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मंडी , 13 जुलाई ! उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस समय प्रदेश सरकार का पूरा फोकस राहत और पुनर्वास पर है। पर्यटकों को सुरक्षित घर रवाना करने, बाढ़ पीड़ितों को राहत प्रदान करने और प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी तथा मोबाइल नेटवर्क की जल्द से जल्द बहाली के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री ने यह बात मंडी में गुरुवार को राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लेने के उपरांत पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रदेश को लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में आए जल प्रलय में सबसे बड़ी चुनौती जल महकमे के सामने आई है। विभाग की 10 हजार में से करीब 50 फीसदी योजनाएं बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इससे जल शक्ति महकमे को 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। विभाग की ज्यादातर योजनाएं नदी किनारे हैं। बाढ़ आने से पंप हाउस, मशीनरी, लाइनें, सोर्स ध्वस्त हो गए हैं।उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। दिन रात एक कर पानी की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग प्रयास कर रहा है कि अगले 24 घंटे में मंडी शहर में पानी की नॉर्मल सप्लाई बहाल की जा सके। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल योजनाओं की बहाली तक जल शक्ति विभाग मंडी शहर में टैंकर और सार्वजनिक नल लगाकर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। विभाग ने शहर में पानी आपूर्ति के लिए 60 टैंकर चलाए हैं। वहीं चिन्हित जगहों पर सार्वजनिक नलों के जरिए पेयजल आपूर्ति के प्रयास किए गए हैं। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
मंडी , 13 जुलाई ! उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि इस समय प्रदेश सरकार का पूरा फोकस राहत और पुनर्वास पर है। पर्यटकों को सुरक्षित घर रवाना करने, बाढ़ पीड़ितों को राहत प्रदान करने और प्रभावित क्षेत्रों में सड़क, बिजली, पानी तथा मोबाइल नेटवर्क की जल्द से जल्द बहाली के लिए युद्धस्तर पर कार्य किया जा रहा है।
उप मुख्यमंत्री ने यह बात मंडी में गुरुवार को राहत और पुनर्वास कार्यों का जायजा लेने के उपरांत पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि इस आपदा से प्रदेश को लगभग 4 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश में आए जल प्रलय में सबसे बड़ी चुनौती जल महकमे के सामने आई है। विभाग की 10 हजार में से करीब 50 फीसदी योजनाएं बाढ़ से प्रभावित हुई हैं। इससे जल शक्ति महकमे को 1 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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विभाग की ज्यादातर योजनाएं नदी किनारे हैं। बाढ़ आने से पंप हाउस, मशीनरी, लाइनें, सोर्स ध्वस्त हो गए हैं।उन्होंने कहा कि प्रदेश में विभाग के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। दिन रात एक कर पानी की व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग प्रयास कर रहा है कि अगले 24 घंटे में मंडी शहर में पानी की नॉर्मल सप्लाई बहाल की जा सके।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि पेयजल योजनाओं की बहाली तक जल शक्ति विभाग मंडी शहर में टैंकर और सार्वजनिक नल लगाकर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करेगा। विभाग ने शहर में पानी आपूर्ति के लिए 60 टैंकर चलाए हैं। वहीं चिन्हित जगहों पर सार्वजनिक नलों के जरिए पेयजल आपूर्ति के प्रयास किए गए हैं।
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