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ऊना , 23 मार्च ! हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। प्रदेश के हर कोने-कोने में देवी-देवताओं का वास है जोकि लोगों की आस्था का केन्द्र बने हुए हैं। देश के कोने-कोने से लोग इन धार्मिक स्थलों में आकर अपनी श्रद्धा और आस्था प्रकट करते हैं। ज़िला ऊना का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माताश्री चिंतपूर्णी का नाम भी पूरे देश में सुविख्यात है। माताश्री चिंतपूर्णी अर्थात् चिंताओं को दूर करने वाली देवी जिसे छिन्नमस्तिका भी कहा जाता है। देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है-विश्वविख्यात छिन्नमस्तिका धाम माताश्री चिंतपूर्णी। मान्यता अनुसार इस स्थान पर विष्णुचक्र द्वारा कटे सती के शरीर के चरण पड़े थे। चैत्र नवरात्र मेले के दौरान प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंध मंदिर न्यास माता श्री चिंतपूर्णी के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बताया कि चैत्र नवरात्र मेले के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को चार सैक्टर में बांटा गया हैं तथा पर्याप्त मात्रा में पुलिस व होमगार्ड जवान नियुक्त किए हैं। उन्होंने बताया कि असामाजिक तत्वों के जरिए होने वाली अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए मेले के दौरान मंदिर व मेला परिसर में सीसीटीवी कैमरें भी लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए माता श्री चिंतपूर्णी के कपाट 24 घंटे खुले रहेंगे ताकि श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ के लिए किसी प्रकार की असुविधा न हो। माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्वच्छ पेयजल तथा शौचालय की सुविधा विभिन्न स्थलों पर मुहैया करवाई गई है। चंडीगढ़ से आए श्रद्धालु ने कहा की बच्चे के मुंडन करवाने आए हैं। साथ में महा माई के दर्शन करने के लिए माता चिंतपूर्णी के दरबार में आए हैं और मंदिर बहुत अच्छा सजा हुआ है। भक्तों ने काफी सेवा की हुई है और बहुत अच्छा ही सुंदर नजारा है महामाई सबकी मनोकामना पूरी करें और सब पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
ऊना , 23 मार्च ! हिमाचल प्रदेश को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। प्रदेश के हर कोने-कोने में देवी-देवताओं का वास है जोकि लोगों की आस्था का केन्द्र बने हुए हैं। देश के कोने-कोने से लोग इन धार्मिक स्थलों में आकर अपनी श्रद्धा और आस्था प्रकट करते हैं। ज़िला ऊना का प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माताश्री चिंतपूर्णी का नाम भी पूरे देश में सुविख्यात है। माताश्री चिंतपूर्णी अर्थात् चिंताओं को दूर करने वाली देवी जिसे छिन्नमस्तिका भी कहा जाता है।
देश के 51 शक्तिपीठों में से एक है-विश्वविख्यात छिन्नमस्तिका धाम माताश्री चिंतपूर्णी। मान्यता अनुसार इस स्थान पर विष्णुचक्र द्वारा कटे सती के शरीर के चरण पड़े थे।
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चैत्र नवरात्र मेले के दौरान प्रशासन द्वारा किए गए प्रबंध मंदिर न्यास माता श्री चिंतपूर्णी के अध्यक्ष एवं उपायुक्त ऊना राघव शर्मा ने बताया कि चैत्र नवरात्र मेले के दौरान कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए मेला क्षेत्र को चार सैक्टर में बांटा गया हैं तथा पर्याप्त मात्रा में पुलिस व होमगार्ड जवान नियुक्त किए हैं। उन्होंने बताया कि असामाजिक तत्वों के जरिए होने वाली अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए मेले के दौरान मंदिर व मेला परिसर में सीसीटीवी कैमरें भी लगाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए माता श्री चिंतपूर्णी के कपाट 24 घंटे खुले रहेंगे ताकि श्रद्धालुओं को दर्शनार्थ के लिए किसी प्रकार की असुविधा न हो। माता श्री चिंतपूर्णी मंदिर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्वच्छ पेयजल तथा शौचालय की सुविधा विभिन्न स्थलों पर मुहैया करवाई गई है।
चंडीगढ़ से आए श्रद्धालु ने कहा की बच्चे के मुंडन करवाने आए हैं। साथ में महा माई के दर्शन करने के लिए माता चिंतपूर्णी के दरबार में आए हैं और मंदिर बहुत अच्छा सजा हुआ है। भक्तों ने काफी सेवा की हुई है और बहुत अच्छा ही सुंदर नजारा है महामाई सबकी मनोकामना पूरी करें और सब पर अपना आशीर्वाद बनाए रखें।
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