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शिमला , 07 अगस्त [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद भी गौवंश सड़कों पर है। बेसहारा गोवंश सड़कों पर मरने को मजबूर है। भारत सरकार द्वारा 2019 में करवाई गई 20 वीं पशुगणना के अनुसार हिमाचल में करीब 36,311 बेसहारा पशु थे. इन बेसहारा पशुओं के लिए गौ सदन की व्यवस्था हिमाचल में की जा रही है. मौजूदा समय में ह हिमाचल में 250 के करीब गौ सदन हैं. गौसदनों में करीब 21000 पशु हैं। हालांकि सीपीएस किशोरी लाल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के गौसनो में 21000 से ज्यादा पशु हैं। जबकि 10हज़ार से ज्यादा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। जिनकी हालत दयनीय है। सड़कों पर फिर रहे पशुधन से कई हादसे भी पेश आ चुके हैं। सरकार अपने स्तर पर कई काम कर रहीं है लेकिन लोग इसमें सबसे ज्यादा दोषी हैं जो दूध पीने के बाद गोवंश को सड़को पर मरने के लिए छोड़ देते हैं।
शिमला , 07 अगस्त [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में करोड़ों रुपया खर्च करने के बाद भी गौवंश सड़कों पर है। बेसहारा गोवंश सड़कों पर मरने को मजबूर है। भारत सरकार द्वारा 2019 में करवाई गई 20 वीं पशुगणना के अनुसार हिमाचल में करीब 36,311 बेसहारा पशु थे. इन बेसहारा पशुओं के लिए गौ सदन की व्यवस्था हिमाचल में की जा रही है. मौजूदा समय में ह हिमाचल में 250 के करीब गौ सदन हैं. गौसदनों में करीब 21000 पशु हैं।
हालांकि सीपीएस किशोरी लाल ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के गौसनो में 21000 से ज्यादा पशु हैं। जबकि 10हज़ार से ज्यादा पशु सड़कों पर घूम रहे हैं। जिनकी हालत दयनीय है। सड़कों पर फिर रहे पशुधन से कई हादसे भी पेश आ चुके हैं। सरकार अपने स्तर पर कई काम कर रहीं है लेकिन लोग इसमें सबसे ज्यादा दोषी हैं जो दूध पीने के बाद गोवंश को सड़को पर मरने के लिए छोड़ देते हैं।
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