लोगों को राहत देने के लिए सरकार खटखटाएगी सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा।
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शिमला, 06 फरवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में सरकारी भूमि में अवैध कब्जों को लेकर प्रदेश हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। हिमाचल प्रदेश सरकारी भूमि पर बनाए गए अवैध ढांचों को लेकर हाई कोर्ट ने जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड को कड़ी कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। हाई कोर्ट अपने आदेशों में कहा कि सरकारी भूमि में जितने भी अवैध निर्माण हुए उसमें लगे बिजली और पानी के कनेक्शन को काटा जाए. इसके लिए जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड को एक महीने का नोटिस जारी कर ऐसे सभी कनेक्शन काटने के आदेश जारी किए गए हैं। कोर्ट के इन आदेशों को लेकर सरकार लोगों को राहत देने का रास्ता ढूंढ रही है। जिसको लेकर आज सचिवालय में एक कैबिनेट सब कमेटी की बैठक आयोजित की गई। राजस्व मंत्री जगत नेगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और कमेटी सदस्य नन्द लाल शामिल हुए। जगत नेगी ने कहा कि हिमाचल के लोगों के पास बहुत कम भूमि है इसको लेकर सरकार सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखेगी ताकि लोगों को राहत मिल सके। सर्वोच्च न्यायालय से मांग की जाएगी कि एक्ट 1927 के तहत लोगों को राहत दी जाए। इसी सब कमेटी ने विधानसभा में भी एक प्रस्ताव दिया है कि जिन लोगों के पास कम भूमि है यह आपदा में भूमि नष्ट हो गई है उनको एफसीए में छूट देकर राहत दी जाए।
शिमला, 06 फरवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में सरकारी भूमि में अवैध कब्जों को लेकर प्रदेश हाई कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। हिमाचल प्रदेश सरकारी भूमि पर बनाए गए अवैध ढांचों को लेकर हाई कोर्ट ने जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड को कड़ी कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं।
हाई कोर्ट अपने आदेशों में कहा कि सरकारी भूमि में जितने भी अवैध निर्माण हुए उसमें लगे बिजली और पानी के कनेक्शन को काटा जाए. इसके लिए जल शक्ति विभाग और बिजली बोर्ड को एक महीने का नोटिस जारी कर ऐसे सभी कनेक्शन काटने के आदेश जारी किए गए हैं।
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कोर्ट के इन आदेशों को लेकर सरकार लोगों को राहत देने का रास्ता ढूंढ रही है। जिसको लेकर आज सचिवालय में एक कैबिनेट सब कमेटी की बैठक आयोजित की गई। राजस्व मंत्री जगत नेगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर और कमेटी सदस्य नन्द लाल शामिल हुए। जगत नेगी ने कहा कि हिमाचल के लोगों के पास बहुत कम भूमि है इसको लेकर सरकार सर्वोच्च न्यायालय में अपना पक्ष रखेगी ताकि लोगों को राहत मिल सके।
सर्वोच्च न्यायालय से मांग की जाएगी कि एक्ट 1927 के तहत लोगों को राहत दी जाए। इसी सब कमेटी ने विधानसभा में भी एक प्रस्ताव दिया है कि जिन लोगों के पास कम भूमि है यह आपदा में भूमि नष्ट हो गई है उनको एफसीए में छूट देकर राहत दी जाए।
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