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कुल्लू , 15 जून ! डायरिया पर नियंत्रण को लेकर 15 से 30 जून तक दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। आज से पूरे जिले में इस अभियान की शुरुआत हुई। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में बच्चों के बीच ओआरएस पैकेट व जिंक की गोलियां बांट कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। सीएमओ डॉ नागराज पवार ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पखवाड़ा के दौरान 01 से 05 साल आयु वर्ग के सभी लक्षित बच्चों को दवा उपलब्ध कराया जाना है। प्रति बच्चा ओआरएस का एक पैकेट उपलब्ध कराया जायेगा। ओआरएस के घोल बनाने व इसके उपयोग के प्रति परिवार के सदस्यों को जागरूक किया जाना है। दस्त पीड़ित गंभीर बच्चे व अति कुपोषित बच्चों को इलाज के लिये नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराने में आशा कर्मी अपना समुचित सहयोग प्रदान करेंगी। सीएमओ कुल्लू डॉ नागराज पवार ने बताया की यह अभियान 15 जून से 30 जून तक चलेगा जिसमें आशा वर्कर अपने-अपने क्षेत्रों में 0 से 5 साल के सभी बच्चों को हाउस टू हाउस ओआरएस के पैकेट वितरण करेगी। साथ ही डायरिया से ग्रसित होने पर उसे जिंक का टेबलेट भी देगी। उन्होंने बताया की इसका लक्ष्य दस्त के सबसे सस्ते और प्रभावकारी उपचार मौखिक पुनर्जलीकरण साल्ट के मिश्रण ओआरएस घोल और जिंक टैबलेट का प्रयोग करने की जन जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि दस्त के कारण होने वाली लगभग सभी परेशानी को मौखिक पुनर्जलीकरण साल्ट के मिश्रण ओआरएस और जिंक गोलियों के प्रयोग द्वारा शरीर में जल की कमी के उपचार के साथ-साथ बच्चों को भोजन में पर्याप्त पोषक तत्व देकर रोका जा सकता है और शुद्ध पेयजल, स्वच्छता, स्तनपान, समुचित पोषण और हाथ धोकर दस्त से बचाव किया जा सकता है। सीएमओ कुल्लू डॉ नागराज पवार के अनुसार जन्म से लेकर छह माह तक के बच्चों को सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए। इस आयु तक पानी ऊपरी दूध बिलकुल भी नहीं देना चाहिए। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह से अगली खुराक शुरू की जानी चाहिए। ऐसा करने से बच्चों को डायरिया से बचा जा सकता है। अगर दस्त लगने पर बच्चों को समय पर ओआरएस जिंक की गोली दे दी जाए तो उसकी जान की रक्षा हो सकती है। अगर आराम आने पर 14 दिनों तक जिंक की गोली खिला दी जाती है तो अगले 4-5 माह तक बच्चे में डायरिया रोधी क्षमता बनी रहती है। 29360 बच्चे हैं जिले में 5 साल तक के, जिला में 3086 गाँवों में 26580 घर है जिनमे कुल 465057 की आबादी है इनमे से 29360 घरों में टेबलेट स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बांटी जाएगी स्वस्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में जन्म से लेकर पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों की संख्या 29360 है। आशा वर्करों को उन घरों की जानकारी है, जिनमें पांच वर्ष तक के यह बच्चे हैं। इसलिए उन्हीं को यह काम सौंपा जा रहा है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
कुल्लू , 15 जून ! डायरिया पर नियंत्रण को लेकर 15 से 30 जून तक दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जा रहा है। आज से पूरे जिले में इस अभियान की शुरुआत हुई। क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में बच्चों के बीच ओआरएस पैकेट व जिंक की गोलियां बांट कर कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। सीएमओ डॉ नागराज पवार ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि पखवाड़ा के दौरान 01 से 05 साल आयु वर्ग के सभी लक्षित बच्चों को दवा उपलब्ध कराया जाना है। प्रति बच्चा ओआरएस का एक पैकेट उपलब्ध कराया जायेगा।
ओआरएस के घोल बनाने व इसके उपयोग के प्रति परिवार के सदस्यों को जागरूक किया जाना है। दस्त पीड़ित गंभीर बच्चे व अति कुपोषित बच्चों को इलाज के लिये नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराने में आशा कर्मी अपना समुचित सहयोग प्रदान करेंगी। सीएमओ कुल्लू डॉ नागराज पवार ने बताया की यह अभियान 15 जून से 30 जून तक चलेगा जिसमें आशा वर्कर अपने-अपने क्षेत्रों में 0 से 5 साल के सभी बच्चों को हाउस टू हाउस ओआरएस के पैकेट वितरण करेगी। साथ ही डायरिया से ग्रसित होने पर उसे जिंक का टेबलेट भी देगी। उन्होंने बताया की इसका लक्ष्य दस्त के सबसे सस्ते और प्रभावकारी उपचार मौखिक पुनर्जलीकरण साल्ट के मिश्रण ओआरएस घोल और जिंक टैबलेट का प्रयोग करने की जन जागरूकता पैदा करना है। उन्होंने कहा कि दस्त के कारण होने वाली लगभग सभी परेशानी को मौखिक पुनर्जलीकरण साल्ट के मिश्रण ओआरएस और जिंक गोलियों के प्रयोग द्वारा शरीर में जल की कमी के उपचार के साथ-साथ बच्चों को भोजन में पर्याप्त पोषक तत्व देकर रोका जा सकता है और शुद्ध पेयजल, स्वच्छता, स्तनपान, समुचित पोषण और हाथ धोकर दस्त से बचाव किया जा सकता है।
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सीएमओ कुल्लू डॉ नागराज पवार के अनुसार जन्म से लेकर छह माह तक के बच्चों को सिर्फ मां का दूध पिलाना चाहिए। इस आयु तक पानी ऊपरी दूध बिलकुल भी नहीं देना चाहिए। इसके बाद डॉक्टरों की सलाह से अगली खुराक शुरू की जानी चाहिए। ऐसा करने से बच्चों को डायरिया से बचा जा सकता है। अगर दस्त लगने पर बच्चों को समय पर ओआरएस जिंक की गोली दे दी जाए तो उसकी जान की रक्षा हो सकती है। अगर आराम आने पर 14 दिनों तक जिंक की गोली खिला दी जाती है तो अगले 4-5 माह तक बच्चे में डायरिया रोधी क्षमता बनी रहती है।
29360 बच्चे हैं जिले में 5 साल तक के, जिला में 3086 गाँवों में 26580 घर है जिनमे कुल 465057 की आबादी है इनमे से 29360 घरों में टेबलेट स्वास्थ्य विभाग के द्वारा बांटी जाएगी स्वस्थ विभाग के आंकड़ों के अनुसार जिले में जन्म से लेकर पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों की संख्या 29360 है। आशा वर्करों को उन घरों की जानकारी है, जिनमें पांच वर्ष तक के यह बच्चे हैं। इसलिए उन्हीं को यह काम सौंपा जा रहा है।
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