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शिमला, 06 सितम्बर, [ विशाल सूद ] ! हिमाचल में जल रक्षकों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को विधानसभा घेराव करने के लिए चौड़ा मैदान में काफी तादाद में प्रदेश भर से जल रक्षक एकत्रित हुए और विधानसभा की ओर आने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने वेरी गेट लगाकर उन्हें चौड़ा मैदान में ही उन्हें रोक दिया लेकिन जल रक्षक बेरिगेट से कूद कर विधानसभा की ओर आने लगे तो पुलिस ने उन्हें वही रोक दिया इस दौरान पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई। जल रक्षक सरकार से 12 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले जल रक्षों को कॉन्ट्रैक्ट पर लाने की मांग रहे हैं जल रक्षक महासंघ के अध्यक्ष रूप लाल ने कहा कि महासंघ की मुख्य मांग उनकी कांट्रैक्ट अवधि को घटाया जा सके, उनके लिए स्थायी पॉलिसी बनाई जा सके और जो 12 साल का अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उनके लिए पोस्ट सृजित की जाए, ताकि वह कॉन्ट्रैक्ट पर आ सके. उन्होंने कहा कि कई जलरक्षकों को 12 साल का कार्यकाल पूरा किए हुए बहुत समय हो गया है, लेकिन अभी तक वो अनुबंध पर भी नहीं आए हैं.उन्होंने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से मिलकर वो अपनी मांगों के बारे में विस्तार से बचा चुके हैं, लेकिन उनको हर बार सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगा है. उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से अपील की थी की उनकी कॉन्ट्रैक्ट में आने की अवधि को घटाया जाए। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जल रक्षकों की मांगों को कैबिनेट में लाया जाए, लेकिन बावजूद इसके अब तक जल रक्षक महासंघ की मांगों की ओर कोई गौर नहीं किया गया है। जल रक्षकों को 5300 रुपए वेतन मिलता है. सालों-सालों काम करने के बाद भी अनुबंध में नहीं लिया जाता है. जिसके चलते जल रक्षक के तौर पर नियुक्त युवाओं की शादी भी नहीं हो रही है. जल रक्षक इतने कम वेतन में अपने परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं।
शिमला, 06 सितम्बर, [ विशाल सूद ] ! हिमाचल में जल रक्षकों ने अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को विधानसभा घेराव करने के लिए चौड़ा मैदान में काफी तादाद में प्रदेश भर से जल रक्षक एकत्रित हुए और विधानसभा की ओर आने की कोशिश करने लगे तो पुलिस ने वेरी गेट लगाकर उन्हें चौड़ा मैदान में ही उन्हें रोक दिया लेकिन जल रक्षक बेरिगेट से कूद कर विधानसभा की ओर आने लगे तो पुलिस ने उन्हें वही रोक दिया इस दौरान पुलिस के साथ धक्का मुक्की भी हुई। जल रक्षक सरकार से 12 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले जल रक्षों को कॉन्ट्रैक्ट पर लाने की मांग रहे हैं
जल रक्षक महासंघ के अध्यक्ष रूप लाल ने कहा कि महासंघ की मुख्य मांग उनकी कांट्रैक्ट अवधि को घटाया जा सके, उनके लिए स्थायी पॉलिसी बनाई जा सके और जो 12 साल का अपना कार्यकाल पूरा कर चुके हैं, उनके लिए पोस्ट सृजित की जाए, ताकि वह कॉन्ट्रैक्ट पर आ सके. उन्होंने कहा कि कई जलरक्षकों को 12 साल का कार्यकाल पूरा किए हुए बहुत समय हो गया है, लेकिन अभी तक वो अनुबंध पर भी नहीं आए हैं.उन्होंने कहा कि पहले भी मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री से मिलकर वो अपनी मांगों के बारे में विस्तार से बचा चुके हैं, लेकिन उनको हर बार सिर्फ आश्वासन ही हाथ लगा है. उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री से अपील की थी की उनकी कॉन्ट्रैक्ट में आने की अवधि को घटाया जाए।
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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी अधिकारियों को निर्देश दिए थे कि जल रक्षकों की मांगों को कैबिनेट में लाया जाए, लेकिन बावजूद इसके अब तक जल रक्षक महासंघ की मांगों की ओर कोई गौर नहीं किया गया है। जल रक्षकों को 5300 रुपए वेतन मिलता है. सालों-सालों काम करने के बाद भी अनुबंध में नहीं लिया जाता है. जिसके चलते जल रक्षक के तौर पर नियुक्त युवाओं की शादी भी नहीं हो रही है. जल रक्षक इतने कम वेतन में अपने परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पा रहे हैं।
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