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कुल्लू , 07 जुलाई ! हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के द्वारा चार फोरलेन के दोनों किनारों पर 105 मीटर पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है। इस तरह का निर्णय तो कभी अंग्रेजों ने भी नहीं लिया। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस तरह का निर्णय लेकर गरीबों के साथ कुठाराघात किया है। यह बात ढालपुर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य एवम सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कही। सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहले फोरलेन के दोनों किनारों पर 5 मीटर तक निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई थी। ऐसे में अब अचानक से इस दायरे को 100 मीटर अधिक बढ़ा दिया गया है। इससे पूरे प्रदेश के हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। प्रदेश सरकार को अगर टीसीपी एक्ट को लागू करना ही था तो इससे पहले वह आम जनता के बीच जाते और जनता की भी राय ली जानी चाहिए थी। लेकिन सरकार ने सीधे ही इस फैसले को लागू कर दिया और ऊपर से यह निर्णय सुनाया है कि 5 साल तक भूमि का मालिक इस पर कोई भी कार्य नहीं कर सकता है। जो कि सरासर गलत है। भाजपा नेता ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा कि इस बारे प्रदेश सरकार को फिर से निर्णय लेना चाहिए। क्योंकि हिमाचल प्रदेश में शिमला से कालका, शिमला से मटोर, पठानकोट से मंडी और किरतपुर से मनाली फोरलेन सड़क किनारे हजारों लोग रहते हैं। पहले ही सरकार ने इन्हें भूमि का कम मुआवजा दिया है और अब इस तरह का तुगलकी फरमान लागू कर हजारों लोगों को परेशानी में डाल दिया है। ऐसे में सरकार के द्वारा अगर जल्द ही इस विषय में निर्णय नहीं लिया गया। तो इस फैसले से नाराज जनता सड़कों पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेगी। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
कुल्लू , 07 जुलाई ! हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के द्वारा चार फोरलेन के दोनों किनारों पर 105 मीटर पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर रोक लगा दी है। इस तरह का निर्णय तो कभी अंग्रेजों ने भी नहीं लिया। लेकिन कांग्रेस सरकार ने इस तरह का निर्णय लेकर गरीबों के साथ कुठाराघात किया है।
यह बात ढालपुर में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी के सदस्य एवम सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कही। सेवानिवृत्त ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में पहले फोरलेन के दोनों किनारों पर 5 मीटर तक निर्माण कार्य पर रोक लगाई गई थी। ऐसे में अब अचानक से इस दायरे को 100 मीटर अधिक बढ़ा दिया गया है। इससे पूरे प्रदेश के हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
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प्रदेश सरकार को अगर टीसीपी एक्ट को लागू करना ही था तो इससे पहले वह आम जनता के बीच जाते और जनता की भी राय ली जानी चाहिए थी। लेकिन सरकार ने सीधे ही इस फैसले को लागू कर दिया और ऊपर से यह निर्णय सुनाया है कि 5 साल तक भूमि का मालिक इस पर कोई भी कार्य नहीं कर सकता है। जो कि सरासर गलत है।
भाजपा नेता ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा कि इस बारे प्रदेश सरकार को फिर से निर्णय लेना चाहिए। क्योंकि हिमाचल प्रदेश में शिमला से कालका, शिमला से मटोर, पठानकोट से मंडी और किरतपुर से मनाली फोरलेन सड़क किनारे हजारों लोग रहते हैं। पहले ही सरकार ने इन्हें भूमि का कम मुआवजा दिया है और अब इस तरह का तुगलकी फरमान लागू कर हजारों लोगों को परेशानी में डाल दिया है। ऐसे में सरकार के द्वारा अगर जल्द ही इस विषय में निर्णय नहीं लिया गया। तो इस फैसले से नाराज जनता सड़कों पर उतरने से भी गुरेज नहीं करेगी।
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