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मंडी, 21 जुलाई ! 7 जुलाई से आई बाढ से मंडी शहर अब धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है जिसमें हम बात करें जलशक्ति विभाग की तो सबसे ज्यादा चुनौतियां जलशक्ति विभाग के सामने आई मंडी शहर में आई इस आपदा से लगभग 88 करोड़ का नुक़सान हुआ है। जिसमें शहर की दो और ग्रामीण की 45 योजनाएं अवरुद्ध हुई थी लेकिन अब सभी पेयजल योजनाएं बहाल है इस बात की पुष्टि करते मंडी डिवीजन के अधिशासी अभियंता राकेश ठाकुर ने कहा कि मंडी डिवीजन में में जलशक्ति विभाग मे आपदा से भारी नुक्सान हुआ है। उन्होंने कहा कि सभी पेयजल स्कीमों को बहाल कर दिया है। लेकिन आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती सीवरेज की विभाग के सामने है। उन्होंने कहा कि सीवरेज से ध्वस्त हुई पाइपों का काम युद्धस्तर पर चला है। जिसमें हम आगामी 10 दिनों तक पूरा कर लेंगे उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर ऐसी स्थिति बनती है तो उसके लिए हमने कमेटी गठित की कर दी है उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से सभी स्थितियों पर काबू कर लिया है और सीवरेज के काम को भी जल्द पुरा कर दिया जाएगा।
मंडी, 21 जुलाई ! 7 जुलाई से आई बाढ से मंडी शहर अब धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है जिसमें हम बात करें जलशक्ति विभाग की तो सबसे ज्यादा चुनौतियां जलशक्ति विभाग के सामने आई मंडी शहर में आई इस आपदा से लगभग 88 करोड़ का नुक़सान हुआ है।
जिसमें शहर की दो और ग्रामीण की 45 योजनाएं अवरुद्ध हुई थी लेकिन अब सभी पेयजल योजनाएं बहाल है इस बात की पुष्टि करते मंडी डिवीजन के अधिशासी अभियंता राकेश ठाकुर ने कहा कि मंडी डिवीजन में में जलशक्ति विभाग मे आपदा से भारी नुक्सान हुआ है।
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उन्होंने कहा कि सभी पेयजल स्कीमों को बहाल कर दिया है। लेकिन आज के समय में सबसे बड़ी चुनौती सीवरेज की विभाग के सामने है। उन्होंने कहा कि सीवरेज से ध्वस्त हुई पाइपों का काम युद्धस्तर पर चला है।
जिसमें हम आगामी 10 दिनों तक पूरा कर लेंगे उन्होंने कहा कि भविष्य में अगर ऐसी स्थिति बनती है तो उसके लिए हमने कमेटी गठित की कर दी है उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से सभी स्थितियों पर काबू कर लिया है और सीवरेज के काम को भी जल्द पुरा कर दिया जाएगा।
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