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हमीरपुर , [ सुजानपुर ] , 8 मार्च [ बिंदिया ठाकुर ] ! अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के चौरी में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें हज़ारों की संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक राजेंद्र राणा का समारोह में पहुंचने पर डोल नगाड़ों के साथ बड़ी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। कार्यक्रम में सभा स्थल भी छोटा पड़ गया और लोग घरों की बालकनी और छत्तों पर बैठकर इस आयोजन के भागीदार बने। इस मौके पर पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने महिलाओं को संबोधित करते हुए मोदी सरकार की योजनाओं की सराहना की और हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार की संकीर्ण सोच इसी बात से जाहिर हो जाती है कि चौरी में आज के सम्मेलन के लिए जो स्थान निर्धारित किया गया था, वहां सम्मेलन करने की अनुमति स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप पर सरकार ने रद्द कर दी ताकि यह सम्मेलन ना हो सके। लेकिन इसके बावजूद महिलाओं का उत्साह कम नहीं हुआ और हजारों महिलाओं ने इस सम्मेलन में शामिल होकर सरकार की इस तानाशाही सोच को मुंहतोड़ जवाब दिया है। राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने चुनाव से पहले महिलाओं को ₹1500 मासिक भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस वादे को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा, "महिलाओं से फार्म भरवा लिए गए, लेकिन वे फार्म सरकार ने नदी में फेंक दिए। यह महिलाओं के साथ सरासर धोखा है।" राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का एकमात्र उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, मुद्रा योजना और तीन तलाक कानून जैसी योजनाओं से महिलाओं को न केवल सुरक्षा बल्कि स्वावलंबन भी मिला है। उन्होंने कहा, "महिला सशक्तिकरण केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक वास्तविकता बन चुकी है। आज महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं—चाहे वह राजनीति हो, शिक्षा, विज्ञान, खेल, व्यापार या प्रशासन। मोदी सरकार की योजनाओं ने महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और कानूनी रूप से मज़बूत किया है।" राजेंद्र राणा ने कहा कि वह स्वयं महिला सशक्तिकरण के शुरू से ही पक्षधर रहे हैं और उनकी संस्था को यह गौरव हासिल है कि सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के महिला मंडलों को 7 बार सम्मानित किया गया है और अब आठवीं बार भी सम्मानित करने का ऐलान किया। उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर महिलाओं के अधिकारों की अनदेखी हुई, तो आने वाले चुनावों में जनता इसका जवाब देगी। राजेंद्र राणा ने अपने संबोधन में समाज से भी आह्वान किया कि महिलाओं को सिर्फ योजनाओं का लाभ ही नहीं, बल्कि बराबरी का अधिकार भी मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमें अपने घरों में बेटियों को बेटों के समान अवसर देने होंगे। हमें उन्हें शिक्षा, सुरक्षा और स्वतंत्रता का अधिकार देना होगा।" महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। कार्यक्रम के अंत में राजेंद्र राणा ने कहा, "हम एक ऐसे समाज का निर्माण करेंगे जहाँ महिलाएँ आत्मनिर्भर बनें और गर्व से कह सकें—'हम सिर्फ किसी की बहन, बेटी या पत्नी नहीं, बल्कि इस समाज की नींव हैं। राजेंद्र राणा ने कहा कि महिलाएँ केवल घर तक सीमित नहीं, बल्कि वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का पूरा हक रखती हैं। समाज, सरकार और प्रत्येक नागरिक को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाएँ आत्मनिर्भर बनें, सशक्त बनें और अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठा सकें। इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाली बहन बेटियों को सम्मानित भी किया गया।इस अवसर पर दोनों मंडलों के अध्यक्ष, महामंत्री, पदाधिकारी व हज़ारों की तादाद में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
हमीरपुर , [ सुजानपुर ] , 8 मार्च [ बिंदिया ठाकुर ] ! अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के चौरी में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें हज़ारों की संख्या में महिलाओं ने भाग लिया और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक राजेंद्र राणा का समारोह में पहुंचने पर डोल नगाड़ों के साथ बड़ी गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। कार्यक्रम में सभा स्थल भी छोटा पड़ गया और लोग घरों की बालकनी और छत्तों पर बैठकर इस आयोजन के भागीदार बने।
इस मौके पर पूर्व विधायक राजेंद्र राणा ने महिलाओं को संबोधित करते हुए मोदी सरकार की योजनाओं की सराहना की और हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर जमकर निशाना साधा।
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उन्होंने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार की संकीर्ण सोच इसी बात से जाहिर हो जाती है कि चौरी में आज के सम्मेलन के लिए जो स्थान निर्धारित किया गया था, वहां सम्मेलन करने की अनुमति स्थानीय विधायक के हस्तक्षेप पर सरकार ने रद्द कर दी ताकि यह सम्मेलन ना हो सके। लेकिन इसके बावजूद महिलाओं का उत्साह कम नहीं हुआ और हजारों महिलाओं ने इस सम्मेलन में शामिल होकर सरकार की इस तानाशाही सोच को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
राजेंद्र राणा ने हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खू ने चुनाव से पहले महिलाओं को ₹1500 मासिक भत्ता देने का वादा किया था, लेकिन अब तक इस वादे को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा, "महिलाओं से फार्म भरवा लिए गए, लेकिन वे फार्म सरकार ने नदी में फेंक दिए। यह महिलाओं के साथ सरासर धोखा है।"
राजेंद्र राणा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार का एकमात्र उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, उज्ज्वला योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, मुद्रा योजना और तीन तलाक कानून जैसी योजनाओं से महिलाओं को न केवल सुरक्षा बल्कि स्वावलंबन भी मिला है।
उन्होंने कहा, "महिला सशक्तिकरण केवल एक नारा नहीं, बल्कि एक वास्तविकता बन चुकी है। आज महिलाएँ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं—चाहे वह राजनीति हो, शिक्षा, विज्ञान, खेल, व्यापार या प्रशासन। मोदी सरकार की योजनाओं ने महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक और कानूनी रूप से मज़बूत किया है।"
राजेंद्र राणा ने कहा कि वह स्वयं महिला सशक्तिकरण के शुरू से ही पक्षधर रहे हैं और उनकी संस्था को यह गौरव हासिल है कि सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के महिला मंडलों को 7 बार सम्मानित किया गया है और अब आठवीं बार भी सम्मानित करने का ऐलान किया।
उन्होंने प्रदेश सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर महिलाओं के अधिकारों की अनदेखी हुई, तो आने वाले चुनावों में जनता इसका जवाब देगी।
राजेंद्र राणा ने अपने संबोधन में समाज से भी आह्वान किया कि महिलाओं को सिर्फ योजनाओं का लाभ ही नहीं, बल्कि बराबरी का अधिकार भी मिलना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमें अपने घरों में बेटियों को बेटों के समान अवसर देने होंगे। हमें उन्हें शिक्षा, सुरक्षा और स्वतंत्रता का अधिकार देना होगा।"
महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। कार्यक्रम के अंत में राजेंद्र राणा ने कहा, "हम एक ऐसे समाज का निर्माण करेंगे जहाँ महिलाएँ आत्मनिर्भर बनें और गर्व से कह सकें—'हम सिर्फ किसी की बहन, बेटी या पत्नी नहीं, बल्कि इस समाज की नींव हैं।
राजेंद्र राणा ने कहा कि महिलाएँ केवल घर तक सीमित नहीं, बल्कि वे हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का पूरा हक रखती हैं। समाज, सरकार और प्रत्येक नागरिक को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि महिलाएँ आत्मनिर्भर बनें, सशक्त बनें और अपने अधिकारों के लिए आवाज़ उठा सकें।
इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाली बहन बेटियों को सम्मानित भी किया गया।इस अवसर पर दोनों मंडलों के अध्यक्ष, महामंत्री, पदाधिकारी व हज़ारों की तादाद में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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