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कुल्लू , 13 जून ! जिला कुल्लू के तीर्थन घाटी की 10 पंचायतों ने पर्यटन विकास को लेकर विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। और इस डॉक्यूमेंट को कुल्लू दौरे पर पहुंचे बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी को सौंपा है। और यह मांग रखी है कि क्षेत्र का हेरिटेज स्वरूप बना रहे और पर्यटन के क्षेत्र में घाटी आगे बढ़े। इसके लिए एक पॉलिसी बनाने की आवश्यकता है घाटी की पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार से मांग रखी है कि उनके क्षेत्र की पंचायतों ने जो विजन डॉक्यूमेंट का प्रस्ताव पारित किया है। उसे विधानसभा में पास किया जाए ताकि यहां का प्राचीन स्वरूप ऐसे ही बना रहे और पर्यटन के क्षेत्र में घाटी और आगे बढ़े। आपको बता दें कि इस तरह के प्रस्ताव को घाटी की 10 पंचायतें पास कर चुके हैं जिन्होंने सरकार से इस पर पॉलिसी बनाकर पंचायतों को अधिकार प्रदान करने की मांग रखी है हालांकि यह विजन डॉक्यूमेंट शरची पंचायत ने मंत्री को सौंपा है जबकि इस तरह की प्रस्ताव घाटी की 10 पंचायतें पास कर चुकी है और सरकार से मांग की है कि क्षेत्र को ईको टूरिज्म जोन घोषित किया जाए इससे पहले ग्राम पंचायत शरची के साथ ग्राम पंचायत शिल्ली, मशियार, तुंग, नोहान्दा, पेखडी, कंडीधार, कलवारी, श्रीकोट, कोठी चेहणी, प्रस्ताव पास कर चुकी है। घाटी के लोगों को इस बात का डर है कि जिस तरह से घाटी में पर्यटन कारोबार ज्यादा बढ़ रहा है उसे घाटी में बेरोकटोक निर्माण हो रहा है जिससे घाटी का स्वरूप बिगड़ रहा है और निर्माण के साथ-साथ अन्य गतिविधियां में बेलगाम होने से यहां की संस्कृति और पुरानी निर्माण शैली का स्वरूप खतरे में पड़ जाएगा जिसके चलते पंचायतें टीसीपी के दायरे से तो बाहर रहना चाहते हैं लेकिन पंचायतों को यहां पर्यटन और निर्माण रेगुलेशन का कार्य मिलना चाहिए या उसके पक्ष में है। विजन डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि भवन निर्माण से पूर्व पंचायत से एनओसी लेने का प्रावधान हो और जो भवन बने वह ग्राउंड फ्लोर के साथ साढ़े तीन मंजिला ही हो इसमें 12 से ज्यादा कमरे ना हो मकान सड़क से कम से कम 2 मीटर दूर बनाया जाए आवासीय वाणिज्य भवनों होटलों स्थाई टेंटो पर ग्राम सभा का कर निर्धारित हो बड़ी-बड़ी ट्रेकिंग कैम्पिंग करने वाली कंपनियों को पंचायत अनुमति नही देगी। नदी नालों के किनारे कोई भी कैंपिंग नहीं करेगा और विभाग से पंजीकृत इकाई ही नदी नालों से दूर उचित जगह पर कैंपिंग करवाएगी कोई भी व्यक्ति व्यवसाई होमस्टे यह होटल संचालक पर्यटकों को चरस अफीम की पेशकश नहीं करेगा व्यवसायिक निर्माण में लकड़ी का उपयोग वन विभाग की निगरानी में होना चाहिए अन्य सामग्री का खाका भी समय-समय पर पंचायत को देना होगा उपरोक्त सहित 18 बिंदुओं का विजन डाक्यूमेंट सरकार को भेजा गया है इसमें उपरोक्त सभी शक्तियां पंचायतों को देने की बात की गई। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
कुल्लू , 13 जून ! जिला कुल्लू के तीर्थन घाटी की 10 पंचायतों ने पर्यटन विकास को लेकर विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया है। और इस डॉक्यूमेंट को कुल्लू दौरे पर पहुंचे बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी को सौंपा है। और यह मांग रखी है कि क्षेत्र का हेरिटेज स्वरूप बना रहे और पर्यटन के क्षेत्र में घाटी आगे बढ़े।
इसके लिए एक पॉलिसी बनाने की आवश्यकता है घाटी की पंचायत प्रतिनिधियों ने सरकार से मांग रखी है कि उनके क्षेत्र की पंचायतों ने जो विजन डॉक्यूमेंट का प्रस्ताव पारित किया है। उसे विधानसभा में पास किया जाए ताकि यहां का प्राचीन स्वरूप ऐसे ही बना रहे और पर्यटन के क्षेत्र में घाटी और आगे बढ़े।
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आपको बता दें कि इस तरह के प्रस्ताव को घाटी की 10 पंचायतें पास कर चुके हैं जिन्होंने सरकार से इस पर पॉलिसी बनाकर पंचायतों को अधिकार प्रदान करने की मांग रखी है हालांकि यह विजन डॉक्यूमेंट शरची पंचायत ने मंत्री को सौंपा है जबकि इस तरह की प्रस्ताव घाटी की 10 पंचायतें पास कर चुकी है और सरकार से मांग की है कि क्षेत्र को ईको टूरिज्म जोन घोषित किया जाए इससे पहले ग्राम पंचायत शरची के साथ ग्राम पंचायत शिल्ली, मशियार, तुंग, नोहान्दा, पेखडी, कंडीधार, कलवारी, श्रीकोट, कोठी चेहणी, प्रस्ताव पास कर चुकी है।
घाटी के लोगों को इस बात का डर है कि जिस तरह से घाटी में पर्यटन कारोबार ज्यादा बढ़ रहा है उसे घाटी में बेरोकटोक निर्माण हो रहा है जिससे घाटी का स्वरूप बिगड़ रहा है और निर्माण के साथ-साथ अन्य गतिविधियां में बेलगाम होने से यहां की संस्कृति और पुरानी निर्माण शैली का स्वरूप खतरे में पड़ जाएगा जिसके चलते पंचायतें टीसीपी के दायरे से तो बाहर रहना चाहते हैं लेकिन पंचायतों को यहां पर्यटन और निर्माण रेगुलेशन का कार्य मिलना चाहिए या उसके पक्ष में है।
विजन डॉक्यूमेंट में कहा गया है कि भवन निर्माण से पूर्व पंचायत से एनओसी लेने का प्रावधान हो और जो भवन बने वह ग्राउंड फ्लोर के साथ साढ़े तीन मंजिला ही हो इसमें 12 से ज्यादा कमरे ना हो मकान सड़क से कम से कम 2 मीटर दूर बनाया जाए आवासीय वाणिज्य भवनों होटलों स्थाई टेंटो पर ग्राम सभा का कर निर्धारित हो बड़ी-बड़ी ट्रेकिंग कैम्पिंग करने वाली कंपनियों को पंचायत अनुमति नही देगी। नदी नालों के किनारे कोई भी कैंपिंग नहीं करेगा और विभाग से पंजीकृत इकाई ही नदी नालों से दूर उचित जगह पर कैंपिंग करवाएगी कोई भी व्यक्ति व्यवसाई होमस्टे यह होटल संचालक पर्यटकों को चरस अफीम की पेशकश नहीं करेगा व्यवसायिक निर्माण में लकड़ी का उपयोग वन विभाग की निगरानी में होना चाहिए अन्य सामग्री का खाका भी समय-समय पर पंचायत को देना होगा उपरोक्त सहित 18 बिंदुओं का विजन डाक्यूमेंट सरकार को भेजा गया है इसमें उपरोक्त सभी शक्तियां पंचायतों को देने की बात की गई।
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