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कुल्लू , 27 जून ! हिमाचल सड़क परिवहन निगम के पेंशनर्स पेंशन के समय पर ना मिलने और उनके लंबित वितीय लाभों के चलते प्रदेश सरकार से आर पार की लड़ाई के मूड में आ चुके है। पेंशनरों का कहना है की एचआरटीसी द्वारा उन्हें बीते काफी वर्षों से उन्हें हर महीने समय पर पेंशन नही दी जा रही है यहाँ तक की पेंशनरों अन्य वितीय लाभों का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में घर चलाना भी मुश्किल होने लगा है। जीवन के इस पड़ाव पर दवाईया व् अन्य खर्चे उठाने के लिए भी दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है। इसके अलावा अन्य वितीय संकटों से झुझना पड़ता है। पेंशनरों ने कहा की इस बारे में सरकार से अनेकों बार बातचीत की गयी लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नही दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अब भी अपनी रणनीति में सुधार नहीं किया तो बुजुर्गों को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ेगा। गौरतलब है की समय पर पेंशन न मिलना तो महज़ एक समस्या है मगर इसके अलावा भी ये एचआरटीसी से सेवानिवृत हुए ये कर्मचारी साथ में अन्य कई परेशानियां झेल रहे है। सरकार ने अब तक उन्हें उनके एरिअर का भी भुगतान नहीं किया है। 2015 से डीए का एरियर पेंडिंग है। अभी तक रिवाइज्ड ग्रेचुटी और रिवाइज्ड लीव एकाश्मेंट जैसे और भी कई भुगतान बाकी है। हिमाचल प्रदेश सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच कुल्लू व् लाहौल स्पीती के अध्यक्ष सुरेंदर सूद का कहना है की हर महीने पेंशन अलग अलग तारीखों को पड़ रही है। जिससे पाने घरों का पालन पोषण करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हम चाहते है की पेंशन हर महीने की 1 तारिस्ख को पेंशन मिल जाए साथ ही लंबित पड़े सभी वितीय लाभ भी दिए जाए। इस समय पेंशनरों के 944 करोड़ रूपय सरकार के पास फंसे हुए है जिन्हें देने में सरकार आना कानी कर रही है। आज एचआरटीसी अपनी पॉलिसी के कारण घाटे में है। अगर सरकार पेंशन समय और लंबित पड़े वितीय लाभों को पेंशनरों को नहीं देती है तो उन्हें सड़कों पर उतरने पर मजबूर होना पड़ेगा। एचआरटीसी से रिटायर हुई कर्मचारी जयवंती ने बताया की उनका परिवार काफी बड़ा है ऐसे में घर चलाने में काफी दिक्कते हो रही है। एक महिला क्या कर सकती है वे केवल पेंशन पर ही निर्भर है। सरकार के आश्वासन के वाज़ूद पेंशन समय पर नही मिल रही है। पेंशनर सतोष कुमारी* का कहना है की पेंशन समय ना मिलने के चलते घर चलाना मुश्किल हो रहा है | इसलिए सरकार से मांग है की वे समय पर पेंशन दे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
कुल्लू , 27 जून ! हिमाचल सड़क परिवहन निगम के पेंशनर्स पेंशन के समय पर ना मिलने और उनके लंबित वितीय लाभों के चलते प्रदेश सरकार से आर पार की लड़ाई के मूड में आ चुके है।
पेंशनरों का कहना है की एचआरटीसी द्वारा उन्हें बीते काफी वर्षों से उन्हें हर महीने समय पर पेंशन नही दी जा रही है यहाँ तक की पेंशनरों अन्य वितीय लाभों का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। ऐसे में घर चलाना भी मुश्किल होने लगा है। जीवन के इस पड़ाव पर दवाईया व् अन्य खर्चे उठाने के लिए भी दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर होना पड़ रहा है।
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इसके अलावा अन्य वितीय संकटों से झुझना पड़ता है। पेंशनरों ने कहा की इस बारे में सरकार से अनेकों बार बातचीत की गयी लेकिन सरकार ने इस ओर कोई ध्यान नही दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने अब भी अपनी रणनीति में सुधार नहीं किया तो बुजुर्गों को सड़क पर उतर कर प्रदर्शन करने पर मजबूर होना पड़ेगा।
गौरतलब है की समय पर पेंशन न मिलना तो महज़ एक समस्या है मगर इसके अलावा भी ये एचआरटीसी से सेवानिवृत हुए ये कर्मचारी साथ में अन्य कई परेशानियां झेल रहे है।
सरकार ने अब तक उन्हें उनके एरिअर का भी भुगतान नहीं किया है। 2015 से डीए का एरियर पेंडिंग है। अभी तक रिवाइज्ड ग्रेचुटी और रिवाइज्ड लीव एकाश्मेंट जैसे और भी कई भुगतान बाकी है।
हिमाचल प्रदेश सेवानिवृत कर्मचारी कल्याण मंच कुल्लू व् लाहौल स्पीती के अध्यक्ष सुरेंदर सूद का कहना है की हर महीने पेंशन अलग अलग तारीखों को पड़ रही है।
जिससे पाने घरों का पालन पोषण करने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हम चाहते है की पेंशन हर महीने की 1 तारिस्ख को पेंशन मिल जाए साथ ही लंबित पड़े सभी वितीय लाभ भी दिए जाए। इस समय पेंशनरों के 944 करोड़ रूपय सरकार के पास फंसे हुए है जिन्हें देने में सरकार आना कानी कर रही है। आज एचआरटीसी अपनी पॉलिसी के कारण घाटे में है। अगर सरकार पेंशन समय और लंबित पड़े वितीय लाभों को पेंशनरों को नहीं देती है तो उन्हें सड़कों पर उतरने पर मजबूर होना पड़ेगा।
एचआरटीसी से रिटायर हुई कर्मचारी जयवंती ने बताया की उनका परिवार काफी बड़ा है ऐसे में घर चलाने में काफी दिक्कते हो रही है। एक महिला क्या कर सकती है वे केवल पेंशन पर ही निर्भर है। सरकार के आश्वासन के वाज़ूद पेंशन समय पर नही मिल रही है। पेंशनर सतोष कुमारी* का कहना है की पेंशन समय ना मिलने के चलते घर चलाना मुश्किल हो रहा है | इसलिए सरकार से मांग है की वे समय पर पेंशन दे।
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