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चम्बा , 24 जनवरी [ शिवानी ] ! चम्बा एक ऐतिहासिक नगर है और ऐतिहासिक दृष्टि से यह विश्व मानचित्र पर अपनी पहचान बना चुका है। लेकिन इस चम्बा नगर में बहुत से ऐसे मोहल्ले हैं जिनको भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। इस भूस्खलन की वजह से जहां लोगों के घरों को खतरा बना हुआ है वही चम्बा जिला की ऐतिहासिक धरोहरों का वजूद भी खतरे में है। लेकिन इन धरोहरों को बचाने की दिशा में आज तक सरकार कोई योजना नहीं बना पाई है और न ही प्रशासन इस दिशा में गंभीर दिख रहा है। चम्बा नगर के चौगान वार्ड ,हटानाला व जनसाली वार्ड में भूस्खलन हो रहा है। इसे रोकने के लिए कोई योजना आज तक जिला प्रशासन द्वारा नहीं बनाई पाई। इसके अलावा चम्बा नगर में निरंतर हो रहे भूस्खलन से जहां ऐतिहासिक धरोहर लक्ष्मी नारायण मंदिर, भूरी सिंह संग्रहालय, चर्च ऑफ स्कॉटलैंड। श्याम सिंह अस्पताल, सहित की मोहल्ले धंसने की कगार पर है। वही प्रसिद्ध श्री चंद बाबा जी का मंदिर निरंतर भूस्खलन की जद में आने से धंस सकता है। यही नहीं जिलाधीश का आवास भी इसी भूस्खलन की जड़ में आ चुका है। कई बार इस मुद्दे को राजनेताओं सहित प्रशासन के ध्यान में भी लाया गया लेकिन भूस्खलन को रोकने के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई कारण यहां खतरे से बादल मंडरा रहे हैं। अगर आज भी समय रहते प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया तो यह ऐतिहासिक नगरी अपना वजूद खो सकती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि चम्बा शहर एक ऐतिहासिक शहर है और यहां पर बहुत से मोहल्ले भूस्खलन की जद में आ रहे हैं और इन्ही मुहल्लों में जहां लोगों के घर है वही ऐतिहासिक धरोहरें भी हैं जिन्हें काफी खतरा है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन के चलते हमे घर को छोड़ना पड़ा। उन्होंने कहा की हर बार सरकार के आगे इस समस्या को लेकर आवाज उठाई जाती है लेकिन इस दिशा में कोई भी योजना आज तक नहीं बन पाई है। उन्होंने कहा कि समय रहते अगर इस समस्या का कोई मास्टर प्लान नहीं बनाया गया तो आने वाले समय में जहां लोगों के खरों को खतरा है वहीं ऐतिहासिक धरोहरों को भी नहीं बचाया जा सकता है।
चम्बा , 24 जनवरी [ शिवानी ] ! चम्बा एक ऐतिहासिक नगर है और ऐतिहासिक दृष्टि से यह विश्व मानचित्र पर अपनी पहचान बना चुका है। लेकिन इस चम्बा नगर में बहुत से ऐसे मोहल्ले हैं जिनको भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। इस भूस्खलन की वजह से जहां लोगों के घरों को खतरा बना हुआ है वही चम्बा जिला की ऐतिहासिक धरोहरों का वजूद भी खतरे में है। लेकिन इन धरोहरों को बचाने की दिशा में आज तक सरकार कोई योजना नहीं बना पाई है और न ही प्रशासन इस दिशा में गंभीर दिख रहा है।
चम्बा नगर के चौगान वार्ड ,हटानाला व जनसाली वार्ड में भूस्खलन हो रहा है। इसे रोकने के लिए कोई योजना आज तक जिला प्रशासन द्वारा नहीं बनाई पाई। इसके अलावा चम्बा नगर में निरंतर हो रहे भूस्खलन से जहां ऐतिहासिक धरोहर लक्ष्मी नारायण मंदिर, भूरी सिंह संग्रहालय, चर्च ऑफ स्कॉटलैंड।
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श्याम सिंह अस्पताल, सहित की मोहल्ले धंसने की कगार पर है। वही प्रसिद्ध श्री चंद बाबा जी का मंदिर निरंतर भूस्खलन की जद में आने से धंस सकता है। यही नहीं जिलाधीश का आवास भी इसी भूस्खलन की जड़ में आ चुका है।
कई बार इस मुद्दे को राजनेताओं सहित प्रशासन के ध्यान में भी लाया गया लेकिन भूस्खलन को रोकने के लिए कोई योजना नहीं बनाई गई कारण यहां खतरे से बादल मंडरा रहे हैं। अगर आज भी समय रहते प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई कार्य नहीं किया गया तो यह ऐतिहासिक नगरी अपना वजूद खो सकती है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि चम्बा शहर एक ऐतिहासिक शहर है और यहां पर बहुत से मोहल्ले भूस्खलन की जद में आ रहे हैं और इन्ही मुहल्लों में जहां लोगों के घर है वही ऐतिहासिक धरोहरें भी हैं जिन्हें काफी खतरा है। उन्होंने कहा कि भूस्खलन के चलते हमे घर को छोड़ना पड़ा।
उन्होंने कहा की हर बार सरकार के आगे इस समस्या को लेकर आवाज उठाई जाती है लेकिन इस दिशा में कोई भी योजना आज तक नहीं बन पाई है। उन्होंने कहा कि समय रहते अगर इस समस्या का कोई मास्टर प्लान नहीं बनाया गया तो आने वाले समय में जहां लोगों के खरों को खतरा है वहीं ऐतिहासिक धरोहरों को भी नहीं बचाया जा सकता है।
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