राज्यपाल बोले आक्रांताओं से ज्यादा तथाकथित इतिहासकारों ने गौरवशाली इतिहास को पहुंचाया नुकसान*
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 18 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में निर्मल ठाकुर को सप्त सिन्धु फाऊंडेशन दिल्ली द्वारा आयोजित प्रथम महाराजा दाहिर सेन सप्त सिन्धु आजीवन सम्मान प्रदान किया। निर्मल ठाकुर ने शिक्षा, साहित्य एवं सामाजिक जीवन में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की हैं। इस दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारत जो विश्व गुरु था उसकी गौरवशाली परंपरा को इतना नुकसान आक्रांताओं ने नहीं किया जितना नुकसान तथा कथित इतिहास कारों ने भारत के गौरव को ही खत्म कर दिया। वह प्रथम हिन्दू राजा थे जिन्होंने जीवित रहते हुए किसी आक्रांता को भारत भूमि पर पग नहीं रखने दिया। लेकिन दाहिरसेन को इतिहास में उचित स्थान नहीं दिया गया।उन्होंने आग्रह किया कि जो इतिहासकार वास्तविक इतिहास को लिख रहे हैं वह जरूर ताहिरसेन को उचित स्थान दें। इस मौके पर राज्यपाल ने सप्त सिन्धु फाउंडेशन को महाराजा दाहिर सेन के नाम पर सप्त सिन्धु सम्मान स्थापित करने पर बधाई देते हुए कहा कि सप्त सिन्धु का जिक्र वेदों में भी आता है। यह सात नदियों का विशाल क्षेत्र है। शुक्ल ने कहा कि यह सम्मान सिन्धु नरेश महाराजा दाहिर सेन के नाम पर दिया जा रहा है, जिन्होंने अक्रांताओं के खिलाफ कभी समझौता नहीं किया और देश के लिए बलिदान दिया। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे महान व्यक्ति को इतिहास में उचित स्थान नहीं दिया गया।
शिमला , 18 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में निर्मल ठाकुर को सप्त सिन्धु फाऊंडेशन दिल्ली द्वारा आयोजित प्रथम महाराजा दाहिर सेन सप्त सिन्धु आजीवन सम्मान प्रदान किया। निर्मल ठाकुर ने शिक्षा, साहित्य एवं सामाजिक जीवन में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान की हैं।
इस दौरान राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारत जो विश्व गुरु था उसकी गौरवशाली परंपरा को इतना नुकसान आक्रांताओं ने नहीं किया जितना नुकसान तथा कथित इतिहास कारों ने भारत के गौरव को ही खत्म कर दिया।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
वह प्रथम हिन्दू राजा थे जिन्होंने जीवित रहते हुए किसी आक्रांता को भारत भूमि पर पग नहीं रखने दिया। लेकिन दाहिरसेन को इतिहास में उचित स्थान नहीं दिया गया।उन्होंने आग्रह किया कि जो इतिहासकार वास्तविक इतिहास को लिख रहे हैं वह जरूर ताहिरसेन को उचित स्थान दें।
इस मौके पर राज्यपाल ने सप्त सिन्धु फाउंडेशन को महाराजा दाहिर सेन के नाम पर सप्त सिन्धु सम्मान स्थापित करने पर बधाई देते हुए कहा कि सप्त सिन्धु का जिक्र वेदों में भी आता है। यह सात नदियों का विशाल क्षेत्र है।
शुक्ल ने कहा कि यह सम्मान सिन्धु नरेश महाराजा दाहिर सेन के नाम पर दिया जा रहा है, जिन्होंने अक्रांताओं के खिलाफ कभी समझौता नहीं किया और देश के लिए बलिदान दिया। उन्होंने दुख व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे महान व्यक्ति को इतिहास में उचित स्थान नहीं दिया गया।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -