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शिमला ! शिमला की संजौली अवैध मस्जिद पर आज नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हुई। इस पर पूरे प्रदेश के हिंदू समाज की नजरें टिकी हुई थी. दोनों पक्षों की तरफ़ से कोर्ट में सुनवाई हुई। कमिश्नर के आदेश पर संबंधित एरिया के जूनियर इंजीनियर ने मस्जिद के निर्माण की पैमाइश कर रिपोर्ट तैयार की जिसको आज कोर्ट में पेश किया गया है. स्थानीय लोगों के पक्ष के वकील जगत पाल ने मस्ज़िद को तोड़ने की मांग उठाई। 2011 में एमसी ने पहला नोटिस दिया। 2018 तक पांच मंजिला बिल्डिंग कैसे बना दी गई। कोई रिकॉर्ड एमसी को मांगने के बाबजूद नही दिए गए। 1997,98 में मालिक हिमाचल सरकार कब्जा आइले इस्लाम, मस्ज़िद नही थी। पुरी मस्जिद अवैध है। जिसमें अवैध गतिविधियां हो रही है। बिजली पानी नही काटा गया क्यों? वक्फ बोर्ड के पास अवैध मस्जिद की जमीन को छोड़कर 156 बीघा जमीन हैं। संजौली के स्थानीय निवासी इसमें पार्टी है। जिसमें आरती गुप्ता का नाम मुख्य है। भले ही हमें पार्टी न बनाएं लेकिन मस्जिद तोड़ दी जाए। कमिश्नर ने पूछा कि आप पार्टी कैसे हुए ये बताएं। जबकि वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा कि जो भी अवैध निर्माण हुआ है उस पर एमसी कोर्ट फ़ैसला लेगा। जो लोग केस में सामने आ रहें हैं वह बताएं कि वह कैसे पार्टी हैं। इस मामले में नई पार्टी की जरूरत ही नही है। मामला पहले ही एमसी और वक्फ बोर्ड के बीच चल रहा है। ऐसे में सीधे आरोप लगाना सही नही है। इससे पहले 7 सितंबर को मामले की सुनवाई हुई थी। आज हुई सुनवाई में दोनों पक्षों को सुनने के बाद एमसी कोर्ट ने आज शाम चार बजे फिर मामले की सुनवाई रखी है। स्थानीय लोगों को पार्टी बनने पर भी चार बजे ही फैसला होगा।
शिमला ! शिमला की संजौली अवैध मस्जिद पर आज नगर निगम आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हुई। इस पर पूरे प्रदेश के हिंदू समाज की नजरें टिकी हुई थी. दोनों पक्षों की तरफ़ से कोर्ट में सुनवाई हुई। कमिश्नर के आदेश पर संबंधित एरिया के जूनियर इंजीनियर ने मस्जिद के निर्माण की पैमाइश कर रिपोर्ट तैयार की जिसको आज कोर्ट में पेश किया गया है.
स्थानीय लोगों के पक्ष के वकील जगत पाल ने मस्ज़िद को तोड़ने की मांग उठाई। 2011 में एमसी ने पहला नोटिस दिया। 2018 तक पांच मंजिला बिल्डिंग कैसे बना दी गई। कोई रिकॉर्ड एमसी को मांगने के बाबजूद नही दिए गए। 1997,98 में मालिक हिमाचल सरकार कब्जा आइले इस्लाम, मस्ज़िद नही थी। पुरी मस्जिद अवैध है। जिसमें अवैध गतिविधियां हो रही है। बिजली पानी नही काटा गया क्यों? वक्फ बोर्ड के पास अवैध मस्जिद की जमीन को छोड़कर 156 बीघा जमीन हैं। संजौली के स्थानीय निवासी इसमें पार्टी है। जिसमें आरती गुप्ता का नाम मुख्य है। भले ही हमें पार्टी न बनाएं लेकिन मस्जिद तोड़ दी जाए।
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कमिश्नर ने पूछा कि आप पार्टी कैसे हुए ये बताएं। जबकि वक्फ बोर्ड के वकील ने कहा कि जो भी अवैध निर्माण हुआ है उस पर एमसी कोर्ट फ़ैसला लेगा। जो लोग केस में सामने आ रहें हैं वह बताएं कि वह कैसे पार्टी हैं। इस मामले में नई पार्टी की जरूरत ही नही है। मामला पहले ही एमसी और वक्फ बोर्ड के बीच चल रहा है। ऐसे में सीधे आरोप लगाना सही नही है।
इससे पहले 7 सितंबर को मामले की सुनवाई हुई थी। आज हुई सुनवाई में दोनों पक्षों को सुनने के बाद एमसी कोर्ट ने आज शाम चार बजे फिर मामले की सुनवाई रखी है। स्थानीय लोगों को पार्टी बनने पर भी चार बजे ही फैसला होगा।
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