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शिमला , 08 नवंबर [ विशाल सूद ] ! प्रदेश मे बढ़ रहा नशा अब एचआईवी संक्रमण के फैलने का कारण बन रहा है। नए एचआईवी मामलों में य़ह पाया गया है कि सामुहिक रूप से नशे में इस्तेमाल हो रहीं संक्रमित सूइयों से युवाओ मे एचआईवी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। य़ह जानकारी आज शिमला मे आयोजित राज्य स्तरीय एड्स नियंत्रण जागरुकता कार्यशाला मे एड्स कंट्रोल सोसाइटी के परियोजना निदेशक राजीव कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि बदलते कारणों के साथ अब जागरूकता व निवारण कार्यक्रमों को और अधिक बढ़ाया गया है । जागरूकता कार्यशाला में हिमाचल में एचआईवी/ एड्स के कारणों ओर रोकथाम को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान परियोजना निदेशक राजीव कुमार ने कहा कि - लोगो मे एड्स जागरूकता से अब एचआईवी संक्रमण के कारणों में असुरक्षित यौन संबंध की प्रतिशतता कम हुई है तो वहीं नशे मे इस्तेमाल हो रहीं सुई से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष बीते वर्ष से अधिक एचआईवी पॉजिटिव मामले सामने आए हैं । वर्तमान में प्रदेश में कुल 5,870 एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति है और इन्हें दो हजार एआरटी उपचार केंद्रों के माध्यम से दवाई व परामर्श दिया जा रहा है । उन्होंने बताया कि इस वर्ष सितंबर माह तक कुल 404 नए मामले पाए गए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में 50 अधिक है। जिनमें अधिकतर मामले ऐसे लोगों के है जो सुई से नशा करने से संक्रमित हुए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में व्यक्ति को एचआईवी के साथ-साथ नशा छुड़ाने की दवाई और परामर्श उपलब्ध करवाया जा रहा है।राजीव कुमार ने कहा कि एसटीआई/ यौन रोगों से संक्रमित व्यक्ति मे एचआईवी संक्रमण की संभावना 5-6 प्रतिशत अधिक रहती है। महिलाओं में यौन रोगों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बीते दो महीने में प्रदेश में आशा कार्यकर्ताओं की सहायता से एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया जिसमें लाखों की संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एचआईवी के प्रति जागरूक किया गया है।
शिमला , 08 नवंबर [ विशाल सूद ] ! प्रदेश मे बढ़ रहा नशा अब एचआईवी संक्रमण के फैलने का कारण बन रहा है। नए एचआईवी मामलों में य़ह पाया गया है कि सामुहिक रूप से नशे में इस्तेमाल हो रहीं संक्रमित सूइयों से युवाओ मे एचआईवी संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। य़ह जानकारी आज शिमला मे आयोजित राज्य स्तरीय एड्स नियंत्रण जागरुकता कार्यशाला मे एड्स कंट्रोल सोसाइटी के परियोजना निदेशक राजीव कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि बदलते कारणों के साथ अब जागरूकता व निवारण कार्यक्रमों को और अधिक बढ़ाया गया है ।
जागरूकता कार्यशाला में हिमाचल में एचआईवी/ एड्स के कारणों ओर रोकथाम को लेकर चर्चा हुई। इस दौरान परियोजना निदेशक राजीव कुमार ने कहा कि - लोगो मे एड्स जागरूकता से अब एचआईवी संक्रमण के कारणों में असुरक्षित यौन संबंध की प्रतिशतता कम हुई है तो वहीं नशे मे इस्तेमाल हो रहीं सुई से संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में इस वर्ष बीते वर्ष से अधिक एचआईवी पॉजिटिव मामले सामने आए हैं ।
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वर्तमान में प्रदेश में कुल 5,870 एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति है और इन्हें दो हजार एआरटी उपचार केंद्रों के माध्यम से दवाई व परामर्श दिया जा रहा है । उन्होंने बताया कि इस वर्ष सितंबर माह तक कुल 404 नए मामले पाए गए हैं जो पिछले वर्ष की तुलना में 50 अधिक है। जिनमें अधिकतर मामले ऐसे लोगों के है जो सुई से नशा करने से संक्रमित हुए हैं।
उन्होंने बताया कि ऐसे मामलों में व्यक्ति को एचआईवी के साथ-साथ नशा छुड़ाने की दवाई और परामर्श उपलब्ध करवाया जा रहा है।राजीव कुमार ने कहा कि एसटीआई/ यौन रोगों से संक्रमित व्यक्ति मे एचआईवी संक्रमण की संभावना 5-6 प्रतिशत अधिक रहती है।
महिलाओं में यौन रोगों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बीते दो महीने में प्रदेश में आशा कार्यकर्ताओं की सहायता से एक व्यापक जागरूकता अभियान चलाया गया जिसमें लाखों की संख्या में ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को एचआईवी के प्रति जागरूक किया गया है।
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