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मंडी , 04 जुलाई ! नेरचौक मेडिकल कॉलेज में कोविड काल में रखे गये आउटसोर्स कर्मचारियों को फिर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से बार निकाले हुए आज चौथा दिन है। इपनी समस्या लेकर जब वे प्रदेश के मुखिया के पास पहुंचे तो वंहा से भी झूठा आयवास उन्हे मिला। इन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि उन्हे नौकरी पर वापिस लिया जायें नही तो वे आंदोलन का रासता अपनायेगें। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में कोविड काल में रखे गये आउटसोर्स कर्मचारियों को फिर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि उन्हे नौकरी से बार निकाले हुए आज चौथा दिन है जबकि आउटसोर्स कर्मचारियों के ना भर्ती करने का कोई पू्रफ है और ना ही निकालने का। इनका कहना है कि इन्होने कोरोना के दौर में आपनी जान जोखिम में डालकर सेवायें दी अब उन्हे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है जो उनके साथ अन्याय है। एमएस से लेकर एडी के पास समस्या को लेकर गयें तो वंहा भी आगे से ऑर्डर आये है का हवाला दिया गया जिसके बाद मुख्यमंत्री के पास गयें तो वंहा से भी झूठा आश्वासन मिला। उन्होने कहा कि घर बार छोडकर ईमानदरी के साथ उनहोने नौकरी की लेकिन आज उन्हे दर दर भटकना पड़ रहा है किसी किसी आउटसोर्स कर्मचारियों को तो राशन लेने तक के पैसे नही है। उन्होने सरकार से फिर से नौकरी पर रखने की मांग की है। उनका कहना है कि यंहा पर पद खाली है फिर क्यो उन्हे वापिस नही लिया जा रहा। उनहोने कहा कि अगर उन्हे वापिस नौकरी पर नही रखा जाता है तो उन्हे मजबूरन धरना देना पड़ेगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
मंडी , 04 जुलाई ! नेरचौक मेडिकल कॉलेज में कोविड काल में रखे गये आउटसोर्स कर्मचारियों को फिर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से बार निकाले हुए आज चौथा दिन है। इपनी समस्या लेकर जब वे प्रदेश के मुखिया के पास पहुंचे तो वंहा से भी झूठा आयवास उन्हे मिला। इन्होंने साफ तौर पर कह दिया है कि उन्हे नौकरी पर वापिस लिया जायें नही तो वे आंदोलन का रासता अपनायेगें।
नेरचौक मेडिकल कॉलेज में कोविड काल में रखे गये आउटसोर्स कर्मचारियों को फिर बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। आउटसोर्स कर्मचारियों का कहना है कि उन्हे नौकरी से बार निकाले हुए आज चौथा दिन है जबकि आउटसोर्स कर्मचारियों के ना भर्ती करने का कोई पू्रफ है और ना ही निकालने का। इनका कहना है कि इन्होने कोरोना के दौर में आपनी जान जोखिम में डालकर सेवायें दी अब उन्हे बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है जो उनके साथ अन्याय है।
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एमएस से लेकर एडी के पास समस्या को लेकर गयें तो वंहा भी आगे से ऑर्डर आये है का हवाला दिया गया जिसके बाद मुख्यमंत्री के पास गयें तो वंहा से भी झूठा आश्वासन मिला। उन्होने कहा कि घर बार छोडकर ईमानदरी के साथ उनहोने नौकरी की लेकिन आज उन्हे दर दर भटकना पड़ रहा है किसी किसी आउटसोर्स कर्मचारियों को तो राशन लेने तक के पैसे नही है।
उन्होने सरकार से फिर से नौकरी पर रखने की मांग की है। उनका कहना है कि यंहा पर पद खाली है फिर क्यो उन्हे वापिस नही लिया जा रहा। उनहोने कहा कि अगर उन्हे वापिस नौकरी पर नही रखा जाता है तो उन्हे मजबूरन धरना देना पड़ेगा।
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