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चम्बा , 9 अक्तूबर [ शिवानी ] ! जिला नियन्त्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले पुरुषोत्तम सिंह की अध्यक्षता में आज खाद्य वस्तुओं की तलाई के बाद बचे हुए खाद्य तेल के बार-बार प्रयोग को रोकने तथा इसे बायोडीजल के रूप में उपयोग के लिए एक बैठक का आयोजन किया। बैठक में खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक राज आन्नद, समस्त निरीक्षक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले,प्रधान व्यापार मंडल विरेन्द्र महाजन, सचिव स्वपन महाजन तथा अन्य सदस्यों ने भाग लिया। बैठक में जिला नियन्त्रक ने बताया कि होटल, ढाबों और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों में खाद्य वस्तुओं की तलाई के बाद बचे हुए खाद्य तेल के बार-बार प्रयोग को रोकने तथा इसको इधर उधर फैकने के बजाय इसे बायोडीजल में उपयोग हेतु एकत्रित करने के लिए जिला चम्बा में विशेष व्यवस्था की जानी प्रस्तावित है। उन्होने बताया कि दुकानदारों द्वारा खाद्य तेल को बार बार गर्म करना तथा इसे बार बार तलाई कर खाने के लिए प्रयोग में लाया जाना स्वास्थय के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। जबकि खाद्य तेल को तीन बार से अधिक गर्म कर उपयोग नहीं करना चाहिए। उन्होने बताया कि इस प्रकार के तेल को खाने से कई गभीर बीमारियां हो सकती है। उन्होने व्यापार मण्डल के प्रतिनिधियों से इस बारे सहयोग चाहा कि वे सभी होटल, ढाबो और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों मे इस प्रकार के बार-बार प्रयोग में लाये जाने वाले खाद्य तेल का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होने यह भी बताया कि दुकानदार बचे हुए तेल को दोबारा प्रयोग करने या इधर-उधर फैकने के बजाय इसको अपने पास किसी बर्तन में इसका भण्डारण कर सकते है। जिसे बाद में बेचकर इससे आय भी अर्जित कर सकते है, क्योंकि इस तेल की कलेक्शन के लिए चयनित फर्म सूर्या एंविरो मनुफैक्चर ऑफ बायो डिजल और ग्लाइसेरोल बद्दी से समन्यवय स्थापित किया जा सकता है। उक्त फर्म होटलो ढाबों / फूड कार्नर से बचे हुए तेल को प्राप्त कर इसे बायोडीजल बनाने के प्रयोग में ला सकती है। जिले के व्यापारिक प्रतिष्ठानों से उक्त फर्म हर हफ्ते या महीने मे कम से कम एक दो बार तेल को वापस खरीद करने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों एवम् व्यपार मण्डल के प्रतिनिधियों को यह भी सूचित किया कि यह तेल उक्त फर्म द्वारा 30 रु० प्रति लीटर की कीमत पर खरीदा जा सकता है। उन्होने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों से अपील की है कि तेल की खरीद व इसके बार-बार उपयोग से स्वास्थ्य पर पडने वाले विपरीत प्रभावों के सम्बन्ध में जिला के सभी उपभोक्ताओं, व्यपारियों को इस बारे जागरुक करें। बैठक में उपस्थित खाद्य सुरक्षा एवं मानक विभाग, जिला पर्यटन अधिकारी कार्यालय से प्रतिनिधि एवं व्यापार मण्डल के सदस्यों द्वारा इस बारे अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी रखें।
चम्बा , 9 अक्तूबर [ शिवानी ] ! जिला नियन्त्रक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले पुरुषोत्तम सिंह की अध्यक्षता में आज खाद्य वस्तुओं की तलाई के बाद बचे हुए खाद्य तेल के बार-बार प्रयोग को रोकने तथा इसे बायोडीजल के रूप में उपयोग के लिए एक बैठक का आयोजन किया।
बैठक में खाद्य सुरक्षा अधिकारी दीपक राज आन्नद, समस्त निरीक्षक खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले,प्रधान व्यापार मंडल विरेन्द्र महाजन, सचिव स्वपन महाजन तथा अन्य सदस्यों ने भाग लिया।
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बैठक में जिला नियन्त्रक ने बताया कि होटल, ढाबों और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों में खाद्य वस्तुओं की तलाई के बाद बचे हुए खाद्य तेल के बार-बार प्रयोग को रोकने तथा इसको इधर उधर फैकने के बजाय इसे बायोडीजल में उपयोग हेतु एकत्रित करने के लिए जिला चम्बा में विशेष व्यवस्था की जानी प्रस्तावित है।
उन्होने बताया कि दुकानदारों द्वारा खाद्य तेल को बार बार गर्म करना तथा इसे बार बार तलाई कर खाने के लिए प्रयोग में लाया जाना स्वास्थय के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। जबकि खाद्य तेल को तीन बार से अधिक गर्म कर उपयोग नहीं करना चाहिए।
उन्होने बताया कि इस प्रकार के तेल को खाने से कई गभीर बीमारियां हो सकती है। उन्होने व्यापार मण्डल के प्रतिनिधियों से इस बारे सहयोग चाहा कि वे सभी होटल, ढाबो और अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठानों मे इस प्रकार के बार-बार प्रयोग में लाये जाने वाले खाद्य तेल का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए।
उन्होने यह भी बताया कि दुकानदार बचे हुए तेल को दोबारा प्रयोग करने या इधर-उधर फैकने के बजाय इसको अपने पास किसी बर्तन में इसका भण्डारण कर सकते है। जिसे बाद में बेचकर इससे आय भी अर्जित कर सकते है, क्योंकि इस तेल की कलेक्शन के लिए चयनित फर्म सूर्या एंविरो मनुफैक्चर ऑफ बायो डिजल और ग्लाइसेरोल बद्दी से समन्यवय स्थापित किया जा सकता है।
उक्त फर्म होटलो ढाबों / फूड कार्नर से बचे हुए तेल को प्राप्त कर इसे बायोडीजल बनाने के प्रयोग में ला सकती है। जिले के व्यापारिक प्रतिष्ठानों से उक्त फर्म हर हफ्ते या महीने मे कम से कम एक दो बार तेल को वापस खरीद करने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों एवम् व्यपार मण्डल के प्रतिनिधियों को यह भी सूचित किया कि यह तेल उक्त फर्म द्वारा 30 रु० प्रति लीटर की कीमत पर खरीदा जा सकता है।
उन्होने बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों से अपील की है कि तेल की खरीद व इसके बार-बार उपयोग से स्वास्थ्य पर पडने वाले विपरीत प्रभावों के सम्बन्ध में जिला के सभी उपभोक्ताओं, व्यपारियों को इस बारे जागरुक करें।
बैठक में उपस्थित खाद्य सुरक्षा एवं मानक विभाग, जिला पर्यटन अधिकारी कार्यालय से प्रतिनिधि एवं व्यापार मण्डल के सदस्यों द्वारा इस बारे अपने महत्वपूर्ण सुझाव भी रखें।
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