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कुल्लू , 04 दिसंबर ! भारत के सात राज्यों में अब आपदा के समय स्वयं सेवी भी लोगों की मदद कर सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति बाढ़ में फंस जाता है या फिर पहाड़ में फंस जाता है। तो ऐसे में उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि देश के सात राज्यों के 70 युवाओं को इन सभी चीजों से निपटने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के पिरडी में रिवर राफ्टिंग सेंटर में दिया जा रहा है। मनाली के अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के तत्वाधान में इन दिनों यह युवा आपदा से बचाव की बारी किया सीख रहे हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से 10 दिनों तक इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है और इस कार्यक्रम में छतीसगढ़, महाराष्ट्र, वेस्ट बंगाल, उत्तरप्रदेश, पांडिचेरी, कर्नाटक, झारखंड से पहुंचे है। अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान में कार्यरत प्रशिक्षक गिमनर सिंह ने बताया कि इन सभी युवाओं को बहते पानी में तैराकी करना, क्याकिंग के माध्यम से रेस्क्यू करना तथा पहाड़ पर चढ़ने की तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सभी युवा इन सभी बारीकियां को सीख रहे हैं। ताकि आगामी समय में वह अपने-अपने राज्यों में जाकर अन्य युवाओं को भी प्रशिक्षित कर सके। गिमनर सिंह ने बताया कि 10 दिनों के इस कार्यक्रम के बाद इन सभी युवाओं का टेस्ट भी लिया जाएगा और टेस्ट में पास होने के बाद ही ने संस्थान की ओर से प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा।
कुल्लू , 04 दिसंबर ! भारत के सात राज्यों में अब आपदा के समय स्वयं सेवी भी लोगों की मदद कर सकेंगे। अगर कोई व्यक्ति बाढ़ में फंस जाता है या फिर पहाड़ में फंस जाता है। तो ऐसे में उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं होगी। क्योंकि देश के सात राज्यों के 70 युवाओं को इन सभी चीजों से निपटने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिला के पिरडी में रिवर राफ्टिंग सेंटर में दिया जा रहा है।
मनाली के अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के तत्वाधान में इन दिनों यह युवा आपदा से बचाव की बारी किया सीख रहे हैं। राष्ट्रीय सेवा योजना के माध्यम से 10 दिनों तक इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है और इस कार्यक्रम में छतीसगढ़, महाराष्ट्र, वेस्ट बंगाल, उत्तरप्रदेश, पांडिचेरी, कर्नाटक, झारखंड से पहुंचे है।
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अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान में कार्यरत प्रशिक्षक गिमनर सिंह ने बताया कि इन सभी युवाओं को बहते पानी में तैराकी करना, क्याकिंग के माध्यम से रेस्क्यू करना तथा पहाड़ पर चढ़ने की तकनीक का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सभी युवा इन सभी बारीकियां को सीख रहे हैं। ताकि आगामी समय में वह अपने-अपने राज्यों में जाकर अन्य युवाओं को भी प्रशिक्षित कर सके। गिमनर सिंह ने बताया कि 10 दिनों के इस कार्यक्रम के बाद इन सभी युवाओं का टेस्ट भी लिया जाएगा और टेस्ट में पास होने के बाद ही ने संस्थान की ओर से प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा।
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