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शिमला , 16 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! स्वामी विवेकानंद सेवा प्रतिष्ठान के तत्वावधान में आज शिमला के गेयटी थिएटर में एक राष्ट्रीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय था "विकसित भारत:चुनौतियां और समाधान"। इस अवसर पर देश और प्रदेश के बुद्धिजीवी, विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स, छात्र वर्ग, समाजसेवी, सेवानिवृत अधिकारीगण और सेना के पूर्व अधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रबंधन विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉ प्रमोद शर्मा मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर सरदार पटेल विश्वविद्यालय से के पूर्व कुलपति प्रो सी एल चंदन मुख्य वक्त के रूप में अपना उद्बोधन दिया। नेहरू युवा केंद्र के पूर्व सह निदेशक प्रभात कुमार ने विषय पर अपना वक्तव्य दिया। राष्ट्रीय विचार गोष्ठी में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर चर्चा हुई और इस क्षेत्र में क्या क्या चुनौतियां आ सकती हैं। डा प्रमोद शर्मा ने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए 11 मंत्र दिए हैं और देशज के नौजवानों। की इसमें मुख्य भूमिका रहने वाली है। उन्होंने कहा कि आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और शीघ्र ही हम विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। डा प्रमोद शर्मा ने कहा कि भारत को अपनी युवा शक्ति में ह्यूमन रिसोर्स डेवलेपमेंट में बढ़ावा देना होगा और शिक्षा , स्वास्थ्य, रोजगार और युद्यमिता को बढ़ाना होगा। प्रो चंदन ने कहा कि भारत पहले भी एक शक्ति था और भविष्य में कुशल नेतृत्व के कारण ही भारत आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक का प्रयोग करके ही भारत का विकसित भारत का सपना 2047 में पूरा होगा। इस अवसर पर प्रभात कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि युवाओं में कौशल विकास करके ही देश को समृद्ध बनाया जा सकता है और युवाओं को राष्ट्र निर्माण का कार्य में लगाया जाना चाहिए। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में कॉलेज, विश्वविद्यालयों, स्कूलों के छात्रों ने भी भाग लिया और स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे।कार्यक्रम में मुख्य रूप से दीवान वर्मा, रामा नंद वर्मा, नन्द लाल नेहरत्यू, दिनेश वर्मा, अश्वनी, तेजेंद्र वर्मा, भूप राम वर्मा, एस आर शर्मा, के सी शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित थे। इस विचार गोष्ठी में भाग लेने वालों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए गए।
शिमला , 16 दिसंबर [ विशाल सूद ] ! स्वामी विवेकानंद सेवा प्रतिष्ठान के तत्वावधान में आज शिमला के गेयटी थिएटर में एक राष्ट्रीय विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय था "विकसित भारत:चुनौतियां और समाधान"।
इस अवसर पर देश और प्रदेश के बुद्धिजीवी, विश्वविद्यालयों के प्रोफेसर्स, छात्र वर्ग, समाजसेवी, सेवानिवृत अधिकारीगण और सेना के पूर्व अधिकारी भी उपस्थित थे। इस अवसर पर प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रबंधन विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉ प्रमोद शर्मा मुख्य अतिथि थे।
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इस अवसर पर सरदार पटेल विश्वविद्यालय से के पूर्व कुलपति प्रो सी एल चंदन मुख्य वक्त के रूप में अपना उद्बोधन दिया। नेहरू युवा केंद्र के पूर्व सह निदेशक प्रभात कुमार ने विषय पर अपना वक्तव्य दिया। राष्ट्रीय विचार गोष्ठी में भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने पर चर्चा हुई और इस क्षेत्र में क्या क्या चुनौतियां आ सकती हैं।
डा प्रमोद शर्मा ने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने भी देश को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लिए 11 मंत्र दिए हैं और देशज के नौजवानों। की इसमें मुख्य भूमिका रहने वाली है। उन्होंने कहा कि आज भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है और शीघ्र ही हम विश्व में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे। डा प्रमोद शर्मा ने कहा कि भारत को अपनी युवा शक्ति में ह्यूमन रिसोर्स डेवलेपमेंट में बढ़ावा देना होगा और शिक्षा , स्वास्थ्य, रोजगार और युद्यमिता को बढ़ाना होगा।
प्रो चंदन ने कहा कि भारत पहले भी एक शक्ति था और भविष्य में कुशल नेतृत्व के कारण ही भारत आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि विज्ञान और तकनीक का प्रयोग करके ही भारत का विकसित भारत का सपना 2047 में पूरा होगा।
इस अवसर पर प्रभात कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि युवाओं में कौशल विकास करके ही देश को समृद्ध बनाया जा सकता है और युवाओं को राष्ट्र निर्माण का कार्य में लगाया जाना चाहिए।
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में कॉलेज, विश्वविद्यालयों, स्कूलों के छात्रों ने भी भाग लिया और स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी अपने विचार रखे।कार्यक्रम में मुख्य रूप से दीवान वर्मा, रामा नंद वर्मा, नन्द लाल नेहरत्यू, दिनेश वर्मा, अश्वनी, तेजेंद्र वर्मा, भूप राम वर्मा, एस आर शर्मा, के सी शर्मा मुख्य रूप से उपस्थित थे। इस विचार गोष्ठी में भाग लेने वालों को प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किए गए।
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