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चम्बा [ भरमौर ] , 28 अगस्त [ के एस प्रेमी ] ! हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मणिमहेश मंदिर के ऐतिहासिक देवदार के पेड़ की चोटी पर झंडा चढ़ाने के साथ ही आठ दिवसीय जातर मेलों का हुआ आगाज। आपको बताते चलें कि सदियों से मनाई जा रही ये परंपरा हर वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के बाद ऐतिहासिक देवदार के पेड़ पर झंडा चढ़ने के बाद शुरू होती है। पिछले कई वर्षों से राजेश उर्फ रंजू घराटी इस देवदार के पेड़ पर झंडा चढ़ाते आए हैं, मान्यताओं के अनुसार घराटी परिवार को भोले नाथ का आशीर्वाद प्राप्त है। इस परिवार के ही ये रस्म निभाते आए हैं। 11शाखाओं वाले इस सदियों पुराने पेड़ पर चढ़ना कोई आसान काम नहीं है, ये सब भगवान शिव के वरदान से संभव है। राजेश उर्फ रंजू घराटी देखते ही देखते इस देवदार के पेड़ पर झंडा चढ़ाते हैं, उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पता ही नही चलता कि ये सब कैसे हो जाता ये सब भोले बाबा का आशीर्वाद है। आठ दिवसीय जातर मेलों का आयोजन ग्राम पंचायत भरमौर द्वारा करवाया जाता है, ये सब जातरे यहां बिराजमान विभिन्न देवी देवताओं को समर्पित होते है। भरमौर पंचायत के प्रधान अनिल कुमार ने बताया कि पहली जातर नर सिंह भगवान, जो कृष्ण जन्म के रूप में मनाई जाती है। दूसरी शिवजी, तीसरी, लखना माता, चौथी गणेश, पांचवीं कार्तिकेय, छठी शीतला माता, सातवीं बाबा जय कृष्ण गिरी और आठवी जातर दंगल के रूप में पवन पुत्र हनुमान को समर्पित है। उन्होंने बताया कि जिस देवता कि जातर होती उसी देवता का हर दिन जगराता किया जाता है। प्रधान अनिल कुमार ने बताया कि दंगल के बाद तीन सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन भी किया जाएगा जिसमें स्थानीय कलाकारों के अलावा प्रदेश के ख्याति प्राप्त कलाकारो को भी बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले को और बढ़िया करवाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
चम्बा [ भरमौर ] , 28 अगस्त [ के एस प्रेमी ] ! हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मणिमहेश मंदिर के ऐतिहासिक देवदार के पेड़ की चोटी पर झंडा चढ़ाने के साथ ही आठ दिवसीय जातर मेलों का हुआ आगाज। आपको बताते चलें कि सदियों से मनाई जा रही ये परंपरा हर वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी के बाद ऐतिहासिक देवदार के पेड़ पर झंडा चढ़ने के बाद शुरू होती है। पिछले कई वर्षों से राजेश उर्फ रंजू घराटी इस देवदार के पेड़ पर झंडा चढ़ाते आए हैं, मान्यताओं के अनुसार घराटी परिवार को भोले नाथ का आशीर्वाद प्राप्त है।
इस परिवार के ही ये रस्म निभाते आए हैं। 11शाखाओं वाले इस सदियों पुराने पेड़ पर चढ़ना कोई आसान काम नहीं है, ये सब भगवान शिव के वरदान से संभव है। राजेश उर्फ रंजू घराटी देखते ही देखते इस देवदार के पेड़ पर झंडा चढ़ाते हैं, उनसे पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पता ही नही चलता कि ये सब कैसे हो जाता ये सब भोले बाबा का आशीर्वाद है। आठ दिवसीय जातर मेलों का आयोजन ग्राम पंचायत भरमौर द्वारा करवाया जाता है, ये सब जातरे यहां बिराजमान विभिन्न देवी देवताओं को समर्पित होते है।
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भरमौर पंचायत के प्रधान अनिल कुमार ने बताया कि पहली जातर नर सिंह भगवान, जो कृष्ण जन्म के रूप में मनाई जाती है। दूसरी शिवजी, तीसरी, लखना माता, चौथी गणेश, पांचवीं कार्तिकेय, छठी शीतला माता, सातवीं बाबा जय कृष्ण गिरी और आठवी जातर दंगल के रूप में पवन पुत्र हनुमान को समर्पित है।
उन्होंने बताया कि जिस देवता कि जातर होती उसी देवता का हर दिन जगराता किया जाता है। प्रधान अनिल कुमार ने बताया कि दंगल के बाद तीन सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन भी किया जाएगा जिसमें स्थानीय कलाकारों के अलावा प्रदेश के ख्याति प्राप्त कलाकारो को भी बुलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी मेले को और बढ़िया करवाए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
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