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शिमला ! हिमाचल प्रदेश में आज यहां भारत-जर्मनी साझेदारी के अन्तर्गत हरित एवं सतत् विकास साझेदारी (जीएसडीपी) परियोजना का शुभारंभ किया गया। नीति आयोग की यह परियोजना सतत् विकास लक्ष्यों को स्थानीय स्तर पर हासिल करना सुनिश्चित करेगी। यह परियोजना भारत और जर्मनी के मध्य हरित और सतत् विकास साझेदारी के प्रयासों को प्रदर्शित करती है। हिमाचल प्रदेश सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने में देश का प्रमुख राज्य है। इसके दृष्टिगत हिमाचल को इस परियोजना की साझेदारी के लिए चुना गया है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि हिमाचल भौगोलिक दृष्टि से देश के अन्य राज्यों से अलग है। सतत् विकास के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में इन परिस्थितियों को ध्यान में रखना अत्यन्त आवश्यक है। वर्तमान में जलवायु परिर्वतन एक बड़ी समस्या है, इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार सतत् विकास के लक्ष्यों को (एसडीजी) हासिल करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने हरित एवं सतत् विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। वर्ष 2024-25 के लिए एसडीजी सम्बंधी विभिन्न गतिविधियों को इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि इसके तहत क्षमता निर्माण और नॉलेज एक्सचेंज वर्कशाप सम्बंधी गतिविधियां आयोजित की जाएगी। हरित और सतत् विकास साझेदारी के लिए विभिन्न हितधारकों के लिए नॉलेज एक्सचेंज वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों जैसे सौर एवं जल, ई-मोबलिटी जैसे विषयों पर राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बैवनार आयोजित करवाए जाएंगे। राज्य और जिलास्तर पर विभिन्न हितधारकों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और जागरूकता सामग्री वितरित की जाएगी। स्थानीय स्तर पर एसडीजी को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने के लिए संसाधनों को चिन्हित करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे। प्रदेश सरकार के सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने के विजन डॉक्यूमेंट ‘दृष्टि’ के सफल क्रियान्वयन के लिए एकीकृत योजना के अंतर्गत कार्य किया जाएगा।इस अवसर पर नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. राजीव कुमार सेन ने कहा कि वैश्विक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एसडीजी को जमीनी स्तर तक सफलतापूर्वक लागू करना अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए सभी हितधारकों को कार्य करने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि एसपीजी इण्डिया इंडेक्स में हिमाचल प्रदेश ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। प्रधान सचिव योजना देवेश कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सतत् विकास लक्ष्यों के फ्रेमवर्क के अनुसार राज्य में विकास योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। हिमाचल देश में हरित और सतत् विकास के लक्ष्यों को हासिल करने वाले अग्रणी राज्यों में शामिल है। उन्होंने प्रदेश के सभी हितधारकों को नीति आयोग के साथ समन्वय स्थापित कर लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में कार्य करने के लिए कहा। प्रदेश में स्थानीय स्तर पर लक्ष्यों को एकीकृत योजना एवं क्रियान्वयन, क्षमता निर्माण, संसाधनों के उपयोग, निगरानी एवं मूल्यांकन के आधार पर हासिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सतत् विकास की परिकल्पना को पूरा करने के लिए विभिन्न हितधारकों के 11 कार्यशील समूह गठित किए गए हैं ताकि योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। एसडीजी कॉर्डिनेशन एंड एक्रीडेशन सेन्टर फाउंडेशन सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकते हैं। जीएसडीपी के परियोजना अध्यक्ष डॉ. गेराल्ड गोवास्की ने सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में इण्डो जर्मन सहयोग के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।कार्यक्रम में नीति आयोग के उप-सचिव हेमन्त कुमार और योजना विभाग के प्रधान सलाहकार डॉ. बासू सूद ने भी प्रस्तुति दी।इस अवसर पर विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और हितधारक मौजूद रहे।
शिमला ! हिमाचल प्रदेश में आज यहां भारत-जर्मनी साझेदारी के अन्तर्गत हरित एवं सतत् विकास साझेदारी (जीएसडीपी) परियोजना का शुभारंभ किया गया। नीति आयोग की यह परियोजना सतत् विकास लक्ष्यों को स्थानीय स्तर पर हासिल करना सुनिश्चित करेगी। यह परियोजना भारत और जर्मनी के मध्य हरित और सतत् विकास साझेदारी के प्रयासों को प्रदर्शित करती है। हिमाचल प्रदेश सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने में देश का प्रमुख राज्य है। इसके दृष्टिगत हिमाचल को इस परियोजना की साझेदारी के लिए चुना गया है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने कहा कि हिमाचल भौगोलिक दृष्टि से देश के अन्य राज्यों से अलग है। सतत् विकास के लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में इन परिस्थितियों को ध्यान में रखना अत्यन्त आवश्यक है। वर्तमान में जलवायु परिर्वतन एक बड़ी समस्या है, इसके दृष्टिगत प्रदेश सरकार सतत् विकास के लक्ष्यों को (एसडीजी) हासिल करने के लिए निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश ने हरित एवं सतत् विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। वर्ष 2024-25 के लिए एसडीजी सम्बंधी विभिन्न गतिविधियों को इंगित करते हुए उन्होंने कहा कि इसके तहत क्षमता निर्माण और नॉलेज एक्सचेंज वर्कशाप सम्बंधी गतिविधियां आयोजित की जाएगी। हरित और सतत् विकास साझेदारी के लिए विभिन्न हितधारकों के लिए नॉलेज एक्सचेंज वर्कशॉप का आयोजन किया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि अक्षय ऊर्जा स्त्रोतों जैसे सौर एवं जल, ई-मोबलिटी जैसे विषयों पर राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बैवनार आयोजित करवाए जाएंगे। राज्य और जिलास्तर पर विभिन्न हितधारकों को जागरूक करने के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे और जागरूकता सामग्री वितरित की जाएगी। स्थानीय स्तर पर एसडीजी को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने के लिए संसाधनों को चिन्हित करने के लिए प्रशिक्षण प्रदान किए जाएंगे। प्रदेश सरकार के सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने के विजन डॉक्यूमेंट ‘दृष्टि’ के सफल क्रियान्वयन के लिए एकीकृत योजना के अंतर्गत कार्य किया जाएगा।
इस अवसर पर नीति आयोग के वरिष्ठ सलाहकार डॉ. राजीव कुमार सेन ने कहा कि वैश्विक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए ठोस प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि एसडीजी को जमीनी स्तर तक सफलतापूर्वक लागू करना अत्यंत आवश्यक है और इसके लिए सभी हितधारकों को कार्य करने की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि एसपीजी इण्डिया इंडेक्स में हिमाचल प्रदेश ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
प्रधान सचिव योजना देवेश कुमार ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा सतत् विकास लक्ष्यों के फ्रेमवर्क के अनुसार राज्य में विकास योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। हिमाचल देश में हरित और सतत् विकास के लक्ष्यों को हासिल करने वाले अग्रणी राज्यों में शामिल है। उन्होंने प्रदेश के सभी हितधारकों को नीति आयोग के साथ समन्वय स्थापित कर लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में कार्य करने के लिए कहा। प्रदेश में स्थानीय स्तर पर लक्ष्यों को एकीकृत योजना एवं क्रियान्वयन, क्षमता निर्माण, संसाधनों के उपयोग, निगरानी एवं मूल्यांकन के आधार पर हासिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सतत् विकास की परिकल्पना को पूरा करने के लिए विभिन्न हितधारकों के 11 कार्यशील समूह गठित किए गए हैं ताकि योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सके। एसडीजी कॉर्डिनेशन एंड एक्रीडेशन सेन्टर फाउंडेशन सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकते हैं।
जीएसडीपी के परियोजना अध्यक्ष डॉ. गेराल्ड गोवास्की ने सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में इण्डो जर्मन सहयोग के बारे में विस्तारपूर्वक बताया।कार्यक्रम में नीति आयोग के उप-सचिव हेमन्त कुमार और योजना विभाग के प्रधान सलाहकार डॉ. बासू सूद ने भी प्रस्तुति दी।इस अवसर पर विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और हितधारक मौजूद रहे।
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