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चम्बा ! स्वस्थ एवं सुपोषित बचपन नौनिहालों के भविष्य को एक मजबूत नीव प्रदान करता है। बच्चों के शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक विकास के लिए आंगनबाड़ी केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं । हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बाल कुपोषण पर अंकुश लगाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने के साथ बाल विकास सेवाओं के विस्तार को लेकर भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं । ज़िला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास राकेश कुमार बताते हैं कि समेकित बाल विकास सेवाएं कार्यक्रम के अंतर्गत आकांक्षी ज़िला चंबा में 1495 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 वर्ष तक की आयु के 28931 बच्चों को वर्तमान में पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाया जा रहा है । इसके साथ ज़िला में 7538 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा 14 से 18 वर्ष तक की 17155 किशोरियों को विशेष पोषाहार कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। ज़िला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ज़िला में एक सौ आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में स्तरोन्नत किया गया है। इसके तहत बाल विकास परियोजना चंबा के अंतर्गत 21 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है। इसी तरह बाल विकास परियोजना सलूणी के 20,बाल विकास परियोजना मेहला के 20,बाल विकास परियोजना तीसा के 14 तथा बाल विकास परियोजना भट्टीयात के तहत 25 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है। वह बताते हैं कि इन आंगनबाड़ी केंद्रों के तहत आधारभूत संरचना से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। वर्तमान में सभी सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छ पेयजल की सुविधा के लिए आरओ वॉटर प्यूरीफायर स्थापित के साथ 90 केंद्र परिसरों में पोषण वाटिका तथा 65 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन में वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था भी सुनिश्चित बनाई गई है। ज़िला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि चंबा ज़िला में 1495 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 वर्ष तक की आयु के 28931 बच्चों को वर्तमान में पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाया जा रहा है । इसके तहत बाल विकास परियोजना चंबा के अंतर्गत 4209, बाल विकास परियोजना सलूणी के तहत 5279 ,बाल विकास परियोजना मेहला के तहत 4852 ,बाल विकास परियोजना तीसा के अंतर्गत 6533, बाल विकास परियोजना भट्टीयात के तहत 5317, बाल विकास परियोजना भरमौर के तहत 1960 तथा बाल विकास परियोजना पांगी के तहत 779 बच्चों को पूरक पोषाहार के रूप में राजमाह-चावल, मीठा एवं नमकीन दलिया, खिचड़ी, काले चने, मीठी सेवइयां, बाजरा और औट के बिस्कुट इत्यादि उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ।
चम्बा ! स्वस्थ एवं सुपोषित बचपन नौनिहालों के भविष्य को एक मजबूत नीव प्रदान करता है। बच्चों के शारीरिक, मानसिक तथा भावनात्मक विकास के लिए आंगनबाड़ी केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं । हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा बाल कुपोषण पर अंकुश लगाने के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों के बुनियादी ढांचे को सुदृढ़ बनाने के साथ बाल विकास सेवाओं के विस्तार को लेकर भी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं ।
ज़िला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास राकेश कुमार बताते हैं कि समेकित बाल विकास सेवाएं कार्यक्रम के अंतर्गत आकांक्षी ज़िला चंबा में 1495 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 वर्ष तक की आयु के 28931 बच्चों को वर्तमान में पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाया जा रहा है । इसके साथ ज़िला में 7538 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं तथा 14 से 18 वर्ष तक की 17155 किशोरियों को विशेष पोषाहार कार्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।
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ज़िला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ज़िला में एक सौ आंगनबाड़ी केंद्रों को सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों के रूप में स्तरोन्नत किया गया है। इसके तहत बाल विकास परियोजना चंबा के अंतर्गत 21 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है। इसी तरह बाल विकास परियोजना सलूणी के 20,बाल विकास परियोजना मेहला के 20,बाल विकास परियोजना तीसा के 14 तथा बाल विकास परियोजना भट्टीयात के तहत 25 आंगनबाड़ी केंद्रों को शामिल किया गया है।
वह बताते हैं कि इन आंगनबाड़ी केंद्रों के तहत आधारभूत संरचना से संबंधित सभी कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। वर्तमान में सभी सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छ पेयजल की सुविधा के लिए आरओ वॉटर प्यूरीफायर स्थापित के साथ 90 केंद्र परिसरों में पोषण वाटिका तथा 65 आंगनबाड़ी केंद्रों के भवन में वर्षा जल संग्रहण की व्यवस्था भी सुनिश्चित बनाई गई है।
ज़िला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि चंबा ज़िला में 1495 आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 वर्ष तक की आयु के 28931 बच्चों को वर्तमान में पूरक पोषाहार उपलब्ध करवाया जा रहा है । इसके तहत बाल विकास परियोजना चंबा के अंतर्गत 4209, बाल विकास परियोजना सलूणी के तहत 5279 ,बाल विकास परियोजना मेहला के तहत 4852 ,बाल विकास परियोजना तीसा के अंतर्गत 6533, बाल विकास परियोजना भट्टीयात के तहत 5317, बाल विकास परियोजना भरमौर के तहत 1960 तथा बाल विकास परियोजना पांगी के तहत 779 बच्चों को पूरक पोषाहार के रूप में राजमाह-चावल, मीठा एवं नमकीन दलिया, खिचड़ी, काले चने, मीठी सेवइयां, बाजरा और औट के बिस्कुट इत्यादि उपलब्ध करवाए जा रहे हैं ।
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