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बिलासपुर , 10 नवंबर [ शिवानी ] ! आंगनबाड़ी केंद्रों में अध्ययनरत नन्हे मुन्नों के स्वास्थ्य की निगरानी अब पोषण रजिस्टर के जरिए की जा रही है। प्रदेश में पोषण रजिस्टर शुरू करने की पहल केवल बिलासपुर प्रशासन द्वारा की गई है। महिला एवं बाल विकास के अधीन संचालित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध सभी पोषण रजिस्टरों पर हर दिन रिकॉर्ड दर्ज किया जा रहा है। बच्चों की हाइट वेट ओर लेंथ की जांच रजिस्टर पर अंकित ग्रीन, येलो और रेड लाइनों के जरिए हो रही है। हर तीन माह बाद आधिकारिक स्तर पर इसकी अपडेट ली जा रही है। यदि कोई बच्चा येलो श्रेणी में है तो स्पेशलिस्ट द्वारा तैयार डाइट चार्ट के आधार पर उसे न्यूट्रिशियन दिया न जा है। जबकि रेड श्रेणी के बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल बिलासपुर एम्स के लिए रेफर किया जा रहा है।
बिलासपुर , 10 नवंबर [ शिवानी ] ! आंगनबाड़ी केंद्रों में अध्ययनरत नन्हे मुन्नों के स्वास्थ्य की निगरानी अब पोषण रजिस्टर के जरिए की जा रही है। प्रदेश में पोषण रजिस्टर शुरू करने की पहल केवल बिलासपुर प्रशासन द्वारा की गई है।
महिला एवं बाल विकास के अधीन संचालित सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध सभी पोषण रजिस्टरों पर हर दिन रिकॉर्ड दर्ज किया जा रहा है। बच्चों की हाइट वेट ओर लेंथ की जांच रजिस्टर पर अंकित ग्रीन, येलो और रेड लाइनों के जरिए हो रही है।
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हर तीन माह बाद आधिकारिक स्तर पर इसकी अपडेट ली जा रही है। यदि कोई बच्चा येलो श्रेणी में है तो स्पेशलिस्ट द्वारा तैयार डाइट चार्ट के आधार पर उसे न्यूट्रिशियन दिया न जा है। जबकि रेड श्रेणी के बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल बिलासपुर एम्स के लिए रेफर किया जा रहा है।
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