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शिमला , 04 फरवरी [ विशाल सूद ] ! भाजपा नेता एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा 31 जनवरी को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सचिवालय ने दो अलग-अलग अधिसूचना जारी करके 14 लोगों को नियुक्तियां दी, 14 पदों की भर्ती की और अगर आप इन नामों पर जाएंगे तो इसमें से पांच नियुक्तिया तो विधानसभा अध्यक्ष महोदय के विधानसभा क्षेत्र की जिला चम्बा, पांच ही नियुक्तियां हमीरपुर से मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र से, दो तीन नियुक्तियां विधानसभा के उपाध्यक्ष महोदय के विधानसभा क्षेत्र जिला सिरमौर से है। उन्होंने कहा कि जो नौकरियों की बंदर बाट हो रही है भारतीय जनता पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है। मैं पूछना चाहता हूं क्या इन नौकरियों को देने के लिए पारदर्शिता नहीं बरती गई ? क्या योग्यता और आरक्षण अधिकार रखे गए ? अगर रखे गए तो क्या योग्य लोग इन्हीं तीन विधानसभा क्षेत्रों में थे ? क्या बाकी प्रदेश में कोई योग्य व्यक्ति ही नहीं था ? भाजपा का आरोप है कि धांधली करके इन पदों पर मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चहेतों को नौकरियां दी गई। किसी के ड्राइवर के बेटे को नौकरी दे दी गई, किसी के सोशल मीडिया इंचार्ज को दे दी गई, इस तरह से जो नौकरियां दी गई यह प्रदेश के बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक है। सीएम साहब आपने जो 5 लाख सरकारी नौकरियां योग्यता के आधार पर और आरक्षण लागू करके देने की गारंटी दी थी उसकी धजिया उड़ाने का यह जीता जागता उद्धरण है। मैं मांग करता हूं कि इन नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए और जांच करने की भी मुझे लगता है आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह नियुक्तियां अपने आप में ही जो नाम और पते हैं वह बता रहे हैं कि इसमें धांधली हुई है। इसलिए इन नियुक्तियों को रद्द करके पारदर्शिता के आधार पर यह पद भरे जाने चाहिए। जिसमें मेरिट आधार हो, आरक्षण लागू हो, ताकि बेरोजगारों में विश्वास पैदा हो सके। यह मांग भारतीय जनता पार्टी करना चाहती है।
शिमला , 04 फरवरी [ विशाल सूद ] ! भाजपा नेता एवं नैना देवी से विधायक रणधीर शर्मा ने प्रदेश कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा 31 जनवरी को हिमाचल प्रदेश विधानसभा के सचिवालय ने दो अलग-अलग अधिसूचना जारी करके 14 लोगों को नियुक्तियां दी, 14 पदों की भर्ती की और अगर आप इन नामों पर जाएंगे तो इसमें से पांच नियुक्तिया तो विधानसभा अध्यक्ष महोदय के विधानसभा क्षेत्र की जिला चम्बा, पांच ही नियुक्तियां हमीरपुर से मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र से, दो तीन नियुक्तियां विधानसभा के उपाध्यक्ष महोदय के विधानसभा क्षेत्र जिला सिरमौर से है।
उन्होंने कहा कि जो नौकरियों की बंदर बाट हो रही है भारतीय जनता पार्टी इसका कड़ा विरोध करती है। मैं पूछना चाहता हूं क्या इन नौकरियों को देने के लिए पारदर्शिता नहीं बरती गई ? क्या योग्यता और आरक्षण अधिकार रखे गए ? अगर रखे गए तो क्या योग्य लोग इन्हीं तीन विधानसभा क्षेत्रों में थे ? क्या बाकी प्रदेश में कोई योग्य व्यक्ति ही नहीं था ? भाजपा का आरोप है कि धांधली करके इन पदों पर मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चहेतों को नौकरियां दी गई।
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किसी के ड्राइवर के बेटे को नौकरी दे दी गई, किसी के सोशल मीडिया इंचार्ज को दे दी गई, इस तरह से जो नौकरियां दी गई यह प्रदेश के बेरोजगारों के साथ भद्दा मजाक है। सीएम साहब आपने जो 5 लाख सरकारी नौकरियां योग्यता के आधार पर और आरक्षण लागू करके देने की गारंटी दी थी उसकी धजिया उड़ाने का यह जीता जागता उद्धरण है।
मैं मांग करता हूं कि इन नियुक्तियों की जांच होनी चाहिए और जांच करने की भी मुझे लगता है आवश्यकता नहीं है क्योंकि यह नियुक्तियां अपने आप में ही जो नाम और पते हैं वह बता रहे हैं कि इसमें धांधली हुई है। इसलिए इन नियुक्तियों को रद्द करके पारदर्शिता के आधार पर यह पद भरे जाने चाहिए। जिसमें मेरिट आधार हो, आरक्षण लागू हो, ताकि बेरोजगारों में विश्वास पैदा हो सके। यह मांग भारतीय जनता पार्टी करना चाहती है।
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