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शिमला , 22 फरवरी [ विशाल सूद ] ! घोंकरोकटा चेरिटेबल एंड एजुकेशन ट्रस्ट मतियाना, शिमला द्वारा राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में हिमाचल राज्य संग्रहालय शिमला में टांकरी लिपि के विषय पर एक दिवसीय सम्मलेन का आयोजन किया। ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. सुरेंद्र घोंकरोकटा ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य इस लिपि के सरंक्षण हेतू इस क्षेत्र में कार्य करने वाले हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षक, शोधार्थी और छात्रों को एक मंच पर लाकर इस लिपि के आगे की दिशा में कार्ययोजना तैयार की जाए। इस कार्यशाला का उद्घाटन राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक डॉ. अनिर्बान दाश ने किया। इसके अलावा अन्य वक्ता के तौर पर डॉ. हरि चौहान क्यूरेटर हिमाचल राज्य संग्रहालय शिमला, प्रोफेसर ओम प्रकाश शर्मा, टैगोर फैलो भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला, डॉक्टर किशोरी चंदेल सहायक आचार्य इतिहास, सोनिया, सहायक आचार्य इग्नू दिल्ली, राजकीय महाविद्यालय धामी, प्रशांत भारद्वाज, यतिन पंडित, विजय ठाकुर, जय ठाकुर आदि वक्ताओं ने अपने विचार और शोध प्रस्तुत किए। इस कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के 5 महाविद्यालय और अन्य संस्थानों से 90 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे। जिसमें प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी और अन्य प्रतिभागी शामिल हैं। इस अवसर पर हिमाचल राज्य संग्रहालय के संग्रहालयाध्यक्ष II नरेंद्र कुमार, क्यूरेटर विंग के नीरज ठाकुर, अंजना गुलेरिया, मौजूद रहे। ट्रस्ट चेयरमैन ने बताया कि आने वाले समय में ट्रस्ट अकादिमिक, शैक्षणिक, संस्कृति और शोध के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रम, सेमिनार, मेले, उत्सव और कार्यशालों का आयोजन करता रहेगा। जिनका मुख्य उद्देश्य पश्चिमी हिमालय के गौरवशाली इतिहास, लिपि, पुरातत्व, समृद्ध संस्कृति इतियादी विषयों पर गहन अध्ययन, नए विचारों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है।
शिमला , 22 फरवरी [ विशाल सूद ] ! घोंकरोकटा चेरिटेबल एंड एजुकेशन ट्रस्ट मतियाना, शिमला द्वारा राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन, संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के तत्वाधान में हिमाचल राज्य संग्रहालय शिमला में टांकरी लिपि के विषय पर एक दिवसीय सम्मलेन का आयोजन किया। ट्रस्ट के चेयरमैन डॉ. सुरेंद्र घोंकरोकटा ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य इस लिपि के सरंक्षण हेतू इस क्षेत्र में कार्य करने वाले हिमाचल के विभिन्न क्षेत्रों के शिक्षक, शोधार्थी और छात्रों को एक मंच पर लाकर इस लिपि के आगे की दिशा में कार्ययोजना तैयार की जाए।
इस कार्यशाला का उद्घाटन राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के निदेशक डॉ. अनिर्बान दाश ने किया। इसके अलावा अन्य वक्ता के तौर पर डॉ. हरि चौहान क्यूरेटर हिमाचल राज्य संग्रहालय शिमला, प्रोफेसर ओम प्रकाश शर्मा, टैगोर फैलो भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान शिमला, डॉक्टर किशोरी चंदेल सहायक आचार्य इतिहास, सोनिया, सहायक आचार्य इग्नू दिल्ली, राजकीय महाविद्यालय धामी, प्रशांत भारद्वाज, यतिन पंडित, विजय ठाकुर, जय ठाकुर आदि वक्ताओं ने अपने विचार और शोध प्रस्तुत किए।
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इस कार्यशाला में प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के 5 महाविद्यालय और अन्य संस्थानों से 90 से अधिक प्रतिभागी भाग लेंगे। जिसमें प्राध्यापक, शोधार्थी, विद्यार्थी और अन्य प्रतिभागी शामिल हैं। इस अवसर पर हिमाचल राज्य संग्रहालय के संग्रहालयाध्यक्ष II नरेंद्र कुमार, क्यूरेटर विंग के नीरज ठाकुर, अंजना गुलेरिया, मौजूद रहे।
ट्रस्ट चेयरमैन ने बताया कि आने वाले समय में ट्रस्ट अकादिमिक, शैक्षणिक, संस्कृति और शोध के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रम, सेमिनार, मेले, उत्सव और कार्यशालों का आयोजन करता रहेगा। जिनका मुख्य उद्देश्य पश्चिमी हिमालय के गौरवशाली इतिहास, लिपि, पुरातत्व, समृद्ध संस्कृति इतियादी विषयों पर गहन अध्ययन, नए विचारों और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है।
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