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बिलासपुर, 13 नवम्बर ! बिलासपुर जिले में स्थित गोविंद सागर झील को पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के उद्देश्य से अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह की तर्ज पर आईलैंड टूरिज्म का विकास किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत उपायुक्त बिलासपुर, आबिद हुसैन सादिक और एसडीएम सदर, अभिषेक गर्ग ने झील के ज्योरीपट्टन क्षेत्र का निरीक्षण किया, जहाँ एक बड़े द्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है। उपायुक्त ने बताया कि निरीक्षण के दौरान यह द्वीप पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उपयुक्त पाया गया है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी और झील के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा मिलेगा। इस बड़े द्वीप की खासियत यह है कि यह पानी में स्थित होने के बावजूद 8 से 9 महीने तक पानी से ऊपर रहता है। यह विशेषता इसे पर्यटकों के लिए आदर्श स्थल बनाती है, जहाँ वे बिना किसी समस्या के प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं। इस परियोजना का उद्देश्य बिलासपुर को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना और पर्यटकों को झील में अनूठे अनुभव प्रदान करना है। अंडमान-निकोबार की तरह यहाँ वॉटर स्पोर्ट्स, कैम्पिंग, और स्थानीय संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन कर इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल में बदलने का प्रयास किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत पर्यटकों के लिए कई प्रमुख आकर्षण और सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। ज्योरीपट्टन क्षेत्र में ईको-फ्रेंडली कैम्पिंग साइट्स विकसित की जाएंगी, जहाँ पर्यटक रात में बोनफायर और स्थानीय संगीत का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा, झील के चारों ओर नेचर ट्रेल्स और हाइकिंग रूट्स बनाए जाएंगे, जहाँ प्रकृति प्रेमी क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कर सकेंगे। स्थानीय संस्कृति और व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए फूड और कल्चरल फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य, संगीत और नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके साथ ही झील के कुछ हिस्सों में फिशिंग और एंग्लिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे पर्यटक शांत वातावरण में मछली पकड़ने का आनंद ले सकेंगे। यह द्वीप प्री-वेडिंग शूट्स के लिए आदर्श स्थल साबित होगा, जहाँ कपल्स अपने खास पलों को कैमरे में कैद कर सकेंगे। द्वीप पर विशेष लंच और डिनर पार्टी का आयोजन भी किया जाएगा, जो परिवारों, दोस्तों और समूहों के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा। इसके साथ ही पर्यटकों के लिए आरामदायक टेंटिंग और ग्लैम्पिंग की सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वे प्रकृति के साथ जुड़े रहने का सुखद अनुभव ले सकें। प्रयासों से जिला बिलासपुर में पर्यटकों को अधिक से अधिक दिन रोकने का प्रयास किया जाएगा। पर्यटकों के अधिक दिन बिलासपुर में बिताने से स्थानीय स्तर पर होटल, रेस्टोरेंट और अन्य बुनियादी ढांचे का विकास होगा। बिलासपुर और आसपास के जिलों के लोग यहाँ निवेश करेंगे, जिससे स्थानीय लोगों के कारोबार में वृद्धि होगी। इस परियोजना से स्थानीय रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, जैसे टूर गाइड, होटल स्टाफ, कैम्पिंग सुविधा प्रदाता और शिल्पकार। साथ ही, पर्यटन के माध्यम से क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। उपायुक्त ने बताया कि गोविंद सागर झील में ज्योरीपट्टन क्षेत्र का यह विकास न केवल क्षेत्रीय पर्यटन को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि बिलासपुर को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। अंडमान-निकोबार की तर्ज पर यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हुए पर्यटक हिमाचल की संस्कृति और अद्वितीय आकर्षणों का अनुभव कर सकेंगे, जो इस क्षेत्र के पर्यटन उद्योग में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
बिलासपुर, 13 नवम्बर ! बिलासपुर जिले में स्थित गोविंद सागर झील को पर्यटन का प्रमुख केंद्र बनाने के उद्देश्य से अंडमान-निकोबार द्वीपसमूह की तर्ज पर आईलैंड टूरिज्म का विकास किया जा रहा है। इस परियोजना के तहत उपायुक्त बिलासपुर, आबिद हुसैन सादिक और एसडीएम सदर, अभिषेक गर्ग ने झील के ज्योरीपट्टन क्षेत्र का निरीक्षण किया, जहाँ एक बड़े द्वीप को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है।
उपायुक्त ने बताया कि निरीक्षण के दौरान यह द्वीप पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए उपयुक्त पाया गया है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन को एक नई दिशा मिलेगी और झील के प्राकृतिक सौंदर्य को बढ़ावा मिलेगा।
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इस बड़े द्वीप की खासियत यह है कि यह पानी में स्थित होने के बावजूद 8 से 9 महीने तक पानी से ऊपर रहता है। यह विशेषता इसे पर्यटकों के लिए आदर्श स्थल बनाती है, जहाँ वे बिना किसी समस्या के प्राकृतिक सुंदरता का आनंद ले सकते हैं।
इस परियोजना का उद्देश्य बिलासपुर को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करना और पर्यटकों को झील में अनूठे अनुभव प्रदान करना है। अंडमान-निकोबार की तरह यहाँ वॉटर स्पोर्ट्स, कैम्पिंग, और स्थानीय संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन कर इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल में बदलने का प्रयास किया जा रहा है।
इस परियोजना के तहत पर्यटकों के लिए कई प्रमुख आकर्षण और सुविधाएँ प्रदान की जाएंगी। ज्योरीपट्टन क्षेत्र में ईको-फ्रेंडली कैम्पिंग साइट्स विकसित की जाएंगी, जहाँ पर्यटक रात में बोनफायर और स्थानीय संगीत का आनंद ले सकेंगे। इसके अलावा, झील के चारों ओर नेचर ट्रेल्स और हाइकिंग रूट्स बनाए जाएंगे, जहाँ प्रकृति प्रेमी क्षेत्र की प्राकृतिक सुंदरता का अनुभव कर सकेंगे।
स्थानीय संस्कृति और व्यंजनों को बढ़ावा देने के लिए फूड और कल्चरल फेस्टिवल का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य, संगीत और नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे। इसके साथ ही झील के कुछ हिस्सों में फिशिंग और एंग्लिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी, जिससे पर्यटक शांत वातावरण में मछली पकड़ने का आनंद ले सकेंगे।
यह द्वीप प्री-वेडिंग शूट्स के लिए आदर्श स्थल साबित होगा, जहाँ कपल्स अपने खास पलों को कैमरे में कैद कर सकेंगे। द्वीप पर विशेष लंच और डिनर पार्टी का आयोजन भी किया जाएगा, जो परिवारों, दोस्तों और समूहों के लिए एक अद्वितीय अनुभव होगा। इसके साथ ही पर्यटकों के लिए आरामदायक टेंटिंग और ग्लैम्पिंग की सुविधाएँ भी उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वे प्रकृति के साथ जुड़े रहने का सुखद अनुभव ले सकें।
प्रयासों से जिला बिलासपुर में पर्यटकों को अधिक से अधिक दिन रोकने का प्रयास किया जाएगा। पर्यटकों के अधिक दिन बिलासपुर में बिताने से स्थानीय स्तर पर होटल, रेस्टोरेंट और अन्य बुनियादी ढांचे का विकास होगा। बिलासपुर और आसपास के जिलों के लोग यहाँ निवेश करेंगे, जिससे स्थानीय लोगों के कारोबार में वृद्धि होगी।
इस परियोजना से स्थानीय रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे, जैसे टूर गाइड, होटल स्टाफ, कैम्पिंग सुविधा प्रदाता और शिल्पकार। साथ ही, पर्यटन के माध्यम से क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेंगी, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
उपायुक्त ने बताया कि गोविंद सागर झील में ज्योरीपट्टन क्षेत्र का यह विकास न केवल क्षेत्रीय पर्यटन को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगा, बल्कि बिलासपुर को एक प्रमुख पर्यटन केंद्र के रूप में स्थापित करेगा। अंडमान-निकोबार की तर्ज पर यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लेते हुए पर्यटक हिमाचल की संस्कृति और अद्वितीय आकर्षणों का अनुभव कर सकेंगे, जो इस क्षेत्र के पर्यटन उद्योग में एक महत्वपूर्ण योगदान देगा।
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