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सोलन , [ बद्दी ] , 21 जूलाई [ पंकज गोल्डी ] ! किशोर योग एकेडमी में गुरू पुर्णिमा उत्सव धूम धाम के साथ मनाया गया । सुबह ही योग संस्थान के साधक नहा धोकर साधना कक्ष में एकत्रित हुए तथा एक घंटे तक योगासान, प्राणायाम, ध्यान आदि का अभ्यास करने के उपरान्त सामूहिक गुरू पूजन किया गया । कार्यक्रम की अध्यक्षता हिम औद्यौगिक कल्याण सभा के प्रदेश अध्यक्ष कुलवीर जमवाल ने की जबकि मुख्य वक्ता के तौर पर आर्य समाज बीबीएन के अध्यक्ष कुलवीर आर्य रहे । योग संस्थान के संचालक डा़ किशोर ठाकुर ने गुरू प्रर्णिमा पर बोलते हुए कहा कि यह दिन गुरु के प्रति सम्मान और आभार प्रकट करने के लिए आषाढ़ मास की पूर्णिमा को हर वर्ष मनाया जाता है । इसी दिन महाभारत, रामचरितमानस और अठारह पुराणों के रचियता महर्षि वेद ब्यासजी का जन्म दिवस भी होता है इसलिए इसे ब्यास पुर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। गुरु शब्द का अर्थ होता है - अज्ञान के अंधकार को दूर करने वाला । अर्थात गुरु हमें अपने ज्ञान से सही मार्ग दिखाकर असत्य से सत्य, अर्धम से धर्म, अन्यास से न्याय और अशुचिता से शुचिता का बोध करना सीखाते हैं । मुख्य वक्ता कुलवीर आर्य ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय दर्शन में गुरू शिष्य परंपरा सदियों से है यह रामायाण काल से लेकर महाभारत तक, वेद ब्यास से लेकर स्वामी दयानंद सरस्वती, गुरूनानक देव से लेकर गुरू गांविंद सिंह और छत्रपति शिवाजी से लेकर महाराणा प्रताप सिंह सहित आज भी स्वामी रामदेव जी, योगी आदित्यनाथ जी इसी गुरू शिष्य परंपरा का निवर्हन करते हुए समाज को सुशिक्षित, संस्कारित और संगठित करने का काम कर रहे हैं । उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य का भौतिक जीवन में एक या एक से अधिक गुरू हो सकता है परन्तु हमारा ऐसा गुरू ऐसा होना चाहिए जो सात्विक आहार, विचार, वाणी, स्वभाव वाला हो । उसमें राजसिक और तामसिक गुण को अंश रती भर भी नहीं होना चाहिए । कार्यक्रम का समापन महोत्सव की अध्यक्षता कर रहे कुलवीर सिंह जमवाल ने आए हुए सभी साधकों का धन्यवाद देकर व गुरू पुर्णिमा की हार्दिक बधाई देते हुए किया। उन्होंने कहा कि पहला गुरू हमारी मां होती है। इसलिए कहा भी गया है कि यदि मां / गुरू और साक्षात भगवान हमारे सामने खडे हों तो प्रथम मां /गुरू को प्रणाम करने के बाद भगवान को प्रणाम करना चाहिए क्योंकि उनकी गुरू कृपा रूपी प्रसाद से ही हमें ईश्वर का साक्षात दर्शन हुआ है। इस अवसर पर रेनू त्यागी, नीतु पाल, गीता रानी, बसुधा गुप्ता, वन्दना, शिव कुमार, योगराज भाटिया, पंकज गुप्ता, ओमप्रकाश विश्वकर्मा, सुभाष गर्ग, सतीश शेखावत, जसवंत सिंह, अश्वनी तायल, भुवन सिंह, लाल बाबु यादव, रघुवीर, रमन कौशल, मनोज मांडला सहित अनेक गणमान्य लोग मौजूद रहे।
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