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शिमला , 10 जून [ शिवानी ] ! पूरा देश आज के दिन को श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज के 418वें शहीदी दिवस के रूप में माना रहा है। वहीं हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी इस दिन को धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। बात करें शिमला स्थित गुरुद्वारा साहिब श्री गुरु सिंह सभा शिमला की तो वहां भी श्री गुरु अर्जुन देव महाराज जी का 418 वा पवन शहीदी दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस मौके पर गुरुद्वारे में पहुंचे और अपना शीश नवाया। इस दौरान उन्होंने कहां कि आज श्री गुरुदेव अर्जुन देव महाराज का 418 पवन शहीदी दिवस यहां पर धूमधाम के साथ मनाया गया। उन्होंने कहा कि वह हमारे प्रेरणा के स्रोत थे। मुगल शासकों के दौरान उन्होंने कई प्रकार की यातनाएं सही लेकिन कभी भी सत्य की राह नहीं छोड़ी। इंसानियत और समाज कल्याण के लिए कार्य करते रहे। वे विद्या और करुणा के सागर थे। आज हम उनके शहीदी दिवस पर यहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित हुए हैं। उन्होंने कहां कि गुरु अर्जन देव हमारे प्रेरणा स्रोत है और हमेशा रहेंगे। उन्होंने समाज को एक नई दिशा और नई सोच दी है और उस सोच को हम आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे। इस अवसर पर सुबह से ही रागी जत्थों द्वारा गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन किया गई वहीं गुरुद्वारे के बाहर छबील और लंगर भी लगाया गया।
शिमला , 10 जून [ शिवानी ] ! पूरा देश आज के दिन को श्री गुरु अर्जुन देव जी महाराज के 418वें शहीदी दिवस के रूप में माना रहा है।
वहीं हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी इस दिन को धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। बात करें शिमला स्थित गुरुद्वारा साहिब श्री गुरु सिंह सभा शिमला की तो वहां भी श्री गुरु अर्जुन देव महाराज जी का 418 वा पवन शहीदी दिवस धूमधाम से मनाया गया।
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इस दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इस मौके पर गुरुद्वारे में पहुंचे और अपना शीश नवाया। इस दौरान उन्होंने कहां कि आज श्री गुरुदेव अर्जुन देव महाराज का 418 पवन शहीदी दिवस यहां पर धूमधाम के साथ मनाया गया। उन्होंने कहा कि वह हमारे प्रेरणा के स्रोत थे। मुगल शासकों के दौरान उन्होंने कई प्रकार की यातनाएं सही लेकिन कभी भी सत्य की राह नहीं छोड़ी। इंसानियत और समाज कल्याण के लिए कार्य करते रहे। वे विद्या और करुणा के सागर थे। आज हम उनके शहीदी दिवस पर यहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए उपस्थित हुए हैं।
उन्होंने कहां कि गुरु अर्जन देव हमारे प्रेरणा स्रोत है और हमेशा रहेंगे। उन्होंने समाज को एक नई दिशा और नई सोच दी है और उस सोच को हम आगे बढ़ने का प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर सुबह से ही रागी जत्थों द्वारा गुरुद्वारे में शब्द कीर्तन किया गई वहीं गुरुद्वारे के बाहर छबील और लंगर भी लगाया गया।
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