी इनाम या मुआवजा की आशा किए बगैर दुर्घटना स्थल पर किसी पीड़ित व्यक्ति को आपातकालीन चिकित्सा सहायता या गैर चिकित्सा देख रेख की सहायता प्राप्त करता है ऐसे पीड़ित व्यक्ति को तुरंत अस्पताल तक पहुंचाता है वह एक नेक व्यक्ति कहलाता है।
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सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को तड़पते हुए देखने की बजाय आप उसे अस्पताल पहुंचा कर अपने मानवीय कर्तव्यों का पालन कर सकते हैं इसके लिए आपको पुलिस या अस्पताल प्रशासन द्वारा आगे की किसी भी आवश्यक कार्यवाही में या रुकने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता.
इसके साथ सहायता प्रदान करने वाले का नाम, परिचय पता, किसी भी प्रकार का अन्य व्यक्तिगत ब्योरा बताने के लिए भी पुलिस या अस्पताल प्रशासन उसे मजबूर नहीं कर सकता यदि कोई अपनी मर्जी से अपना नाम व्यक्तिगत विवरण पुलिस को बताता है तो उसे गवाह बनने के लिए भी मजबूर नहीं कर सकती.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि इस एकदिवसीय कार्यशाला में विशेष रूप से पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चम्बा के ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ आशीष, जनरल सर्जन डॉ रोहित कुमार और एनेस्थीसिया के विशेषज्ञ डॉ सुनील दत्त द्वारा किस तरह से सड़क दुर्घटनाओं में चोटिल व्यक्तियों की देखरेख और रखरखाव के बारे में विस्तार पूर्वक महत्वपूर्ण जानकारी और लाइफ सेविंग से जुड़ी जानकारी दी।
इस अवसर पर जिला स्वास्थ्य अधिकारी चम्बा डॉ जे एस भारद्वाज,जिला कार्यक्रम अधिकारी ड़ा रोहित नड्डा डॉ सुरेश भी उपस्थित रहे।
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