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शिमला , 10 मार्च [ विशाल सूद ] ! आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हपुटवा द्वारा (शिक्षक महासंघ) के द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव विषय को लेकर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सर्वेश कौशल पूर्व मुख्य सचिव पंजाब, विशिष्ट अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, एवं विश्विद्यालय के प्रोफेसर डॉ हरीश ठाकुर रहे। कार्यक्रम में स्वागत भाषण में डा नितिन व्यास ने कहा "एक राष्ट्र, एक चुनाव" का विचार भारत में सभी चुनावों—लोकसभा (संसद) और सभी राज्य विधानसभाओं—को एक साथ कराने की वकालत करता है। इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को अधिक कुशल, लागत प्रभावी और कम बाधित बनाने के लिए किया गया है। डॉ हरीश ठाकुर ने अध्यक्षीय भाषण में कहा की एक राष्ट्र एक चुनाव भारत जैसे देश के लिए बहुत उपयोगी है और पूरे विश्व के सामने एक उधारण प्रस्तुत करेगा । पूर्व मंत्री श्री सुरेश भारद्वाज जी ने अपने उद्बोधन में इसकी आवश्यकता क्यो है के बारे में अपने विचार रखे! उन्होंने कहा कि लगातार चुनावों के कारण सरकारी नीतियों और विकास कार्यों में रुकावट आती है क्योंकि आचार संहिता लागू हो जाती है।हर बार चुनाव कराने में बड़ी मात्रा में धन खर्च होता है। सुरक्षा और प्रशासन पर दबाव – चुनावों के दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती करनी पड़ती है, जिससे उनकी अन्य जिम्मेदारियों पर असर पड़ता है! बार-बार चुनावी माहौल के कारण नीति-निर्माण प्रभावित होता है। एक साथ चुनाव होने से सरकारें स्थिर तरीके से काम कर पाएंगी।एक ही समय में चुनाव होने से लोगों की भागीदारी बढ़ सकती है, क्योंकि बार-बार मतदान करने से लोग उदासीन होते है! अंत में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सर्वेश कौशल जी ने कहा कि अभी हाल ही में हुए चुनावों में एक लाख 35 करोड़ से अधिक खर्चा हुआ है जो कि 1400-1600 रुपया भारत का प्रति व्यक्ति के रूप में है जो कि सोचने का विषय है! उन्होंने कहा कि हजारों की संख्या में अफसरों को उनके काम को छोड़ कर बार बार लगना पड़ता है! पुलिस और सीमा सुरक्षा बलों को कहां तो देश की रक्षा के लिए बॉडर में न होकर बार बार इन चुनावों में लगना पड़ता है! कार्यकर्म में प्रो नितिन व्यास सचिव अंकुश भारद्वाज, प्रो नागेश ठाकुर, ज्योति प्रकाश, प्रो ए. के. सिंह, प्रो कटोच, डॉ जोगिंदर सकलानी,डॉ रितिका कात्यायन, डॉ अनिल,डॉ योगराज,डॉ योगराज आदि प्राध्यापक उपस्थित थे!
शिमला , 10 मार्च [ विशाल सूद ] ! आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में हपुटवा द्वारा (शिक्षक महासंघ) के द्वारा एक राष्ट्र एक चुनाव विषय को लेकर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सर्वेश कौशल पूर्व मुख्य सचिव पंजाब, विशिष्ट अतिथि पूर्व शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, एवं विश्विद्यालय के प्रोफेसर डॉ हरीश ठाकुर रहे। कार्यक्रम में स्वागत भाषण में डा नितिन व्यास ने कहा "एक राष्ट्र, एक चुनाव" का विचार भारत में सभी चुनावों—लोकसभा (संसद) और सभी राज्य विधानसभाओं—को एक साथ कराने की वकालत करता है।
इसका उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया को अधिक कुशल, लागत प्रभावी और कम बाधित बनाने के लिए किया गया है। डॉ हरीश ठाकुर ने अध्यक्षीय भाषण में कहा की एक राष्ट्र एक चुनाव भारत जैसे देश के लिए बहुत उपयोगी है और पूरे विश्व के सामने एक उधारण प्रस्तुत करेगा ।
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पूर्व मंत्री श्री सुरेश भारद्वाज जी ने अपने उद्बोधन में इसकी आवश्यकता क्यो है के बारे में अपने विचार रखे! उन्होंने कहा कि लगातार चुनावों के कारण सरकारी नीतियों और विकास कार्यों में रुकावट आती है क्योंकि आचार संहिता लागू हो जाती है।हर बार चुनाव कराने में बड़ी मात्रा में धन खर्च होता है।
सुरक्षा और प्रशासन पर दबाव – चुनावों के दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती करनी पड़ती है, जिससे उनकी अन्य जिम्मेदारियों पर असर पड़ता है! बार-बार चुनावी माहौल के कारण नीति-निर्माण प्रभावित होता है। एक साथ चुनाव होने से सरकारें स्थिर तरीके से काम कर पाएंगी।एक ही समय में चुनाव होने से लोगों की भागीदारी बढ़ सकती है, क्योंकि बार-बार मतदान करने से लोग उदासीन होते है!
अंत में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सर्वेश कौशल जी ने कहा कि अभी हाल ही में हुए चुनावों में एक लाख 35 करोड़ से अधिक खर्चा हुआ है जो कि 1400-1600 रुपया भारत का प्रति व्यक्ति के रूप में है जो कि सोचने का विषय है! उन्होंने कहा कि हजारों की संख्या में अफसरों को उनके काम को छोड़ कर बार बार लगना पड़ता है!
पुलिस और सीमा सुरक्षा बलों को कहां तो देश की रक्षा के लिए बॉडर में न होकर बार बार इन चुनावों में लगना पड़ता है! कार्यकर्म में प्रो नितिन व्यास सचिव अंकुश भारद्वाज, प्रो नागेश ठाकुर, ज्योति प्रकाश, प्रो ए. के. सिंह, प्रो कटोच, डॉ जोगिंदर सकलानी,डॉ रितिका कात्यायन, डॉ अनिल,डॉ योगराज,डॉ योगराज आदि प्राध्यापक उपस्थित थे!
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