
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
मंडी ,! भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय राणा ने कहा कि हम यह संकल्प लेते है कि हिमाचल प्रदेश के किसी भी मंदिर का एक भी पैसा किसी सरकार को नहीं लेने देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की आंख मंदिरों के पैसे पर टिकी है जो कि प्रदेश सरकार का सनातन विरोधी चेहरा उजागर करती है। श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में दिया गया पैसा मंदिर के विकास कार्यों के लिए होता है, धर्म के काम को बढ़ाने के लिए होता है पर यह कांग्रेस सरकार केवल अपनी योजनाओं को चलाने के लिए इस पैसा का इस्तेमाल करना चाहती है। अजय राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा मंदिरों से सहयोग मांगने पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की, राणा ने कहा कि सरकार द्वारा हिंदू मंदिरों से सहयोग मांगने का यह कदम राजनीतिक कारणों से प्रेरित प्रतीत होता है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंदिरों से मदद की मांग की है, लेकिन इसके पीछे क्या उद्देश्य है? हम यह स्वीकार नहीं कर सकते कि हिन्दू मंदिरों के चढ़ावे का उपयोग सरकार गैर-हिन्दू कार्यों में करेगी यह गलत है और यह नहीं होना चाहिए। राणा ने कहा की कांग्रेस पार्टी एक चिट्ठी का प्रचार कर रही है पर उस चिट्ठी को उन्होंने ठीक से पढ़ा नहीं है, उस चिट्ठी में मंदिरों के लिए गौ सेवा का एक प्रावधान किया गया है ना कि किसी सरकारी योजना के लिए पैसे मांगे गए है। कांग्रेस पार्टी केवल मात्र एक झूठा प्रचार कर जनता में अपनी छवि सुधारने का प्रयास कर रहे है जिसमें वह असलफ साबित हो रहे है। उन्होंने कहा कि ज़्यादा पुरानी बात नहीं है जब हिमाचल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में अपनी जीत को 97% हिंदुओं की हार के रूप में दिखाया था। यह हमारी गौरवशाली विरासत पर हमला था। सुक्खू सरकार के पास सैलरी और पेंशन तक देने के लिए पैसे नहीं है तो अब वो मंदिरों के ख़ज़ाने पर बुरी दृष्टि डाले बैठे हैं। हिंदू समाज यह कदापि स्वीकार नहीं करेगा। राज्य सरकार को अपना यह हिंदू विरोधी निर्णय वापस लेना चाहिए और साथ ही इस कुकृत्य के लिए कांग्रेस को हिंदू समाज से क्षमा याचना भी करनी चाहिए।
मंडी ,! भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय राणा ने कहा कि हम यह संकल्प लेते है कि हिमाचल प्रदेश के किसी भी मंदिर का एक भी पैसा किसी सरकार को नहीं लेने देंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की आंख मंदिरों के पैसे पर टिकी है जो कि प्रदेश सरकार का सनातन विरोधी चेहरा उजागर करती है। श्रद्धालुओं द्वारा मंदिर में दिया गया पैसा मंदिर के विकास कार्यों के लिए होता है, धर्म के काम को बढ़ाने के लिए होता है पर यह कांग्रेस सरकार केवल अपनी योजनाओं को चलाने के लिए इस पैसा का इस्तेमाल करना चाहती है।
अजय राणा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा मंदिरों से सहयोग मांगने पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की, राणा ने कहा कि सरकार द्वारा हिंदू मंदिरों से सहयोग मांगने का यह कदम राजनीतिक कारणों से प्रेरित प्रतीत होता है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मंदिरों से मदद की मांग की है, लेकिन इसके पीछे क्या उद्देश्य है? हम यह स्वीकार नहीं कर सकते कि हिन्दू मंदिरों के चढ़ावे का उपयोग सरकार गैर-हिन्दू कार्यों में करेगी यह गलत है और यह नहीं होना चाहिए।
राणा ने कहा की कांग्रेस पार्टी एक चिट्ठी का प्रचार कर रही है पर उस चिट्ठी को उन्होंने ठीक से पढ़ा नहीं है, उस चिट्ठी में मंदिरों के लिए गौ सेवा का एक प्रावधान किया गया है ना कि किसी सरकारी योजना के लिए पैसे मांगे गए है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
कांग्रेस पार्टी केवल मात्र एक झूठा प्रचार कर जनता में अपनी छवि सुधारने का प्रयास कर रहे है जिसमें वह असलफ साबित हो रहे है। उन्होंने कहा कि ज़्यादा पुरानी बात नहीं है जब हिमाचल में कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में अपनी जीत को 97% हिंदुओं की हार के रूप में दिखाया था। यह हमारी गौरवशाली विरासत पर हमला था। सुक्खू सरकार के पास सैलरी और पेंशन तक देने के लिए पैसे नहीं है तो अब वो मंदिरों के ख़ज़ाने पर बुरी दृष्टि डाले बैठे हैं। हिंदू समाज यह कदापि स्वीकार नहीं करेगा। राज्य सरकार को अपना यह हिंदू विरोधी निर्णय वापस लेना चाहिए और साथ ही इस कुकृत्य के लिए कांग्रेस को हिंदू समाज से क्षमा याचना भी करनी चाहिए।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -