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कुल्लू , 26 मई ! हिमाचल प्रदेश में 80 हजार से अधिक टैक्सी ऑपरेटर विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। सरकार को इन समस्याओं का समाधान करना चाहिए। यह बात इंटक के प्रदेश अध्यक्ष महिमन चंद्र ने कही। उन्होंने कहा कि टैक्सी ऑपरेटरज जहां प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा दे रहे हैं वहीं सरकार के रेवन्यू को भी बढ़ा रहे है। उन्होंने कहा कि 80 हजार टैक्सी ऑपरेटरज सीधे तौर पर इस कारोबार से जुड़े हैं। ऐसे में टैक्सी ऑपरेटरज की मांग है कि उनका परमिट 15 वर्ष का होना चाहिए और सरकार को यह मांग पूरी करनी चाहिए। इंटक के प्रदेश अध्यक्ष महिमन चंद्र का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में स्क्रेब पॉलिसी में कोरोना काल के दो वर्ष जोड़ा जाने चाहिए और यह पॉलिसी 15 के बजाए 17 वर्ष की जानी चाहिए। वही, सरकार के आगे यह भी मांग रखी जाएगी कि बाहरी राज्यों से जो निजी वाहन सवारियां उठा कर आ रहे हैं। वो लोग टैक्सी ऑपरेटर की आजीविका पर डाका डाल रहे हैं और सरकार के राजस्व को भी चूना लगा रहे हैं। इन पर लगाम लगानी चाहिए ताकि टैक्सी ऑपरेटरज की रोजी रोटी चल सके और सरकार को भी राजस्व मिल सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश से अब जीपीएस लगाने वाली कंपनियां भाग गई हैं और जीपीएस अब शो पीस बन गए हैं। जिस कारण न तो टैक्सी ऑपरेटर के परमिट बन रहे हैं और न ही पासिंग हो रही है। उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रे को भी अब खोल दिया जाना चाहिए। ताकि टैक्सी ऑपरेटरज को लाभ हो और सरकार की आय भी बढ़ेगी। ट्रांसपोर्ट विंग इंटक प्रदेशाध्यक्ष राम रत्न ने कहा कि हम सात प्रकार के टैक्स सरकार को भर रहे हैं। स्क्रेब पॉलिसी यदि 15 वर्ष की है तो हमें परमिट 12 वर्ष का क्यों । निजी वाहन धड़ल्ले से चल रहे है और सरकार के राजस्व को चुना लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीपीएस सिस्टम की कंपनियां भाग गई है और जीपीएस अब शो पीस बन गए हैं। अब उसकी वजह से न तो परमिट मिल रहा है और न ही पासिंग हो रही है। जिस कारण हमारे वाहन बाहरी राज्यों को नहीं जा पा रहे हैं। सरकार को इसका समाधान करना चाहिए। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
कुल्लू , 26 मई ! हिमाचल प्रदेश में 80 हजार से अधिक टैक्सी ऑपरेटर विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। सरकार को इन समस्याओं का समाधान करना चाहिए। यह बात इंटक के प्रदेश अध्यक्ष महिमन चंद्र ने कही। उन्होंने कहा कि टैक्सी ऑपरेटरज जहां प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा दे रहे हैं वहीं सरकार के रेवन्यू को भी बढ़ा रहे है। उन्होंने कहा कि 80 हजार टैक्सी ऑपरेटरज सीधे तौर पर इस कारोबार से जुड़े हैं।
ऐसे में टैक्सी ऑपरेटरज की मांग है कि उनका परमिट 15 वर्ष का होना चाहिए और सरकार को यह मांग पूरी करनी चाहिए। इंटक के प्रदेश अध्यक्ष महिमन चंद्र का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में स्क्रेब पॉलिसी में कोरोना काल के दो वर्ष जोड़ा जाने चाहिए और यह पॉलिसी 15 के बजाए 17 वर्ष की जानी चाहिए। वही, सरकार के आगे यह भी मांग रखी जाएगी कि बाहरी राज्यों से जो निजी वाहन सवारियां उठा कर आ रहे हैं। वो लोग टैक्सी ऑपरेटर की आजीविका पर डाका डाल रहे हैं और सरकार के राजस्व को भी चूना लगा रहे हैं। इन पर लगाम लगानी चाहिए ताकि टैक्सी ऑपरेटरज की रोजी रोटी चल सके और सरकार को भी राजस्व मिल सके।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश से अब जीपीएस लगाने वाली कंपनियां भाग गई हैं और जीपीएस अब शो पीस बन गए हैं। जिस कारण न तो टैक्सी ऑपरेटर के परमिट बन रहे हैं और न ही पासिंग हो रही है। उन्होंने कहा कि रोहतांग दर्रे को भी अब खोल दिया जाना चाहिए। ताकि टैक्सी ऑपरेटरज को लाभ हो और सरकार की आय भी बढ़ेगी।
ट्रांसपोर्ट विंग इंटक प्रदेशाध्यक्ष राम रत्न ने कहा कि हम सात प्रकार के टैक्स सरकार को भर रहे हैं। स्क्रेब पॉलिसी यदि 15 वर्ष की है तो हमें परमिट 12 वर्ष का क्यों ।
निजी वाहन धड़ल्ले से चल रहे है और सरकार के राजस्व को चुना लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीपीएस सिस्टम की कंपनियां भाग गई है और जीपीएस अब शो पीस बन गए हैं। अब उसकी वजह से न तो परमिट मिल रहा है और न ही पासिंग हो रही है। जिस कारण हमारे वाहन बाहरी राज्यों को नहीं जा पा रहे हैं। सरकार को इसका समाधान करना चाहिए।
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