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चम्बा , 01 जुलाई [ शिवानी ] ! आज चम्बा के बचत भवन में हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड पेंशनर संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें पेंशनर संघ के अधिकारियों ने सरकार के समक्ष अपने मुद्दो को रखा। इनका कहना है कि वर्ष 01-01-2016 से पुर्व रिटायर हुए पैंशनरों की फिकसेशन का लिये हिमाचल प्रदेश सरकार ने 25 फरवरी 2023 की नोटिफिकेशन के अनुसार पेमैट्रिक्स में 2.59 से 2.72 का फैकटर लगाना चाहिये था पर खेद की बात है कि ये नोशनल फिक्सेशन भी अर्सा एक वर्ष बीत जाने पर भी लटकी पड़ी हुई है। इस बैठक में कई और वक्ताओं ने संबोधित किया और कई अन्य मुद्दों को रखा। इस मौके पर संगठन के महासचिव पी.एल. गुप्ता जी ने वक्ताओं की समस्याओं को सुना और सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट की एवं विस्तृत चर्चा की और उनकी समस्याओं को प्रबंधन से उठाने का आश्वासन भी दिया। महासचिव ने संगठन द्वारा पेंशनरों के लिए पूर्व में किए गए विद्युत - प्रबंधन के गैर- जिम्मेदाराना रवैये पर रोष व्यक्त किया रोष व चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार विद्युत - प्रबंधन हमारे संगठन की बार - बार अनदेखी कर रहा है जिस संगठन की प्रदेश भर के 11 जिलों में इकाइयां व तहसील स्तर पर उप _ इकाइयों से संबद्धता है बार-बार विद्युत प्रबंधन से बैठक करने का आग्रह किया जाता रहा है बावजूद इसके विद्युत -प्रबंधन ने गैर जिम्मेदार रवैया के चलते हमारे संगठन से बैठक नहीं की। विद्युत पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन एक गैर - राजनैतिक व रजिस्टर्ड संगठन हैऔर समय-समय पर सामाजिक कार्यों में भी भाग लेता है जबकि बोर्ड - प्रबंधन ने राजनैतिक दबाव में स्वयंभू तथाकथित पेंशनर प्लेटफा -र्मों व संगठनों से पुर्व बैठकें की। सभा के अंत में संघ के नवनियुक्त अध्यक्षई .एस .के .सोनी जी ने पुर्व अध्यक्ष इंजीनियर बी के सूद जी और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया जिन्होंने पेंशनरों की सेवा के लिए हर संभव प्रयास किये। प्रदेश अध्यक्ष ने पेंशनरों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और पूर्व अध्यक्ष के प्रयासों को जारी रखने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि बोर्ड विद्युत - प्रबंधन को एजेंडा भेजा है और उम्मीद की जाती है की विद्युत - प्रबंधन शीघ्र ही एसोसीयेसन को वार्ता के लिए आमंत्रित करेगा। इन पदाधिकारियों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चंबा की चार जल - विद्युत परियोजनाओं को विद्युत - बोर्ड से छीन कर (एचपीपीसीएल)हिमाचल पावर - कारपोरेसन को सौंप दिया इन जल विद्युत परियोजनाओं से 67 मैगावाट बिजली का दोहन होना था जबकि विद्युत बोर्ड के पास जल विद्युत - परियोजनाओं के निर्माण के लिए कुशल इंजीनियर व तकनीकी कर्मचारी उपलब्ध है।अतः सरकार से आग्रह किया जाता है कि इस निर्णय का पुनरावलोकन करे और अपने आदेश वापिस ले।
चम्बा , 01 जुलाई [ शिवानी ] ! आज चम्बा के बचत भवन में हिमाचल प्रदेश इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड पेंशनर संघ की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई जिसमें पेंशनर संघ के अधिकारियों ने सरकार के समक्ष अपने मुद्दो को रखा। इनका कहना है कि वर्ष 01-01-2016 से पुर्व रिटायर हुए पैंशनरों की फिकसेशन का लिये हिमाचल प्रदेश सरकार ने 25 फरवरी 2023 की नोटिफिकेशन के अनुसार पेमैट्रिक्स में 2.59 से 2.72 का फैकटर लगाना चाहिये था पर खेद की बात है कि ये नोशनल फिक्सेशन भी अर्सा एक वर्ष बीत जाने पर भी लटकी पड़ी हुई है।
इस बैठक में कई और वक्ताओं ने संबोधित किया और कई अन्य मुद्दों को रखा। इस मौके पर संगठन के महासचिव पी.एल. गुप्ता जी ने वक्ताओं की समस्याओं को सुना और सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट की एवं विस्तृत चर्चा की और उनकी समस्याओं को प्रबंधन से उठाने का आश्वासन भी दिया।
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महासचिव ने संगठन द्वारा पेंशनरों के लिए पूर्व में किए गए विद्युत - प्रबंधन के गैर- जिम्मेदाराना रवैये पर रोष व्यक्त किया रोष व चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने बताया कि किस प्रकार विद्युत - प्रबंधन हमारे संगठन की बार - बार अनदेखी कर रहा है जिस संगठन की प्रदेश भर के 11 जिलों में इकाइयां व तहसील स्तर पर उप _ इकाइयों से संबद्धता है बार-बार विद्युत प्रबंधन से बैठक करने का आग्रह किया जाता रहा है बावजूद इसके विद्युत -प्रबंधन ने गैर जिम्मेदार रवैया के चलते हमारे संगठन से बैठक नहीं की। विद्युत पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन एक गैर - राजनैतिक व रजिस्टर्ड संगठन हैऔर समय-समय पर सामाजिक कार्यों में भी भाग लेता है जबकि बोर्ड - प्रबंधन ने राजनैतिक दबाव में स्वयंभू तथाकथित पेंशनर प्लेटफा -र्मों व संगठनों से पुर्व बैठकें की।
सभा के अंत में संघ के नवनियुक्त अध्यक्षई .एस .के .सोनी जी ने पुर्व अध्यक्ष इंजीनियर बी के सूद जी और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया जिन्होंने पेंशनरों की सेवा के लिए हर संभव प्रयास किये। प्रदेश अध्यक्ष ने पेंशनरों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और पूर्व अध्यक्ष के प्रयासों को जारी रखने का संकल्प लिया। उन्होंने कहा कि बोर्ड विद्युत - प्रबंधन को एजेंडा भेजा है और उम्मीद की जाती है की विद्युत - प्रबंधन शीघ्र ही एसोसीयेसन को वार्ता के लिए आमंत्रित करेगा।
इन पदाधिकारियों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चंबा की चार जल - विद्युत परियोजनाओं को विद्युत - बोर्ड से छीन कर (एचपीपीसीएल)हिमाचल पावर - कारपोरेसन को सौंप दिया इन जल विद्युत परियोजनाओं से 67 मैगावाट बिजली का दोहन होना था जबकि विद्युत बोर्ड के पास जल विद्युत - परियोजनाओं के निर्माण के लिए कुशल इंजीनियर व तकनीकी कर्मचारी उपलब्ध है।अतः सरकार से आग्रह किया जाता है कि इस निर्णय का पुनरावलोकन करे और अपने आदेश वापिस ले।
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